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जीएसटी एक्ट के अपडेट

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ( CBIC ) ने माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के कार्यशील होने तक बकाया राशि की वसूली के लिए नए दिशानिर्देश Circular No.224/18/2024/GST/DATE 11.07.2024 जारी किए हैं। यदि 

 करदाता अपने इलेक्ट्रॉनिक देयता रजिस्टर के माध्यम से पूर्व-जमा राशि का भुगतान करके और क्षेत्राधिकार वाले उचित अधिकारी के पास एक वचन पत्र दाखिल करके कर वसूली प्रक्रिया से बच सकते हैं। गुरुवार देर रात जारी किए गए परिपत्र से यह सुनिश्चित किया गया है कि न्यायाधिकरण की अनुपस्थिति के कारण करदाताओं को वसूली कार्यवाही में मजबूर न होना पड़े। अप्रत्यक्ष करों के शीर्ष निकाय ने फॉर्म जीएसटी DRC-03 के माध्यम से किए गए भुगतानों को पूर्व-जमा आवश्यकताओं के लिए समायोजित करने के लिए एक तंत्र शुरू किया है। जो सामान्य पोर्टल पर उपलब्ध होगा। करदाता भुगतान करने के बाद, उचित अधिकारी को सूचित कर सकते हैं।, जिन्हें वसूली कार्यवाही में देरी करनी पड़ती है। परिपत्र में कहा गया है, “करदाता को क्षेत्राधिकार वाले उचित अधिकारी के पास एक वचन पत्र/घोषणा भी दाखिल करनी होगी  ।कि वह अपीलीय प्राधिकरण के उक्त आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपील दायर करेगा।जब भी यह सीजीएसटी अधिनियम की धारा 112 में उल्लिखित समयसीमा के भीतर लागू होगा।” परिपत्र में कहा गया है कि जमा न होने पर, वसूली कार्यवाही केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अनुसार शुरू होगी।

इस परिपत्र में धारा 168 (1) के द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्देश जारी किया गया है। जीएसटी अधिनियम की धारा 112 के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के पास न्याय अधिकरण के समक्ष प्रथम अपीलीय प्राधिकारी या पुनरीक्षण अधिकारी द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध अपील का वैधानिक उपाय हैI सीजीएसटी अधिनियम की धारा 78 के अनुसार वसूली करवाई तब शुरू की जानी है। जब राशि आदेश की तामिली की तिथि से 3 माह की अवधि के भीतर भुगतान नहीं की जाती है। तब उस पर ध्यान दिया जाता है। यदि कोई व्यक्ति सीजीएसटी अधिनियम की धारा 112 के (8)  के अंतर्गत अपील दाखिल करता है। तो शेष राशि के लिए वसूली की कार्रवाई धारा 112 के( 9 )के अंतर्गत स्टे मानी जाएगी ।क्योंकि इस समय अपीलीय न्यायाधिकरण की धारा 112 के अंतर्गत अपील दाखिल करना संभव नहीं है। अतः धारा 112 के( 8) के अंतर्गत पूर्व जमा के लिए DRC 03 द्वारा राशि जमा करना चाहिए। तो मांग धारा 112(9) स्टे होगी।

जीएसटी एक्ट के नवीनतम अपडेट करदाताओं के लिए नई दिशा-निर्देश और तिथियां

इससे पहले जून में CBIC ने कहा था। कि अधिकारियों को मांग आदेश की तामील के निर्धारित तीन महीने से पहले जीएसटी बकाया की वसूली नहीं करनी चाहिए। केवल तभी जब व्यक्ति ऐसे आदेश की तामील की तारीख से तीन महीने के भीतर राशि का भुगतान नहीं करता है।तो कर अधिकारी वसूली की कार्यवाही शुरू कर सकते हैं।

जीएसटीआर-4 के लिए नई फाइलिंग तिथि: अधिसूचना संख्या 12/2024 दिनांक 10.07.2024 से प्रभावी 

 समग्र(Composition) करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जीएसटीआर-4 जीएसटी व्यवस्था के तहत एक वार्षिक रिटर्न है। जिसे समग्र Compositionकरदाताओं को दाखिल करना आवश्यक है। वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2023-24 तक, जीएसटीआर-4 दाखिल करने की नियत तिथि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद 30 अप्रैल थी। हालाँकि, अब यह नियत तिथि बदल दी गई है। 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटीआर-4 के लिए एक नई फाइलिंग तिथि पेश की गई।जिसे आधिकारिक तौर पर 10 जुलाई, 2024 की अधिसूचना संख्या 12/2024 के माध्यम से अधिसूचित किया गया है। इस संशोधन का उद्देश्य समग्र करदाताओं को अपने वार्षिक रिटर्न को सही ढंग से दाखिल करने के लिए अधिक समय प्रदान करना है। जीएसटी एक्ट के नियम 62 मेंसंशोधनGSTR-4 के लिए नई तिथि अधिसूचना संख्या 12/2024 दिनांक 10 जुलाई 2024 में संशोधन का विवरण इस प्रकार है:

उक्त नियमों में, नियम 62 में, उप-नियम (1) के पश्चात् निम्नलिखित अंत:स्थापित किया जाएगा, अर्थात्: “बशर्ते कि वित्त वर्ष 2024-25 से आगे के लिए फॉर्म जीएसटीआर-4 में रिटर्न पंजीकृत व्यक्ति द्वारा ऐसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद जून की 30  तारीख तक प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित होगा।”

इस संशोधन से जीएसटीआर-4 दाखिल करने की समयसीमा दो महीने बढ़कर 30 अप्रैल से 30 जून हो गई है।

जीएसटीआर-4 क्या है?

जीएसटीआर-4 एक रिटर्न है। जिसे जीएसटी व्यवस्था के तहत समग्र(Composition )करदाताओं को सालाना रिटर्न दाखिल करना होता है। समग्र (Composition) करदाता वे हैं। जिन्होंने जीएसटी के अंतर्गत समाधान संयोजन योजना का विकल्प चुना है।जो उन्हें निश्चित टर्नओवर का एक निश्चित प्रतिशत कर के रूप में भुगतान करने और सीएमपी (CMP)-08 का उपयोग करके तिमाही रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है। यह योजना अनुपालन को सरल बनाने और छोटे करदाताओं पर बोझ कम करने के लिए बनाई गई है।

मुख्य परिवर्तन

पुरानी तारीख: जीएसटीआर-4 दाखिल करने की पिछली अंतिम तिथि आगामी वित्तीय वर्ष की 30 अप्रैल थी।नई तारीख़: वित्त वर्ष 2024-25 से शुरू होने वाली नई नियत तारीख, आगामी वित्तीय वर्ष की 30 जून है।

परिवर्तन का प्रभाव

दाखिल करने की तिथि को 30 जून तक बढ़ाने से समग्र (Composition) करदाताओं को कई लाभ मिलेंगे:

सही फाइलिंग के लिए अतिरिक्त समय

करदाताओं के पास अब अपने वार्षिक रिटर्न को संकलित और सत्यापित करने के लिए अतिरिक्त दो महीने का समय है। जिससे त्रुटियों का जोखिम कम हो जाएगा और अधिक सही फाइलिंग सुनिश्चित होगी।

वित्तीय वर्ष का सही समापन: विस्तारित समय सीमा से व्यवसायों को अपने वित्तीय खातों को बंद करने और GSTR-4 दाखिल करने के लिए आवश्यक डेटा तैयार करने के लिए अधिक समय मिलता है। अतिरिक्त समय से फाइलिंग सीजन के दौरान दबाव कम करने में मदद मिलती है। जिससे व्यवसायों को अपने संसाधनों का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद मिलती है।

बेहतर अनुपालन: अधिक समय उपलब्ध होने से, समग्र(Composition )करदाताओं द्वारा समय-सीमा चूकने की संभावना कम हो जाती है। जिससे समग्र अनुपालन दर में सुधार होता है।

जीएसटीआर-4 दाखिल करने के आवश्यक निर्देश

सुचारू फाइलिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए, समग्र (Composition)करदाताओं को इन निर्देशों का पालन करना चाहिए:

डेटा एकत्र करें और सत्यापित करें: अपने वार्षिक कारोबार, खरीदारी और अन्य प्रासंगिक लेनदेन से संबंधित सभी आवश्यक डेटा एकत्र करें।

रिटर्न तैयार करें: अपने GSTR-4 रिटर्न को सही तरीके से तैयार करने के लिए GST पोर्टल का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि सभी विवरण सही तरीके से दर्ज किए गए हैं।

समीक्षा करें और सबमिट करें: जीएसटी पोर्टल पर सबमिट करने से पहले किसी भी त्रुटि या चूक के लिए तैयार रिटर्न की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें। किसी भी विलम्ब शुल्क या दंड से बचने के लिए नई देय तिथि, 30 जून से पहले रिटर्न दाखिल करें।

 विशेष 

जीएसटी परिषद की तरह 53वी मीटिंग के पश्चात उसके अनुपालन में विभाग द्वारा विभिन्न अधिसूचना / सर्कुलर जारी किए जा रहे हैं। जिसमें करदाताओं को अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने की कोशिश की जा रही है ।इस लेख के माध्यम से हाल ही में जारी  सर्कुलर के माध्यम से विभाग ने  प्रथम अपील दाखिल की गई तथा करदाता के विरुद्ध पारित की गई है ।उसमें लाभ देने के उद्देश्य (क्योंकि न्यायाधिकरण की स्थापना नहीं हुई है) उसी को ध्यान में रखते हुए करदाता को सूचित किया है। कि वह न्याय न्यायाधिकरण अपील शुल्क पोर्टल के माध्यम से जमा करते हुए प्रॉपर ऑफिसर के पास एक वचन पत्र तथा जमा धनराशि का प्रमाण प्रस्तुत करते हुए, निवेदन करेगा। कि हम अभी  न्यायाधिकरण में इस अपील के विरुद्ध अपना वाद प्रस्तुत करेंगे। अतः मांग को स्टे किया जाय।उस स्थिति में उचित अधिकारी उसे मांग को स्टे करके रखेगाI

जीएसटीआर-4 दाखिल करने की तिथि में बदलाव समग्र(Composition) करदाताओं के लिए एक स्वागत योग्य राहत है। जिससे उन्हें सटीक और समय पर सबमिशन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है। यह संशोधन अनुपालन बोझ को कम करने और छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए जीएसटी परिषद की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

यह लेखक के निजी विचार हैं। यह केवल जानकारी हेतु जारी किए गए हैं ।इनका विधिक प्रयोग अपने विवेक पर करें। जिसके लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होंगे।

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मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक View Full Profile

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