Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले ने BCI को राज्य बार परिषदों को ऐसे वकीलों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म/विज्ञापन के माध्यम से विधि व्यवसाय को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं।

भारतीय विधि परिषद ( बार काउंसिल आफ इंडिया) ने विधि व्यवसाय में कार्यरत अधिवक्ताओं के लिए सभी स्टेट बार  काउंसिल को एक परिपत्र BCI D 3417/2024/06.07.2024 जारी करते हुए। उन अधिवक्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा है।  जो विधि व्यवसाय के लिए विज्ञापन या ऑनलाइन माध्यम से विधि व्यवसाय के लिए अनुशंसा करते हैं या कराते हैं। हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट ने रिट पिटीशन संख्या 31281 और 31428/2019में दिनांक 03.07.2024 के फैसले ने बार काउंसिल आफ इंडिया को निर्देश जारी किया है। कि वह राज्य बार परिषदों को ऐसे वकीलों के खिलाफ अनुशासन कार्रवाई करने का निर्देश दें। इस आदेश के पश्चात बार काउंसिल आफ इंडिया ने 06.07.2024  को सभी राज्य परिषदों को इस विषय में एक परिपत्र /निर्देश जारी किया है।यह कि दिनांक 8.07.2024 प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है।जिसका अर्थ निम्नलिखित है 

1. अवैध विज्ञापनों को हटाना

सभी स्टेट बार काउंसिल को इन अवैध विज्ञापनों को हटाने के लिए तथा भविष्य में उल्लंघन रोकने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया है। 

2.अनुपालन करने की समय अवधि

 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बार काउंसिल आफ इंडिया के नियम 36 का उल्लंघन करने वाली सभी सामग्री को हटाने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा दी गई है। अर्थात 10 अगस्त 2024 तक। 

3.ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के खिलाफ 

बार काउंसिल आफ इंडिया ने अवैध वकील विज्ञापन की सुविधा प्रदान करने वाले ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है। जैसे Quikr ,Sulekha.Com,Just Dial  शामिल है 

4.अनुशासनात्मक कार्रवाई

राज्य बार काउंसिल  को ऑनलाइन कार्य की अनुशंसा या विज्ञापन करने वाले वकीलों के खिलाफअनुशासनात्मक कार्रवाईशुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसमें निलंबन या अधिवक्ताओं की सूची से हटाने जैसी कार्रवाई शामिल हो सकती है। जो बार काउंसिल आफ इंडिया के नियम 36 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई में शामिल है।

स्टेट बार  काउंसिल पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से संबंधित अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 10 अगस्त 2024 है। इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को कानून के अनुसार संबंधित प्रोफाइल /लिस्टिंग और विज्ञापनों को तुरंत हटाने और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए निर्देश जारी किया गया है ।यदि अनुपालन में विफल रहने पर कानूनी कार्रवाई और दंड  दिया जाए। 

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कुक्कर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड /sulekha.com /जस्ट डायल/Grotal com के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सीज एंड डिस्टिंक्ट नोटिस भेजे गए हैं।इन नोटिस में दो प्रमुख उल्लंघनों पर जवाब मांगा गया है। जिसमें कार्य की अवैध अनुशंसा(Illegal Solicitation of Work) और अधिवक्ता सेवाओं के लिए रेटिंग मूल्य निर्धारण(Unethical Ratings and Offers) किस आधार पर किया गया है?

बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम विधि व्यवसाय में जुड़े अधिवक्ताओं के लिए  है। जिससे प्रयास किया गया है। कि विधि द्वारा स्थापित कानूनी सेवाएं  नियमों और विनिमयों के अनुसार ही कार्य करें।

मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष निम्नलिखित तथ्य रखे गए (रिट पिटीशन संख्या 31281 और 31428/2019 में दिनांक 03.07.2024 )

1. यह कि बार काउंसिल आफ इंडिया के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है ।

2. यह कि विज्ञापन और अधिवक्ताओं की रेटिंग की जा रही है ।

3. यह कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का क्या विधि व्यवसाय में क्या रोल है ।

4. यह कि  सेक्शन 79  आईटी एक्ट 2000 विधि व्यवसाय पर लागू होता है।

न्यायालय का निर्णय 

1.एडवोकेसी व्यापार नहीं है।

2. एडवर्टाइजमेंट पर प्रतिबंध है। बार काउंसिल आफ इंडिया के रूल चैप्टर 2 पार्ट 6 नियम 49(a)( सी) स पठित रूल 36। 

3.ऑनलाइन एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

4. विधि व्यवसाय की रेटिंग ऑफर प्रतिबंधित है। 5.इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 79 बार काउंसिल आफ इंडिया के रूल के अनुसार गलत है। जिसका प्रयोग नहीं किया जा सकता। 

न्यायालय द्वारा जारी निर्देश 

1.संबंधित अधिवक्ता के विरुद्ध नियम 36 के अंतर्गत   अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए तथा प्रतिबंध लगाते हुए,  एडवोकेट रोल से उनका नाम हटाया जाए। 2.ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।

 3.वैधानिक विज्ञापनों को तुरंत हटाया जाना चाहिए। 

4.बार काउंसिल ऑफ इंडिया के रूल 36 के अंतर्गत एक समय अवधि निर्धारित की जाए।

 तथा उपरोक्त निर्देश के लिए 20 अगस्त 2024 को कि गई कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराया जाए।

निष्कर्ष 

उपरोक्त लेख से स्पष्ट है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया सभी अधिवक्ता से नियमों का पालन कराना। और नियमों का उल्लंघन करने पर आवश्यक कार्रवाई करने हेतु समय समय ऐसे परिपत्र/निर्देश जारी करती है। अतः सभी विधि व्यवसाय से जुड़े अधिवक्ताओं को BCI के नियम का पालन करना चाहिए।

यह लेखक के निजी विचार हैं। तथा बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर अपने विचार व्यक्त किए गए हैं।

Sponsored

Author Bio

मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक View Full Profile

My Published Posts

जीएसटी में जारी अधिसूचनाओं का विश्लेषण फॉर्म GSTR-1A की समीक्षा जीएसटी एक्ट के नवीनतम अपडेट: करदाताओं के लिए नई दिशा-निर्देश और तिथियां जीएसटी पोर्टल में लेजर की क्या स्थिति है? नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138 की समीक्षा View More Published Posts

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Search Post by Date
July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031