Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

भारत में बढ़ते हुए बाजार के प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार ने ग्राहक / उपभोक्ता के अधिकारों को संरक्षित करते हुए उपभोक्ताओं के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 बनाया ।जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना, तथा एक्ट में उपभोक्ताओं को छह मौलिक अधिकार प्रदान किए गए जो निम्नलिखित है- –

1. वस्तुओं या सेवाओं की जानकारी का अधिकार

2. सूचना का अधिकार

3.सुरक्षित प्रोडक्ट चुनने का अधिकार

4.समस्या के निवारण मांगने का अधिकार

5. उपभोक्ता जागरूकता का अधिकार

6. सुनवाई का अधिकार 

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार प्रत्येक उपभोक्ता को किसी प्रोडक्ट की मात्रा, शुद्धता, मानक कीमत के अलावा उसकी क्वालिटी के बारे में जानने का पूर्ण अधिकार है ।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 उपभोक्ता को अपने मन मुताबिक वस्तु चुनने का अधिकार देता है। यदि उपभोक्ता का शोषण होता है ,तो उसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत उसके निवारण का अधिकार देता है। यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो दुकानदार को उपभोक्ता को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है।

यदि किसी उपभोक्ता किसी दुकान से कोई सामान खरीदना है और उसमें किसी तरह की खराबी आती है, दुकानदार सामान को रिटर्न या रिप्लेस करने से इनकार करता है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता संरक्षणअधिनियम 2019 में तीन स्तरीय अदालत का निर्धारण किया गया है जो निम्नलिखित है

1.जिला स्तरीय अदालत या जिला उपभोक्ता फोरम

2.राज्य स्तरीय अदालत या राज्य उपभोक्ता फोरम

3.राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम 

किसी भी ग्राहक को या उपभोक्ता को संबंधित दुकानदार के खिलाफ ऑफलाइन या ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का अधिकार है, जिसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया है- 

1. टोल फ्री नंबर 1801 40 00 या 1915 पर कॉल के द्वारा शिकायत दर्ज कर सकते हैं/

2. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन अप के जरिए शिकायत दर्ज की जा सकती है/

3. उमंग मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है /

4. 8800 0001915 नंबर पर एसएमएस करके भी शिकायत दर्ज की जा सकती है /

5. consumer helpline.gov.in की वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं

या

ऑफलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए जिला उपभोक्ता फोरम में जा सकते हैं।

ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा वर्ष 2020 में edaakhil पोर्टल लॉन्च किया गया था, इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है ,शिकायत दर्ज करने के लिए निम्नलिखित स्टेप का प्रयोग किया जाएगा-

1. पोर्टल edaakhil.nic.in पर जाइए I

2. इसके बाद पोर्टल की बाई तरफ शिकायत का ऑप्शन पर क्लिक करें I

3. अपना नाम मोबाइल नंबर ईमेल ,आईडी पंजीकृत करेंI

4. इसके बाद एक ड्रॉप डाउन मेनू खुलकर आएगा जिसमें अपने सामान की वैल्यू के मुताबिक रकम तय कर सकते हैंI

5. इसके नीचे दिए बॉक्स में अपनी शिकायत के बारे में पूरी जानकारी लिखें , शिकायत से जुड़े सभी दस्तावेज संलग्न करेंI

6. स्क्रीन पर दिए गए कैप्चर कोड को दर्ज करने के बाद सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करेंI

7. सबमिट करने के बाद कंस्यूमर को एक कंप्लेंट आईडी मिल जाएगी ।जिससे आप अपनी शिकायत को ट्रैक कर सकते हैं।

जिला उपभोक्ता फोरम या राज्य उपभोक्ता फोरम में शिकायत ऑफलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया-

शिकायत एक सादे कागज पर दर्ज करते हुए उसे नोटरी कराना है ,तथा इस शिकायत को उपभोक्ता या उसके द्वारा अधिकृत किसी अधिवक्ता के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम या राज्य उपभोक्ता फोरम में दाखिल किया जा सकता हैI उपभोक्ता के पास खरीदे गए सामान का पक्का बिल होना जरूरी हैI

शिकायतकर्ता को सबसे पहले जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत करनी होती है, यदि जिला उपभोक्ता फोरम के फैसले से उपभोक्ता संतुष्ट नहीं है ,तो वह आदेश पारित होने के 30 दिन के भीतर राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील दायर कर सकता है।

न्याय शुल्क 20 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक की शिकायतों के लिए न्यायालय शुल्क ₹2000 है, तथा एक करोड रुपए से अधिक की शिकायतों के लिए न्यायालय शुल्क ₹4000 है।

जरूरी दस्तावेज –

राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील दायर करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज की आवश्यकता है –

शिकायत की कॉपी जो सामान खरीदा है, उसका पक्का बिल और उसे संबंधित अन्य दस्तावेज साक्ष्य जो जिला स्तर पर शिकायत के दौरान दाखिल किए गए हैं, उन सब की काफी संलग्न होना जरूरी हैI साथ ही शिकायत पत्र पर दोनों पक्षों का सही नाम पता होना चाहिए इसके साथ ही जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित आदेश की प्रमाणित प्रति होनी चाहिए।

राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में शिकायत निम्न प्रकार होगी –

राज्य उपभोक्ता फोरम के आदेश पारित होने के 30 दिन के भीतर राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में अपील तैयार की जा सकती है। राज्य उपभोक्ता फोरम के आदेश, डॉक्यूमेंट संलग्न करें। तथा न्यायालय शुल्क रुपए 5000 निश्चित है ,जिसे डिमांड ड्राफ्ट रजिस्टर ,राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम के नाम से बनाया जाएगा, इसके अलावा राज्य या राष्ट्रीय आयोग के समक्ष अपील दायर करने के लिए कोई शुल्क नहीं हैI राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम के आदेश के विरोध 30 दिन के भीतर सुप्रीम कोर्ट में या शिकायत की जा सकती है।

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख से स्पष्ट है। कि भारत में उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू किया गया ,तथा उपभोक्ता को वस्तुओं से संबंधित शिकायतों का निवारण यदि प्राथमिक रूप से नहीं होता है। तो उसे जिला स्तर पर, राज्य स्तर पर, और राष्ट्रीय स्तर पर ।उसके पश्चात अंतिम न्यायालय के रूप में सुप्रीम कोर्ट निर्धारित किया गया है ।ताकि उपभोक्ता के अधिकार सुरक्षित रहें ।

यह लेखक के निजी विचार है।

Sponsored

Author Bio

मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक � View Full Profile

My Published Posts

जीएसटी न्यायिक निर्णय: विवादों और धारा 74-130 की समीक्षा जीएसटीइन एडवाइजरी: इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (IMS) की व्याख्या जीएसटी में एमनेस्टी स्कीम के संबंध में प्रकिया। E इन्वॉइसिंग और ई-वे बिल की संयुक्त समीक्षा। GSTN की 5 नवंबर 2024 की एडवाइजरी: डीआरसी-03ए और ई-इनवॉइसिंग View More Published Posts

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Sponsored
Search Post by Date
November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930