2023-24 का वित्तीय वर्ष बस अब समाप्त होने वाला है तो सभी करदाताओं पर जो कि MSME में रजिस्टर्ड MICRO एवं SMALL निर्माताओं एवं सेवा प्रदाताओं से माल अथवा सेवा खरीदते हैं उन्हें 45 दिन या यदि कोई अग्रीमेंट नहीं है तो 15 दिन में भुगतान करना होता है का नियम लागू है. इस नियम के तहत यदि 45 दिन या 15 दिन का समय बीत भी गया है तो भी यदि वितीय वर्ष के दौरान भी भुगतान हो जाता है तो इसकी छुट मिलने में कोई परेशानी नहीं है इसलिए यह 31 मार्च 2024 आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है .
Read this Article in English: MSME Payments: Section 43(B)(h): Now at Present What You Have to do?
देखिये फंड्स की कमी तो रहती ही है इसलिए इस समय वह भुगतान जरुरी है जिसके नहीं करने से 43(B)(h) के नकारात्मक प्रभाव होते है तो आइये देखें कि इस सम्बन्ध में आपको क्या जानना जरुरी है ताकि आप इस समय उपलब्ध फंड्स को इस तरह से इस्तेमाल कर सकें कि आपका 43(B)(h) का काम तो चल सके और फिर उसके बाद आप बाकी की आपकी आर्थिक व्यवस्था को मेनेज कर ले :-
1. सबसे पहले आप यह ध्यान दें कि धारा 43 (B)(h) के तहत यदि आपको भुगतान करना है तो इसमें आपका स्वयं का स्टेटस कोई मायने नहीं रखता है और इसके लिए आपको उस डीलर का स्टेटस देखना होगा जो कि आपका विक्रेता है अर्थात आप निर्माता है , ट्रेडर है या सूक्ष्म और लघु इकाई है इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है . इस धारा के लिए आपको अपने विक्रेता का स्टेटस देखना होगा.
2.43 (B)(h) आप पर केवल उन्ही विक्रेताओं के सम्बन्ध में लागू है जो MSME में Small एवं Micro के तहत निर्माता या सेवा प्रदाता के रूप में रजिस्टर्ड है अर्थात इस समय आपको Traders एवं मध्यम- Medium इकाइयों को अभी भुगतान नहीं करना है. विक्रेता का स्टेटस उसके उद्यम आधार नम्बर से आप MSME पोर्टल पर देख सकते हैं .
3.जो विक्रेता MSME के तहत रजिस्टर्ड ही नहीं है तो आपके वे विक्रेता इस धारा के तहत कवर नहीं होते हैं अत: फिलहाल उन्हें इस धारा के कारण भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
4.आपके जो विक्रेता MSME में रजिस्टर्ड तो हैं लेकिन वे Traders की श्रेणी में रजिस्टर्ड है तो आपके वे विक्रेता इस धारा के तहत कवर नहीं होते हैं अत: फिलहाल उन्हें इस धारा के कारण भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
5.आपके जो विक्रेता MSME में रजिस्टर्ड तो हैं और वे निर्माता Manufacturer भी है लेकिन वे मध्यम (Medium) की श्रेणी में है तो उन्हें भी इस समय इस धारा के प्रभाव से बचने के लिए भुगतना करने की कोई जरुरत नहीं है. मध्यम श्रेणी का अर्थ है 10 करोड़ रूपये से अधिक का प्लांट एवं मशीनरी में निवेश या 50 करोड़ रूपये से अधिक का टर्नओवर.
6. यदि आप आयकर की धारा 44 AD के तहत कवर होते हैं और उसके तहत अपना रिटर्न अपने टर्नओवर का 8 प्रतिशत अथवा 6 प्रतिशत , जैसी भी स्तिथि हो , आय घोषित करते हुए रिटर्न भरने जा रहे हैं तो आप इस धारा के तहत नहीं आते हैं और आपको फिलहाल धारा 43(B)(h) के तहत आपको किसी को भुगतान नहीं करना है .
7. यदि आपने विक्रेता से कोई माल अथवा सेवा नहीं ली है बल्कि स्थायी सम्पति या पूंजीगत खरीद- Capital Goods की खरीद की है तो वे विक्रेता भी इस धारा के तहत कवर नहीं होते हैं अत: फिलहाल उन्हें इस धारा के कारण भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
8. यहाँ यह ध्यान रखें कि इस धारा के तहत कवर होने वाले डीलर्स की उस सप्लाई का जिसके 45 दिन 31 मार्च या उसके पूर्व पूरे हो चुके है उनका भुगतान 31 मार्च 2024 तक हो जाना चाहिए .
9. यहाँ यह भी ध्यान रखें कि कि इस धारा के तहत कवर होने वाले डीलर्स की सप्लाई को यदि 45 दिन नहीं हुए हैं लेकिन वह सप्लाई 31 मार्च 2024 तक हो चुकी है तो फिर उसका भुगतान आने वाले समय में 45 दिन के भीतर हो जाना चाहिए. इसे एक उदाहरण के जरिये समझने का प्रयास करें :-
मान लीजिये कि सप्लाई आपको 28 फरवरी 2024 को मिली है तो फिर 31 मार्च को अभी 45 दिन पूरे नहीं हुए हैं लेकिन चूँकि यह खर्च वितीय वर्ष 2023-24 में हुआ है इसलिए इस खर्च को क्लेम करने के लिए यह भुगतान लगभग 13 अप्रैल 2024 या इससे पूर्व हो जाना चाहिए अन्यथा यह खर्च वितीय वर्ष 2023-24 में नहीं मिलेगा अर्थात आपकी आय में जुड़ जाएगा और आपको इसपर टैक्स का भुगतान करना होगा और यह खर्च उस वित्त वर्ष में मिलेगा जिस वर्ष में इसका भुगतान किया है अर्थात यदि यह भुगतान 20 अप्रैल 2024 में किया जाता है तो इसकी छूट वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिलेगी लेकिन आपको 2023-24 इस पर कर देना होगा.
10.आइये अब देखें कि यदि आप 1 अप्रैल 2024 के बाद इस धारा के तहत कवर होने डीलर्स से माल खरीदते हैं तो फिर इस पर धारा 43(B)(h) का प्रभाव कैसे पडेगा. MSME कानून की धारा 15 के अनुसार यह भुगतान 45 दिन के भीतर हो जाना चाहिए लेकिन आयकर की धारा 43(B)(h) के अनुसार यह भुगतान 31 मार्च 2025 तक भी हो जाएगा तो भी इसकी छूट वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिल जायेगी.
11. आइये अब यह देख लें कि इन 45 दिनों की गणना किस तरह से होगी . सबसे पहले तो देख लें यदि माल की वास्तविक सुपुर्दगी यदि आपत्ति रहित है अर्थात माल प्राप्त करने वाले की तरफ से कोई आपत्ति नहीं है तो फिर 45 दिन की गणना माल की वास्तविक सुपुदर्गी से होगी. यदि माल के क्रेता ने सुपुर्दगी के 15 के भीतर लिखित में आपात्ति दर्ज करवा दी है तो विक्रेता के द्वारा इस आपत्ति का निवारण करने के दिन से 45 दिन की गणना होगी.
12 . एक सवाल और लगातार पूछा जा रहा है कि क्या यह प्रावधान दो पक्षों के मध्य निजी अनुबंध करने की स्वतंत्रता में दखल है ? क्या दो पक्ष मिलकर 90 दिन के भुगतान की शर्त पर व्यापार नहीं कर सकते ? हो सकता है आप सही हो लेकिन अभी तो आपको इस 45 दिन के कानून का पालन करना है . हो सकता है कभी यह मुद्दा किन्ही माननीय न्यायालय में उठे और फैसला हो लेकिन इस समय तो यह कानून है और आपको इसका पालन करना है . इसका फिलहाल कोई विकल्प नहीं है .
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यदि आपने अपने विक्रेता से कोई अग्रीमेंट नहीं किया है तो यहाँ हम आपको एक सामन्य अग्रीमेंट का नमूना दे रहे हैं जो कि एक लेटर हेड पर भी हो जाए तो आपके लिए 43 (B) (h) के लिए 45 दिन का समय मिल जायगा और आपके लिए यह समय वित्तीय वर्ष की समाप्ति के समय की गई खरीद के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है . |
प्रेषक :-
एमएसएमई कंपनी (विक्रेता)
जयपुर
प्रेषिती :-
सिस्टम ट्रेडिंग कंपनी (क्रेता अर्थात आप की फर्म )
अजमेर
विषय – एमएसएमई – सूक्ष्म और लघु द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 43 बी (एच) के लिए घोषणा पत्र .
उपरोक्त के सन्दर्भ में हमें निम्नलिखित कहना होगा:-
क्र.सं. | विवरण | जवाब |
1. | उद्यम आधार नंबर | Xxxxxxxxxxxxxxxxx |
2. | इकाई निर्माण का प्रकार | निर्माता / सेवा प्रदाता*
Manufacturing / Service Provider |
3. | यूनिट का स्केल | सूक्ष्म/लघु** (Micro/Small) |
4 . | क्या मैं/हम वर्ष के दौरान आपकी सभी आपूर्ति के लिए 45 दिनों के भुगतान के लिए सहमत हैं। | हाँ, मैं 45 दिन के भुगतान की शर्त पर इस पत्र के द्वारा सहमती प्रकट करता हूँ इस पत्र को ही इस सम्बन्ध में अंतिम अग्रीमेंट समझा जा सकता है . |
धन्यवाद
भवदीय
वास्ते एमएसएमई कंपनी
( प्रोप. )
- विक्रेता यदि Traders है तो धारा 43बी(एच) लागू नहीं है।
**विक्रेता यदि मध्यम (Medium) इकाई है है तो धारा 43बी(एच) लागू नहीं है।
Note:- जहाँ जरुरी है वहां निशान लगाये.
MSME क्या है ?
What’s MSME
Revised Classification applicable w.e.f 1st July 2020
Composite Criteria: Investment in Plant & Machinery/equipment and Annual Turnover
CLASSIFICATION | MICRO | SMALL | MEDIUM |
Manufacturing Enterprises and Enterprises rendering Services | Investment in Plant and Machinery or Equipment: Not more than Rs.1 crore and Annual Turnover ; not more than Rs. 5 crore |
Investment in Plant and Machinery or Equipment: Not more than Rs.10 crore and Annual Turnover ; not more than Rs. 50 crore |
Investment in Plant and Machinery or Equipment: Not more than Rs.50 crore and Annual Turnover ; not more than Rs. 250 crore |
आपको अपने विक्रेता के लिए देखना है
अपने विक्रेता का MSME स्टेटस कैसे चेक करें
Visit: https://sambandh.msme.gov.in/PPP_Vendor_Registration_Status.aspx
If I have been imosed tax due to 43(B)(h) not made payment during the FY 2023-24 but I paid FY 2024-25, So,How can I recover which was tax deposited for the FY 2023-24
Please clear that this section applies only to the purchases during the year. It does not apply to the opening balances.