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GST सर्वे मॉक ड्रिल- The Original Script | जीएसटी सर्वे का एक काल्पनिक स्वरूप – सुधीर हालाखंडी

जीएसटी में सर्वे तो सामान्य रूप से होते ही है और इसके लिए जीएसटी कानून में व्यवस्था की गई है . इन दिनों तो जीएसटी सर्वे हर जगह हो रहें हैं . यहाँ मैंने एक जीएसटी सर्वे की सजीव कल्पना की है . जिसका आप आपकी एसोसिएशन उसके सदस्यों की मदद से मंच पर प्रस्तुत कर प्रोफेशनल्स एवं करदाताओं को जीएसटी सर्वे के तहत आने वाली स्तिथियों को समझा सकते हैं ताकि सर्वे जो कि एक सामान्य विभागीय प्रक्रिया है, का बिना भय और तनाव के सामना कर सके.

इस मॉक ड्रिल का 2 मार्च 2024 को जयपुर में 600 प्रोफेशनल्स और करदाताओं के सामने प्रदर्शित किया था और यह अपने आप में संभवतया इस तरह का प्रथम कार्यक्रम था . यह एक सफल कार्यक्रम था . मैं आज इस मौक ड्रिल की मेरे द्वारा लिखी मूल स्क्रिप्ट आप सब के साथ शेयर कर रहा हूँ ताकि आप भी इस सम्बन्ध में सार्थक प्रयास कर प्रोफेशनल्स एवं करदाताओं का सहयोग कर सकें- Sudhirhalakhandi@gmail.com

Also Read: GST Survey – Mock Drill Script

एकांकी की शुरुआत

पार्ट -1

सुबह का समय है ……….. 65 वर्षीय भागीरथ जी अपनी पत्नी के साथ ड्राइंग में चाय पी रहे थे और सामने आज के अखबार रखे थे . उनकी 61 वर्षीय पत्नी भी साथ बैठी थी . तभी कॉल बेल बजती है.

शान्ति देवी – रामू , देखो तो सुबह -सुबह कौन है ? अभी तो सिर्फ 9 बजे है . कोई भी हो बोल देना भैयाजी शहर से बाहर है .

रामू- जी ! मालकिन .

रामू Drawings Room पार कर घर के गेट की और बढ़ता है ….. दरवाजा खोलता है … बाहर 8-10 लोग हैं उनमें से एक बोलते हैं – मैं डिप्टी कमीश्नर , स्टेट जीएसटी … अपने मालिक से बोलो उनके व्यवसाय का सर्वे है .

रामू- भैयाजी तो शहर से बाहर है . आप बैठिये (वो दरवाजे के बाहर बने स्थान की और इशारा करता है जहां कुछ कुर्सियां रखी थी) मैं बड़े मालिक से बात करता हूँ .

रामू (Drawing Room में प्रवेश करते हुए )- मालिक , जीएसटी ऑफिसर्स है ….. सर्वे है हमारी फर्म का .

भागीरथ जी – अच्छा !!!!! कितने लोग हैं ?

रामू- मालिक 8 -10 लोग हैं .

भागीरथ जी – ठीक है …. तू चाय का इंतजाम कर … मैं बात करता हूँ .

शांति देवी – हे भगवान् !!!!! अब क्या होगा ? विपुल भैया भी यहाँ नहीं है.

भागीरथ जी – अरे भागवान !!! क्यों घबरा रही हो . मैंने 5 साल से व्यापार करना छोड़ दिया और सब कुछ अपने पुत्र विपुल के हाथ में दे दिया है … पर तुम जबरदस्ती मत घबराओ . मैं देखता हूँ . मैंने भी वर्षों व्यापार किया है . ये सब सामान्य बात है .

भागीरथ जी दरवाजा पार कर बाहर की और जाते हैं और वहां इन्तजार कर रहे अफसरों के पास पंहुचते हैं .

भागीरथ जी – नमस्ते सर !

ऑफिसर – मैं , अक्षय कुमार सिंह !!!!! डिप्टी कमीश्नर स्टेट जीएसटी .. आपकी फर्म है मेसर्स जय लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी का सर्वे है .

भागीरथ जी – हाँ , मेरे बेटे विपुल की फर्म हैं … और वही प्रोपराईटर है और उसी फर्म का ऑफिस हमारे घर के नीचे बने कार्यालय में है . मेरा बेटा आज शहर से बाहर है . कोई कोर्ट केस है आज सुबह ही गया है .

अक्षय कुमार सिंह- इस फर्म का सर्वे है . हमें आपके घर की तलाशी लेनी होगी . आप पूरा घर दिखा दीजिये ताकि मेरे आदमी काम शुरू कर सके. यही एड्रेस दिया है .

भागीरथ जी – ठीक है सर … पर इस घर के निचले हिस्से में यह व्यापार चलाया जाता है और ऑफिस और गोदाम भी नीचे ही है . आप घर की तलाशी क्यों लेना चाहते हैं ? चलिए इस सम्बन्ध में आगे बात करते हैं . तब तक आप चाय तो पीजिये . रामू ….. अरे रामू …. 8-10 कप चाय ले आओ.

अक्षय कुमार सिंह- सुनिए सर ! सर्वे की कार्यवाही शुरू होने दीजिये .. हम व्यवसाय स्थल पर कुछ नहीं लेते हैं … बस आप तलाशी की कार्यवाही करने दीजिये.

भागीरथ जी- देखिये सर ! ना तो मैं इस फार्म का मालिक हूँ ना ही यह व्यवसाय स्थल है … यह मेरा घर है . थोड़ा समय दीजिये .. मैंने भी 35 साल ईमानदारी से व्यापार किया है . मुझे अपने बेटे से बात कर लेने दीजिये .

अक्षय कुमार सिंह- देखिये आप कोआपरेट कीजिये .. मुझे सख्ती के लिए मजबूर मत कीजिये . आप अपना मोबाइल भी हमें दे दीजिये … आप कहीं बात नहीं कर सकते .

तब तक रामू एक ट्रे में चाय और बिस्किट लेकर आता है और वहीँ रखी एक टेबल पर रख जाता है .

भागीरथ जी – सर ! आप अपना काम कर रहें है और कानूनन जितना जरुरी होगा उतना आपको पूरा सहयोग दिया ही जाएगा और रही सर्वे की बात वह तो मेरे बेटे के व्यवसाय स्थल का है … आप चाहें तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट चेक कर लीजिये … उसमें व्यवसाय स्थल के रुप में ग्राउंड फ्लोर का एड्रेस है और बाकायदा मैंने इसके लिए अपना सहमती पत्र भी दिया है. यह घर व्यवसाय स्थल नहीं है .

अक्षय कुमार सिंह- आप कहना क्या चाहते हैं ?

भागीरथ जी – यह है कि आप पहले चाय लीजिये … और मुझे फोन पर मेरे बेटे से बात करने दीजिये .

(अक्षय कुमार सिंह अपने स्टाफ से बात करता है …. फिर एक जगह फोन लगाता है और बात करता है जिसकी आवाज बाहर नहीं आती है लेकिन लगता है कि वह थोड़ा टेंशन में है, फिर अपने साथ की फाइल में कुछ कागज़ देखता है और उसके बाद ट्रे से चाय का एक कप उठा लेता है. रामू बाकी सभी लोगों को भी चाय देता है)

अक्षय कुमार सिंह (आवाज को नर्म बनाते हुए )- देखिये भागीरथ जी ! आप अपने बेटे से बात कर लीजिये और फिर सर्वे की कार्यवाही शुरू करते हैं . अगर फोन स्पीकर पर रख सकें तो थोड़ा ठीक रहेगा वैसे आपकी मर्जी … अभी सर्वे फर्म के व्यवसाय स्थल का ही होगा . आप घर पर आराम से रहिये .

भागीरथ जी फोन लगाते हैं …. हेलो ! हाँ बेटा … जीएसटी का सर्वे हैं … बेटा विपुल – अच्छा ! हूँ …… पर पापा …. आप घबराए नहीं .. मैं अपने मैं मैनेजर अशोक को भेज रहा हूँ … आप सारी चाबियां उसे दें दे . ऑफिसर कोई बात कर सके तो मेरी बात करवा दीजिये .

भागीरथ जी – सर !

अक्षय कुमार सिंह- हाँ बात करवा दीजिये !

(भागीरथ जी फोन अक्षय कुमार सिंह की और बढाते हैं )

अक्षय कुमार सिंह- हेलो ! हां डिप्टी कमीशनर अक्षय कुमार सिंह बोल रहा हूँ ..

विपुल – जी नमस्ते सर !

अक्षय कुमार सिंह- नमस्ते , आपकी फर्म का सर्वे है और आप यहाँ है नहीं …

विपुल – जी सर ! (हँसते हुए ) वैसे सुचना होती तो मैं रुक जाता सर ! मैं शाम तक आ जाउंगा . मैं अपने मैनेजर को भेज रहा हूँ . आपको पूरा सहयोग मिलेगा.

अक्षय कुमार सिंह ( थोड़े गरम आवाज में ) – आप होते तो ….

विपुल – जी सर ! आप निश्चिन्त रहिये सर ! आप अपना सरकारी काम करिए और मेरा स्टाफ आपको पूरा सहयोग देगा .. मेरा मैनेजर पास ही रहता है . बस पहुंचता है . बस सर ! एक रिक्वेस्ट है … मेरे पापा बुजुर्ग हैं और उनका मेरे बिजनेस से कोई लेना देना नहीं है … बाकी आपको सारे जवाब मेरा स्टाफ देगा … मैं भी कोर्ट में पेशी होते ही आने का प्रयास करता हूँ .

अक्षय कुमार सिंह- ठीक है … आप स्टाफ को भेजिए … मैं काम शुरू करता हूँ .

अक्षय कुमार सिंह ( साथ वाले ऑफिसर्स से ) – चलो ! ऑफिसर्स …

भागीरथ जी – जी सर ! बस अभी मैनेजर अशोक आ ही रहा है ….. उसे सब पता है … तब तक आप यही इन्तजार कीजिये … मैं चाबी निकालता हूँ .

(सभी लोग चाय पीते हैं … अपने अपने कागज देखते है तभी दरवाजे की घंटी बजती है, रामू दरवाजा खोलता है – मैनेजर अशोक प्रवेश करता है और आते ही भागीरथ जी को प्रणाम करता है और अक्षय कुमार सिंह से हाथ मिलाता है ).

अशोक – गुड मोर्निंग सर ! चलिए ऑफिस में चलते हैं … आइये . मैंने अकाउंटेंट को भी बुला लिया है . आप कहेंगे तो CA साहब से बात करवा दूंगा . या आप कहें तो उन्हें बुला भी लूंगा …. चलिए शुरू करते हैं .. सर भी शाम तक आ जायेगे.

भागीरथ जी की और मुड़ते हुए अशोक कहता है – बाउजी ! आप आराम कीजिये कीजिये … कोई काम हो तो आप नीचे फोन कर दीजिये . भैया ने ख़ास तौर से कहा है आप निश्चित रहिये . इस सर्वे से आपका कोई सम्बन्ध नहीं है .

(सभी नीचे की और प्रस्थान करते हैं )

स्टेज पर पर्दा गिरता है और दुसरे दृश्य की तैयारी होती है

पार्ट 2

एक ऑफिस है जिसमें एक बड़ी टेबल लगी है . एक एग्जीक्यूटिव चेयर है और टेबल के सामने 4 कुर्सियां लगी है और साइड में सोफा और सेंटर टेबल है. एक शेल्फ में 15-20 बॉक्स फाइल्स है . टेबल पर एक डेस्क टॉप कंप्यूटर लगा है और साथ में एक फोन रखा है . एक साइड टेबल है जिस पर भी एक डेस्क टॉप कंप्यूटर एवं प्रिंटर रखा है और दो चेयर लगी है . ऑफिस के हाल को दो हिस्सों में बांटा गया है साथ ही दो कमरे हैं जिन पर पर गोदाम लिखा है . गोदाम पर नम्बर 1 एवं 2 लिखा है .

ऑफिस में बड़ी टेबल के साथ लगी चेयर पर सर्वे में आये अधिकारी एवं कर्मचारी बैठे है. मैनेजर अशोक भी साथ ही खडा है.

अक्षय कुमार सिंह – ( अपने साथियों से )- एक दो को छोडकर आप सभी तलाशी शुरू कीजिये . सारी अलमारियों को देखिये … कोई जगह छूटे नहीं .

अशोक मैनेजर – सर ! एक मिनिट प्लीज ……. पहले सर्वे का औथोराईजेशन दिखा दीजिये .

अक्षय कुमार सिंह – हाँ ! हाँ ! क्यों नहीं …. (एक कागज अशोक को देते हैं )

अशोक मैनेजर – सर ! मैं अपने CA साहब से बात कर लूँ ?

अक्षय कुमार सिंह – हाँ ! जो करना है जल्दी करो भाई … वैसे ही बहुत समय खराब हो चुका है .

अशोक मैनेजर – (फोन मिलाता है ….) हाँ सर ! गुड मोर्निंग ! जी सर सर्वे है … हाँ औथोरैजेशन हैं …. जगह हाँ सर ! ऑफिस वाला ही है पता ……. जी सर ! फर्म का नाम – एक ही है जय ट्रेडिंग कंपनी …….. जी सर ! विपुल सर की प्रोपराईटर शिप में है ……….. नहीं सर ! लैटर में और कोई का फर्म नहीं है ………. हाँ देख रहा हूँ सर ! नहीं भाभीजी वाली फर्म इसमें नहीं है….. जी सर ! औथोरैजेशन तो प्रॉपर है …. हाँ दूसरी फर्म का मैं ध्यान रखूंगा …. जी जरुरत हुई तो आपको आना पडेगा … विपुल सर भी नहीं है ..

अक्षय कुमार सिंह – भाई …. हो गई बहुत बातें … अब मुझे काम शुरू करने दो .

अशोक मैनेजर – सर ! देखिये इस ऑफिस में दो फर्म्स चलती है बायीं तरफ वाला हिस्सा और ये दो अलमारियां इस फर्म की है जिसका सर्वे आपको करना है .. ये सामने वाला गोदाम भी इसी फार्म का है . दायें तरफ वाले अलमारियां और गोदाम दूसरी विजय ट्रेडिंग कंपनी के हैं . दोनों फार्मों के मालिक अलग- अलग है . दोनों फर्मों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दोनों तरफ अलग – अलग लगे हुए है बाहर भी और GST नम्बर भी दोनों फर्मों के अलग- अलग तरफ दीवारों पर लिखे हुए है और इसके अलावा दोनों के गोदाम पर भी ऐसा ही अलग-अलग किया गया है .

अक्षय कुमार सिंह – मैनेजर साब ! बहुत स्मार्ट हो .. थोड़ी सी देर में बहुत ज्ञान दे दिया तुम्हारे CA ने .

अशोक मैनेजर- सर ! आप नाराज ना हों . कानूनी सर्वे है तो मुझे भी थोड़ा ध्यान रखना पडेगा और फिर विपुल सर भी नहीं है तो आप तो जानते हैं मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है …. वैसे भी CA साब हमेशा लगातार इस सम्बन्ध में मेसेज भेजते रहते हैं….. इसलिए थोड़ा बहुत तो जानते ही है .

अक्षय कुमार सिंह – अच्छा ! एक ही पते पर दो रजिस्ट्रेशन क्यों ले रखे हैं तुम लोगों ने …

अशोक मैनेजर- सर ! नीचे का पूरा हिस्सा हमने कवर कर रखा है लेकिन दोनों फर्मों की जगह को अलग- अलग मार्क कर रखा है जहां जो जरुरी है वहां रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लगा रखें है …… गोदाम पर अलग से नम्बर मार्क है और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में भी गोदाम अलग से दर्ज है . दोनों का स्टॉक भी अलग- अलग जगह रखा है.

अक्षय कुमार सिंह- ठीक है भाई …… … चलो छोडो हमने सुन ली तुम्हारी बात… हम केवल उसी फर्म के कागज़ देखेंगे जिसका हमें सर्वे करना है .. बस अब तो खुश !!!! पर तुम भी कन्फर्म करवा देना कि दूसरी तरफ इस फर्म का कोई दस्तावेज नहीं है .

अशोक मैनेजर – जी ! सर … मेहरबानी आपकी .

(सभी अधिकारी एवं कर्मचारी बायीं और की अलमारियां इत्यादि की तलाशी शुरू कर देते हैं – कुछ गोदाम नम्बर -1 की तरफ चले जाते हैं )

अक्षय कुमार सिंह –हाँ मैनेजर साब ! आप अपने एकाउंट्स दिखाइये.

अशोक (मैनेजर )- सर बस दस मिनिट …… मैंने अकाउंटेंट जयकिशन जी और हमारे सहायक अतुल को फोन कर दिया है वो बस आते ही होंगे.

अक्षय कुमार सिंह (गरम होते हुए ) – देखो मिस्टर ! मुझे बरसों हो गए इस डिपार्टमेंट में … तुम्हारे ये बहाने नहीं चलेंगे ….. हमारे पास इतना समय नहीं होता है . ये सब सर्वे डिले करने की पुरानी तकनीक है . तुम एकाउंटस दिखा रहे हो या नहीं मैं सब कम्पुटर और रिकॉर्ड सीज करके ले जाऊं ? तुम फिर डिपार्टमेंट के चक्कर लगाते रहना ….

अशोक – सर ! थोड़ा सा तो समय दीजिये और धीरज तो रखिये आप .

उसके बाद अलमारी से एक फाइल निकालता है और अक्षय कुमार सिंह के सामने रख देता है .

अक्षय कुमार सिंह ( फाइल देखते हुए ) – अच्छा !!!! ये एकाउंट्स है …. तुम तो भाई .. बहुत चालाक आदमी हो तुम .

अशोक – सर ! ये पिछले महीने दिसम्बर 23 तक के सेल्स एवं परचेस की डिटेल्स है और इसके साथ पहले तीन क्वाटर की बैलेंस शीट एवं प्रॉफिट एंड लोस अकाउंट लगे हैं ….. इसके साथ ही Debtors एवं Creditors की लिस्ट है और Stock की लिस्ट है .

अक्षय कुमार सिंह (कागज देखते हुए ) – और दिसम्बर 23 के बाद वाले दिनों में क्या हुआ ? वो तुम दिखाओगे नहीं … अजीब आदमी हो .. तुम्हारे मालिक को बुलाओ नहीं तो मैं सब सीज करके ले जाउंगा ….. कोई मजाक हो रहा है क्या ……….

अशोक – जी सर .. कल शाम तक के सारे एकाउंट्स तैयार हैं .. विपुल सर जब तक एकाउंट्स कम्पलीट नहीं हो अकाउंटेंट को घर नहीं जाने देते … बस वो थोड़ा दूर रहता है .. आ ही रहा होगा.

अक्षय कुमार सिंह – छोडो ये सब ! तुम अपने मालिक को बुलाओ यार ! ऐसे काम नहीं चलेगा .

अशोक – जी सर ! बड़े मालिक ने ऊपर आपको बताया तो था कि विपुल सर तो एक कोर्ट केस के कारण बाहर गए हैं और वे कोशिश भी करें तो भी शाम के पहले नहीं आयेंगे. आप थोडा सा समय दीजिये .

अक्षय कुमार सिंह – अपने दो अधिकारियों को बुलाते हैं …

उनके दो अधिकारी आकर उनके पास खड़े हो जाते हैं .

अक्षय कुमार सिंह – चलो .. आप लोग रिपोर्ट बनाओ .. पार्टी सहयोग नहीं कर रही है और जो भी कम्पुटर डॉक्यूमेंट दिखे सीज कर लो .. इनका मन नहीं है .. ये ऑफिस आकर ही सब कुछ बताएँगे .. इन्हें चक्कर लगाने का शौक है ……पहले कहते हैं घर की तलाशी नहीं ले सकते .. अब कहते हैं एकाउंट्स नहीं दिखायेंगे. मालिक दूसरे शहर में है … सर्वे नहीं है मजाक हो रहा है. सब सामन उठा लो … देखो कुछ छूटे नहीं .

( अशोक कहीं फोन पर बात कर रहा है )

अशोक – अरे ! जयकिशन कहाँ रह गए तुम …….. अच्छा … जल्दी आओ वरना यहाँ तूफ़ान आ जाएगा. विपुल सर भी नहीं है तुम्हे बताया तो था .

अशोक – सर ! आप नाहक ही परेशान हो रहें है … अकाउंटेंट से मेरी बात हो गई है वो आ रहा है .

अक्षय कुमार सिंह – अरे ! इनका फोन भी टेबल पर रखवाओ . मेरी इजाजत के बिना आप फोन पर बात नहीं करेंगे . समझ गए ना …

अशोक – जी सर !

अक्षय कुमार सिंह – (अपने एक अधिकारी से ) – हाँ अनिरुद्ध इनका कम्पुटर चालु करो … देखो क्या है ?

(अशोक चिंतित सा बैठ जाता है )

अक्षय कुमार सिंह – अशोक जी ! तुम्हारे एकाउंट्स जैसे भी हैं जिस भी कम्पुटर में हैं इसे बताओ ..

(अशोक और अनिरुद्ध साइड टेबल पर एक कम्पुटर के साथ बैठ जाते हैं अनिरुद्ध कम्पुटर चालू करता है … कुछ देर कोशिश करता है …..)

अनिरुद्ध – सर ! पास्वोर्ड प्रोटेक्टेड है … अशोक जी पास्वोर्ड दो .

अशोक – सर .. मेरे पास नहीं है वो तो अकाउंटेंट ही बताएगा ..आ रहा है वो सर !

अक्षय कुमार सिंह (लगभग चिल्लाते हुए ) – अच्छा ये चाल है तुम्हारी ! तुम्हारी मर्जी .. चलो इनका हार्ड डिस्क खोल लो और ले चलो … ये सर्वे का मतलब भी नहीं समझते है. मुझे लगता है कोई अकाउंटेंट आयेगा ही नहीं या है ही नहीं … ये यों ही नाटक कर रहे हैं . मुझे तो लगता है इनका मालिक भी ऊपर ही है .

( तभी अकाउंटेंट जयकिशन और एक सहायक अतुल प्रवेश करते हैं ……….

अकाउंटेंट – सर ! मैं आ गया बताइए अब क्या दिखाना है .. कल शाम तक तो मैं सारा काम समाप्त करके गया था . मैनेजर साब ! बहुत टेंशन में हो .. मालिक भी नहीं है .

अशोक – अरे यार ! तुम्हें इतना समय कैसे लग गया .. यहाँ मेरी जान सांसत में आ गई और मालिक को क्या सपना आना था कि आज सर्वे होना है जो वे बाहर जाना टाल देते …… कोर्ट केस हैं उनका …. लाओ पहले अलमारी से मेरी दवा निकालो .

अकाउंटेंट- सर ! मैं और अतुल चाय पीने और नाश्ता करने रास्ते में रुक गए थे .

अशोक – वाह भाई वाह … यहाँ हम मर रहें है और तुम्हें चाय नाश्ते की पड़ी है … क्या ये बहुत जरुरी था क्या ? बिना चाय नाश्ता तुम्हारा काम नहीं चलता क्या ? यहाँ मुसीबत आई हुई है .. ( अशोक क्रोध में बोलते -बोलती बीच – बीच में अधिकारियों की और भी देखता है .. ). एकाउंट्स दिखाने जरुरी है .

अकाउंटेंट- सर ! आप टेंशन ना ले … अब मैं आ गया हूँ .. आपका BP वैसे ही हाई रहता है .. आप दवा ले लो .. मैं देखता हूँ … और सर ! मैं पहले जहां काम करता था वहां भी सर्वे हुआ था और सुबह शुरू हुआ और रात की 11 बज गई थी तो मैंने अतुल को कहा इतनी देर तो हम कैसे भूख से ही मर जायंगे इसलिए पहले थोड़ा नाश्ता करने रुक गए .अब आराम से सर्वे करवा देंगे … आप परेशान ना हो .

(उसकी बात पर अक्षय कुमार सिंह भी मुस्कुराने लगते हैं .. और मैनेजर के चेहरे से थोड़ा सा तनाव कम होता नजर आता है )

अक्षय कुमार सिंह- अरे ! अब तुम लोगों का मेल – मिलाप ख़त्म हो गया हो तो कुछ काम कर लें …. या बातों में ही हमें टालने की तैयारी कर रहे हो …

अशोक – चलो .. अब साहब जो पूँछ रहे हैं वो बताओ … तुम ध्यान रखना सर्वे सिर्फ और सिर्फ विपुल सर की फर्म का है मैं भी कुछ चाय नाश्ता करके आता हूँ …

अक्षय कुमार सिंह – कोई कहीं नहीं जाएगा …. बैठो तुम भी यहाँ …

अकाउंटेंट कम्पुटर पर बैठता है … और कुछ देर बाद एकाउंट्स खोल देता है .. अलमारी से कुछ फाइल्स निकालता है .

अकाउंटेंट- सर ! मैंने एकाउंट्स खोल दिए हैं … ये खरीद की फाइल है … ये वाली बिक्री की .. स्टॉक रजिस्टर कम्पुटर में ही है .. ये बैंक फाइल है .

अक्षय कुमार सिंह अपने दो अधिकारियों को बुलाता है ..

अक्षय कुमार सिंह – इनके एकाउंट्स और डाक्यूमेंट्स अच्छी तरह से चेक कर लो …. बिक्री को ई – वे बिल पोर्टल से मिला लो . स्टोक की लिस्ट ले लो और दो जनों को स्टोक मिलाने पर लगा दो . और देखो तलाशी में क्या मिला है जो भी कागज , डायरी मिले सब इकठ्ठा कर लो )….

(तभी अक्षय कुमार सिंह का फोन बजता है …. वो फोन उठाते हैं )

अक्षय कुमार सिंह – लो अभी काम शुरू ही नहीं हुआ और साहब का फोन आ गया ….. हर तरफ से दबाव है क्या नौकरी है …

अक्षय कुमार सिंह (फोन पर ) – जी सर ………. जी नहीं नहीं सब शुरू हो गया है सर ! हाँ ये तो प्रोडक्ट वाइज सर्वे हैं शहर में दो जगह ही है दूसरी जगह मैंने टीम भेज दी है ………. हाँ सर मैं भी वहां थोड़ी देर बाद जाऊंगा …….. नहीं सर ! अब कोआपरेट पूरा कर रहें हैं ……… अब सर ! शुरू में तो हमें सब सोचना पड़ता है पर काम शुरू हो गया है . देखते हैं क्या नतीजा रहता है … जी सर ! मैं जा रहा हूँ सर ! वहां से भी रिपोर्ट करता हूँ .

अक्षय कुमार सिंह एक अधिकारी को बुलाता है ….

अक्षय कुमार सिंह – देखिये नरेंद्र जी ! अब आप यहाँ का काम देखिये .. साहब का फोन आया था … मैं दूसरी साईट पर जा रहा हूँ .. कोई दिक्कत हो तो फोन करिए .. और हाँ कुछ छूटे नहीं .. कोई टैक्स की चोरी छूटनी नहीं चाहिए . मुझे भी आगे जवाब देना पड़ता है .

नरेंद्र कुमार – जी सर ! मैं सब देख लूंगा … आप अपने समय पर आ जाइयेगा . बाकी सब मेरे ऊपर छोड़ दें .

अक्षय कुमार सिंह- हाँ हाँ भाई ! सर्वे में तो तुम्हें सब डिपार्टमेंट का सबसे काबिल ऑफिसर समझते हैं .. चलों मैं दूसरी साईट पर जाता हूँ …

अक्षय कुमार सिंह चले जाते हैं … अब नरेंद्र कुमार और एक और अधिकारी अकाउंटेंट जयकिशन के साथ कम्पुटर पर बैठ जाते है ….

अकाउंटेंट जयकिशन उन्हें एकाउंट्स दिखाता है और दोनों अधिकारी ध्यान से एकाउंट्स देखते हैं ..

नरेंद्र कुमार- पहले आप स्टॉक की लिस्ट निकाल दो …

अकाउंटेंट स्टॉक की लिस्ट का प्रिंट देता है …

अकाउंटेंट जयकिशन – लीजिये साब ! दो तरह माल है .. कल तक की स्टॉक लिस्ट कम्पलीट है . एक में 72 कार्टून हैं और दुसरे में 101 कार्टून , इनमें से कुछ जम्बो कार्टून है .. जिनकी संख्या भी इसमें लिखी है . अतुल जाओ साब को चेक करवा दो … थोड़ा ढंग से चेक करवाना .. कोई फर्क आने का कोई प्रश्न ही नहीं है .. अभी पिछले हफ्ते ही मैंने और मालिक ने चेक किये हैं .

(अतुल और दो अधिकारी गोदाम की और चले जाते हैं . मैनेजर अशोक एग्जीक्यूटिव चेयर पर बैठकर अखबार पढ़ रहा है.. वो एक गोली पानी के साथ लेते हैं और अब उसके चेहरे पर थोड़ा तनाव कम है . )

अशोक (नरेद्र कुमार से ) – सर ! मैं यही हूँ … कोई भी काम हो तो आप मुझे बता देना .. बस आप इजाजत दें तो मैं ऊपर से ही चाय इत्यादि मंगवा लूँ .

नरेंद्र कुमार- ठीक है देख लो … पर आप कहीं जाना मत. अशोक ऊपर फोन लगाता है .. )

नरेंद्र कुमार- चलो भाई … अकाउंटेंट साब ! पहले आप पिछले महीने के सेल बिल चेक करवा दो और खरीद के बिल भी … सेल बिल को ई -वे बिल से मिलवा दो और इसी तरह खरीद बिलों को भी इसी तरह चेक करवाओ . फिर इन दोनों को स्टॉक रजिस्टर से मैच करवा दो …

(दोनों बिल इत्यादि मिलाते है … नरेंद्र कुमार बीच बीच में कुछ नोट करते हैं )

नरेद्र कुमार – अब आपके Creditors की एजिंग चेक करवा दो … 180 दिन के बाद कितना भुगतान है .

अकाउंटेंट जयकिशन – सर ! वैसे तो हमें तीन माह की ही क्रेडिट मिलती है लेकिन दो बार हमने बैंक की कोई समस्या के कारण 180 दिन के बाद भुगतान किया था लेकिन उसकी इनपुट क्रेडिट को रिवर्स कर दिया था और उसके बाद उसे तभी वापिस लिया था जब भुगतान हो गया थी . ये मैं आपको 3 B की कॉपी दे देता हूँ जिसमें रिवर्स किया है और उसकी कॉपी भी जिसमें वापिस लिया है इन दोनों के पीछे स्टेटमेंट भी लगा है . हाँ सर इसका और कुछ दूँ क्या ?

नरेद्र कुमार – हाँ और बेचने वाले के लेजर की कॉपी भी. हाँ उसके ब्याज का क्या हुआ जो क्रेडिट तुमने रेवेर्स की …

अकाउंटेंट जयकिशन – सर ! वो सीए साहब ने कैलकुलेट किया था और मैंने जमा करा दिया .. उसकी डिटेल्स भी दे रहा हूँ.

नरेद्र कुमार – ठीक है … अब ट्रांसपोर्ट अकाउंट निकालो …. और RCM की डिटेल्स भी निकाल दो .. RCM भर भी रहे हो या नहीं …

अकाउंटेंट जयकिशन – सर ! मैं देता हूँ …. RCM बराबर भरा है और इसमें हमारा जाता कुछ नहीं है सर . इधर भरा और उधर क्रेडिट मिल जाती है . ये लीजिये सर डिटेल्स … (कुछ प्रिंट आउट्स निकाल कर देता है )

नरेद्र कुमार – और हाँ …. टैक्स की डिटेल्स दो …. समय पर जमा कराते हो .

अकाउंटेंट जयकिशन – जी सर ! सर ने बोल रखा है … 20 तारीख आखिरी है पर हमें 18 तारीख को टैक्स जमा करवा कर सीए साहब को रिटर्न भेजना होता है . आप चेक कर लीजिये टैक्स हमेशा 18 तारीख को ही जमा है .. टैक्स ऑनलाइन जमा होता है इसलिए 18 को SUNDAY भी हो तो कोई फर्क नहीं पड़ता . हमारा ऑफिस SUNDAY को भी दो घंटे खुलता है … ये एक फाइल है जिसमें सभी चालान की कॉपी लगी है . इनमें से जिसकी भी आप कहेंगे अतुल फोटो कॉपी कर देगा .

नरेंद्र कुमार – क्रेडिट नोट और डेबिट नोट …

अकाउंटेंट जयकिशन- एक और फाइल बढाते हुए कहता है – इसमें क्रेडिट नोट और डेबिट नोट दोंनो है … सबकी डिटेल्स मैं दे रहा हूँ इस एक और फाइल में हमारे सभी फाइल किये हुए 3B और GSTR -1 की कॉपी है आप चेक कर ले. इसके अलावा एक और फाइल में हमने GSTR -2 B डाउनलोड किये हैं उनसे आप हमारे GSTR -3 B में ली हुई क्रेडिट मिला लें . पिछले सालों के भी सभी फॉर्म्स इसमें लगे हैं सर .

( बाकी सभी अधिकारी भी फाइल्स एवं डाक्यूमेंट्स देख रहें है )

मैनेजर अशोक अपनी कुर्सी से उठता है और उनके पास आता है .

मैनेजर अशोक – सर ! मै आप कहें तो मैं CA साहब को बुला लूँ .. मेरी बात उनसे हो चुकी है .

नरेंद्र कुमार – चलो बुलो लो नहीं तो तुम दोनों मिल कर हमारी रात यही कर दोगे .

(नरेंद्र कुमार फिर से डाक्यूमेंट्स देखना शुरू करते हैं )

नरेद्र कुमार – देखो ! ये क्या है ? तुम्हारे इस seller ने अपना मार्च 23 का रिटर्न दिसम्बर 23 में भरा है और इसमें तुम्हारी क्रेडिट भी 1.25 लाख रूपये है. .

अकाउंटेंट जयकिशन- सर ! हमने तो उसे टैक्स दिया है और भुगतान भी किया है ……. आखिर तो seller ने भी कर भी ब्याज समेत चुका दिया है . सरकार को कर तो मिल ही गया है .

नरेद्र कुमार – भाई कानून तो कानून है …. इसकी क्रेडिट तो नहीं मिलेगी . इसे रिवर्स करना ही पडेगा .

अकाउंटेंट जयकिशन- सर ! मेरे हिसाब से तो ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए .

नरेद्र कुमार – भाई ! कानून तुम्हारे हिसाब से थोड़े ही चलेगा. जीएसटी का रूल 36 (4) तो सुना होगा तुमने .. सेक्शन 16 (2) का नया सब क्लॉज़ भी देख लो .. ये क्रेडिट तो तुम्हे नहीं मिलेगी या फिर इनपुट क्रेडिट के सारे नियम पढ़ लो …

अकाउंटेंट जयकिशन- जी सर ! अब इतना तो मैं समझता नहीं हूँ . ये सब तो उलझाने वाले कानून लगते है …

नरेद्र कुमार – और यह देखो तुमने ये एक क्रेडिट जो कि दिसम्बर 23 के रिटर्न में ली है … ये फरवरी 23 के बिल की है . तुमने खुद ही पेन्सिल से मार्क लगा रखा है कि 25 हजार की क्रेडिट फरवरी 23 के बिल की है .

अकाउंटेंट जयकिशन- जी सर ! ये मैं उस दिन ऑडिट नोट्स देख रहा था … इस बिल की क्रेडिट छूट गई थी … मैं नोट्स देखने में लेट हो गया तो फिर जब मैंने देखा तो दिसम्बर 23 में ले ली .. आखिर हमने माल खरीदा है और टैक्स भी दे दिया है और भुगतान भी कर दिया है … आखिर इनपुट तो लेंगे ही सर .

नरेद्र कुमार – भाई ! वैसे तो तुम कह रहे थे कि कानून की काफी जानकारी रखते हो. इस मामले में सेक्शन 16(4) के तहत तुम क्रेडिट लेने में लेट हो गए ये क्रेडिट भी तुम्हे नहीं मिलेगी.

अकाउंटेंट जयकिशन- ये कैसा कानून है…. जीएसटी हमारी मदद के लिए आया था या हमें उलझाने के लिए …. मैंने तो सुना तो जीएसटी अप्रत्यक्ष करों में सरलीकरण के लिए लाया गया था CA साहब आ रहें है … वही बात करेंगे इस बारे में .

( तभी CA राहुल शर्मा प्रवेश करते हैं )

अकाउंटेंट जयकिशन- नमस्ते सर ! आइये अब आप सम्हालिए …

CA राहुल शर्मा- नमस्ते कुमार साब ! कहिये कैसे चल रहा है सर्वे … कुछ मिला ?

नरेद्र कुमार – आइये ! शर्मा साब ! इस सर्वे मैं भी आप !!!!! अभी दो दिन पहले वाले सर्वे में भी आप ही थे .

CA राहुल शर्मा- क्या करें साब !!!! आपकी नजर हमारे क्लाइंट्स पर कुछ ज्यादा ही है और फिर इस फर्म के मालिक तो मेरे मोर्निंग वॉक के साथी है और दोस्त भी …

नरेद्र कुमार – (हँसते हुए … ) ऐसा कुछ नहीं है शर्मा साब कि हमारी नजर आपके क्लाइंट्स पर ही है … हम तो खुद ऊपर के हुक्म पर आते हैं …

CA राहुल शर्मा- चलिए …… कहाँ तक पहुंचे ……

नरेद्र कुमार – हाँ … ये देखिये 1.25 लाख रूपये की इनपुट क्रेडिट रिवर्स करनी पड़ेगी . इनके बेचने वाले ने मार्च 23 का रिटर्न देखिये कब भरा है . दिसंबर 23 में …. और ये दूसरी 25 हजार रुपए की क्रेडिट इन्होने समय बीतने के बाद ली है …. जयकिशन जी CA साब को ये दोनों डिटेल्स दिखा दो …

CA राहुल शर्मा- चलिए … ये तो 16(4) और 36(4) के मामलें है …. आप इसे नोट कर लीजिये …. दोनों ही विवादित प्रावधान है …. आप नोटिस देंगे मैं इसका जवाब दे दूंगा. ये मुद्दे कई जगह चल रहे है….. इसमें सरकार को टैक्स तो मिल ही गया है . हो सकता है आपके नोटिस के जवाब देने तक हमारे पक्ष में कोई फैसला आ जाए या सरकार ही कोई राहत दे दे .

नरेंद्र कुमार – ठीक है शर्मा जी ! आप नोटिस ही चाहते हैं तो नोटिस दे देंगे.

(कुछ नोट करते हैं )

नरेद्र कुमार – अच्छा !!!! तुम्हारी बिक्री कितनी है ?

अकाउंटेंट जयकिशन – कल तक 6 करोड़ 53 लाख हो चुकी है …

नरेद्र कुमार – ई – INVOICING हो रही है …

अकाउंटेंट जयकिशन – नहीं सर !

नरेद्र कुमार – अरे ! तुम्हे हर बिल पर 10 हजार रूपये जुर्माना देना होगा और तुम्हारे खरीददार की क्रेडिट भी रुक जाएगी . ई – INVOICING क्यों नहीं करते हो … 5 करोड़ के ऊपर तो जरुरी है … क्यों CA साब ?

अकाउंटेंट जयकिशन घबरा कर मैनेजर की तरफ देखता है … अशोक उठकर आता है .. कुछ चिंतित नजर आता है ….

अशोक – सीए साहब ! ये ई – INVOICING की समस्या बता रहें हैं ……….. पेनाल्टी भी खूब हैं. अब क्या करें … आप कुछ बात करो … ई – INVOICING तो हमने की नहीं है …. आप ही बात करो साब से …

CA राहुल शर्मा – अरे ! यार तुम शांति तो रखो . तुम्हें मैंने अगस्त के पहले मेसेज भेजा तो था कि 2017 के बाद यदि किसी भी बीते साल में आपका टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है तो ई – INVOICNG करनी है . तुम बीते हुए सालों का टर्नओवर देखो.

अशोक मैनेजर – सर ! यह कैसे गलती हुई … मैं देखता हूँ .. देखो जयकिशन – भाई ! पिछली ऑडिट रिपोर्ट निकालो … हाँ …. हाँ यही …. ये देखिये साब पिछली सेल हमारी 4 करोड़ 52 लाख ही थी इसके पहले भी कभी 5 करोड़ को क्रॉस नहीं किया. ये तो इसी साल ही क्रॉस हुई है .

CA राहुल शर्मा – तो इ- INVOICNG तो तुम्हारे पर अभी लागु ही नहीं है ….यह तो आप पर 1 अप्रैल 2024 से लागू होगी . चलिए कुमार साब ! ये मुद्दा भी ख़त्म हुआ है .

नरेद्र कुमार – OK ठीक है भाई ! आपके CA साब भी काफी स्मार्ट है …

नरेद्र कुमार – ये देखिये ….. ये आपकी टैक्स फ्री की सेल है .. और इसी खाते में आपने टैक्सेबल खरीद भी की है … ये क्या है ?

अकाउंटेंट जयकिशन – सर ! ये दो मटेरियल मिक्स होकर बनता है … एक टैक्सेबल है और फाइनल प्रोडक्ट करमुक्त है …. ये विपुल सर का नया प्रोजेक्ट है . मिक्सिंग गोदाम में ही होती है .

नरेद्र कुमार – इस एंट्री से तो लगता है तुमने टैक्स फ्री माल के लिए प्रयुक्त टैक्सेबल माल की भी क्रेडिट ली है …

अकाउंटेंट जयकिशन – हाँ ली तो है …. टैक्स भी तो दिया है ना सर इस पर .

नरेद्र कुमार – अब इसे तो रिवर्स करवा दो CA साब ! टैक्स फ्री माल बनाने के लिए लिए गए टैक्सेबल माल की भी इनपुट क्रेडिट ली है .

CA राहुल शर्मा – अरे जयकिशन जी मुझे दिखाइए !!! हाँ …….. ये सेल दिखाओं … अच्छा ये तो आपने एक्सपोर्ट किया है .

अकाउंटेंट जयकिशन – हाँ सर ! ये तो विपुल सर का नया एक्सपोर्ट प्रोजेक्ट है … लेकिन ये माल तो टैक्स फ्री है .

CA राहुल शर्मा – हाँ भाई माल तो टैक्स फ्री है लेकिन यह एक्सपोर्ट हुआ है इसलिए इसमें काम आये टैक्सेबल गुड्स की क्रेडिट मिल जायेगी .

नरेद्र कुमार – अरे ! यार कहीं तो कुछ मानो … या सारा सर्वे ही हमारा ऐसा ही जायेगा . वैसे आपकी तैयारी बहुत अच्छी है .. कम ही जगह ऐसा होता है .

CA राहुल शर्मा – चलिए सर ! अब जो है आपके सामने है .

नरेद्र कुमार – चलो अब स्टॉक देखते हैं ..

अशोक- (आवाज देते हुए ) – अतुल देखो , स्टॉक का क्या हुआ .

अतुल (अंदर आते हुए ) – सर ! बस हो गया है … मैं चेक कर रहा हूँ. पता नहीं क्यों 6 कार्टून का फर्क आ रहा है . दोनों ही तरह के स्टॉक अभी पिछले हफ्ते ही मिलाया थे बराबर आ रहे थे और कोई फर्क नहीं आया था.

नरेद्र कुमार – (गोदाम की और देखते हुए )- अरे ! उन दोनों ऑफिसर्स को बुलाओ …

गोदाम से निकल कर दो ऑफिसर्स आकर खड़े हो जाते हैं …..

नरेंद्र कुमार – क्यों भाई … क्या फर्क है .

एक ऑफिसर – सर ! इनकी लिस्ट से 6 कार्टून कम है और इन छः की कीमत 10 लाख रूपये करीब है . 10 जम्बो साइज़ कार्टून इनकी लिस्ट में आ रहे हैं लेकिन अन्दर 4 ही है .

नरेंद्र कुमार – चलो ….. कुछ तो मिला … देखो इनका अकाउंटेंट और मैनेजर क्या कहते हैं . CA साहब आप देखो .

CA राहुल शर्मा (चिंतित होते हुए ) – जी सर ! क्या अशोक जी …. क्या पोजीशन है …

मैनेजर अशोक गोदाम की तरफ जाता है….. अन्दर कुछ बात करने और फोन पर बात करने की आवाज आती है …….. लेकिन आवाज बाहर समझ नहीं आता है .

मैनेजर अशोक बाहर आता है …..

मैनेजर अशोक – सर ! स्टॉक तो कम है …. विपुल सर के दोस्त की फैक्ट्री को

अर्जेंट माल की कल रात को जरुरत थी ….. सर सुबह बिल बनाने वाले थे लेकिन वो तो सुबह जल्दी ही चले गए … माल तो वो रात को ही ले गए ….. और फिर सुबह सर्वे भी शुरू हो गया ….. बाकी कर चोरी का हमारा कोई इरादा नहीं था .

नरेंद्र कुमार – भाई ! सब ठीक है ……. लेकिन माल क्या बिना बिल और बिना ई -वे बिल के ही भेज दिया . ठीक है भाई दोस्ती में सब ऐसा करना पड़ता है . तो CA साहब केल्कुलेट कर लो और पेनाल्टी के साथ टैक्स जमा कराओ.

अपने ऑफिसर्स से – टैक्स की दर कितनी है भाई इस पर ..

ऑफिसर – 18 % है सर ….

CA राहुल शर्मा- ठीक है सर ! देख लीजिये …. मैं विपुल से बात करता हूँ …. फोन लगाते हुए बाहर की और जाते हैं ..

(CA राहुल शर्मा वापिस आते हैं …. )

CA राहुल शर्मा- सर ! देख लीजिये …. इनोसेंट गलती है .. आप देख लीजिये …. विपुल जी भी बस पंहुच रहे है .

नरेंद्र कुमार – CA साहब …. ई -वे बिल और बिल के बिना ही माल चला गया और आप इसे इनोसेंट गलती कह रहें है … इस पर तो आप टैक्स और पेनाल्टी भर दीजिये ….. बाकी तो सब ठीक है … इसके बाद मैं सर्वे बंद कर दूंगा. बाद आपको 16(4) इत्यादि का इनपुट क्रेडिट का नोटिस भी दे देंगे…. जैसा कि आपने कहा है. वो मामला आप ऑफिस आकर निपटाना … ठीक है

(तभी एक स्मार्ट नौजवान प्रवेश करता है … नीली जींस और सफ़ेद शर्ट में …. )

विपुल – सर ! मैं विपुल इस फर्म का मालिक ….. नमस्ते सर . नमस्ते CA साब ! कैसे है आप .

नरेंद्र कुमार – नमस्ते भाई ….. बड़ी देर कर दी आते आते ……. पर आपका स्टाफ ठीक है और फिर CA साहब भी आ गए तो सब आसान हो गया .

विपुल – सर ! सब ठीक है …… वैसे भी मैं बहुत सोच समझ कर काम करता हूँ ….

नरेंद्र कुमार – हाँ … यह तो है … बस वो शोर्ट स्टॉक पर टैक्स और पेनाल्टी देनी है और इनपुट क्रेडिट का मामला भी है ..

विपुल – सर ! वो तो गलती से हो गया …. वो मेरे दोस्त की फैक्ट्री थी…. मैंने मना भी किया …. लेकिन क्या करें दोस्ती में करना पड़ता है … कर चोरी करने की कोई नीयत नहीं थी …

नरेंद्र कुमार – ठीक है भाई ….. देखो जो हो गया वो हो गया ….. आप भर दो ….. क्यों कि अब बात निकलेगी तो दूर तक जायेगी….. चलो भाई अब कुछ तो सरकार को भी कॉपरेट करो. कानून का उल्लघन तो आपने किया ही है .

विपुल – CA साब ! आप देखो …..

नरेंद्र कुमार – CA साब की हर वाजिब बात मैंने मानी है … मैंने तुम्हारी कहानी भी सुनी … अब तुम मेरी कहानी सुन लो .. अभी तो तुमने बता दिया कि दोस्त की फैक्ट्री में माल गया और मैंने भी मान लिया …. लेकिन ई – वे बिल का क्या ? इसका भी तोड़ है तुम्हारे पास … आज सर्वे नहीं होता तो 10 लाख रूपये के अलग- अलग 5 बिल बना देते … ई – वे बिल का झंझट भी ख़त्म कर देते …. अब मुझे ये नहीं पता इससे तुम्हें हासिल क्या होता … ये तुम्हारी स्टैण्डर्ड प्रेक्टिस भी हो सकती है या मैं ऐसा ही मान सकता हूँ अगर आप कॉपरेट नहीं करते हैं तो … इसलिए इस झंझट को यही ख़त्म कर दो . इसी में तुम्हारी भलाई है. बाकी तुम जानो और तुम्हारे CA साहब. वैसे मेरी बात सुन लो ….. जीएसटी में कानून के साथ खेलने की इजाजत नहीं है .

विपुल –हूँ …… चलिए ….. अब आपकी बात माननी ही पड़ेगी ….. आप बता दीजिये क्या जमा करना है …

(नरेंद्र कुमार एक कागज पर कुछ लिखते है फिर साथ रखे कैलकुलेटर से कुछ कैलकुलेट करते हैं …… फिर कागज़ विपुल की और बढ़ा देते हैं …

विपुल- सर ! ये तो कुछ ज्यादा ही हो गया है …. सर कुछ तो एडजस्ट कीजिये ना .

नरेंद्र कुमार- CA साहब आप चेक कर लीजिये …. और इन्हें थोड़ा कानून भी समझा दीजिये … ये एडजस्ट क्या होता है ?

CA राहुल शर्मा कागज देखता है …. फिर विपुल की और बढ़ा देता है …

CA राहुल शर्मा – भाई कोई रास्ता नहीं है .

विपुल – अशोक जी आपके पास पास्वर्ड है आप जमा कराइए. चालान जमा कराते समय CA साब से कन्फर्म कर लेना …. अब गलती हो ही गई है तो क्या कर सकते हैं ..

( निराश होकर बैठ जाता है )

नरेंद्र कुमार – चलिए CA साहब ! आप पैसे जमा करवा कर DRC-03 जारी कर दें . आगे मैं देख लूंगा . 16 (4) और 36 (4) के मामले में मैं आपको नोटिस दे ही दूंगा. मैं बाकी कागज तैयार करता हूँ फिर इनके साइन करवा लेते है और इस सर्वे को यहाँ समाप्त करते हैं ….

फिर विपुल की और देखते हुए – CA साहब……. भाई बहुत निराश हो रहा है .. इसे समझाओ सस्ते में छूट गया है …

(तभी रामू एक बड़ी ट्रे में नाश्ता और चाय लेकर प्रवेश करता है उसके साथ एक और लड़का होता है दोंनो सभी को चाय और नाश्ता सर्व करते हैं )

पर्दा गिरता है

  • समाप्त

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