आज हम सेंट्रल जीएसटी एक्ट 2017 के अध्याय 5 के संबंध में एक चर्चा कर रहे हैं। जैसा की आप सभी को पता है कि अध्याय 5 में आईटीसी के संबंध में चर्चा की गई है। जिस में सेक्शन 16 से लेकर सेक्शन 21 तक आईटीसी हमें किस प्रकार मिलेगी और किस रूप में उसको ब्लॉक किया गया है आदि के संबंध में अलग- अलग सेक्शन में उसको डिफाइन किया गया है। अध्याय 5 के सेक्शन 16 में एक रजिस्टर्ड पर्सन को आईटीसी किन दशाओं के आधार पर प्राप्त होगी, सेक्शन 17 में आईटीसी किस मद में ब्लॉक होगी तथा किन मद में हमें आईटीसी प्राप्त होगी , सेक्शन 18 में बताया गया है कि किन विशेष परिस्थिति में हमें आईटीसी प्राप्त होगी और किन परिस्थितियों में हमें आईटीसी सरकार को वापस करनी होगी । सेक्शन 19 में जॉबवर्क में i t c की किस प्रकार की व्यवस्था की गई है। सेक्शन 20 में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के संबंध में बताया गया है। और सेक्शन 21 में हमें अधिक आईटीसी का किस प्रकार से रिवर्सल करना है । आज हमारा मुख्य बिंदु सेक्शन 18 पर चर्चा है-
विशेष परिस्थितियों में उपलब्ध आईटीसी के संबंध में सेक्शन 18 की उपधारा (1) के खंड (a) liable to registration
अर्थात पंजीयन योग्य (u/s 22) होने की डेट पर तथा पंजीयन मिलने के 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन की डेट से पूर्व की डेट पर उपलब्ध स्टॉक पर जो आईटीसी होगी ।वह वापसी योग्य होगी। स्टॉक पंजीकृत डीलर से purchase का होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति द्वारा वर्ष 2022- 23 में अपंजीकृत के रूप में कार्य शुरू किया। माना की 1 जनवरी 2023 को वह करयोग सीमा में आता है तो वह 31 दिसंबर 2022 को उपलब्ध स्टॉक पर आईटीसी मांगने के लिए हकदार होगा। जिस के संबंध में समय अवधि 30 दिन रखी गई है ।साथ ही कमिश्नर को यह अधिकार दिया है कि वह इसकी अवधि में परिवर्तन कर सकता है।
(b) जब कोई व्यक्ति सेक्शन 25 (3 ) के अंतर्गत voluntary Registration अप्लाई करता है। तो
रजिस्ट्रेशन जारी करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर वह अपने stock पर आईटीसी प्राप्त कर सकता है। stock पंजीकृत से होना चाहिए।। उदाहरण यदि कोई व्यक्ति 1 अप्रैल 2022 को रजिस्ट्रेशन अप्लाई करता है। और रजिस्ट्रेशन 10 अप्रैल 2022 को मिलता है तो वह 9 अप्रैल 2022 को stock पर आईटीसी प्राप्त कर सकता है।
(c) जब कोई रजिस्टर्ड पर्सन धारा 10 से धारा 9 रेगुलर में व्यापार करना चाहता है
तो उस डेट पर शेष stock की आईटीसी उसे वापस मिलेगी जिस में कैपिटल गुड्स की i t c भी नियमानुसार वापस होगी। उदाहरण एक registered person ने 1अप्रैल 2021 को ₹ 100000.00 का Capital Goods 18 % GST ₹18000.00 देता है। 2 अप्रैल 2022 से सामान्य डीलर u/s 9 रेगुलर हो जाता है। उसने सेक्शन 10 capital goods का उपभोग 1 साल अर्थात 4 तिमाही उपभोग किया है।
ITC 4 तिमाही के लिए 5% कम हो जाएगी। अर्थात 18000 *5% *4 = 14400 । ₹ 3600=00 ITC उपभोग मानी जायेगी। और ₹14400=00 ledger मे transfer होगी।
(d) यदि कोई व्यक्ति गुड्स और सर्विसेज में कर मुक्त व्यापार करता है। और अब वह टैक्सेबल Goods/services का व्यापार करना चाहता है। तो उसके स्टॉक में टैक्सेबल होने से पूर्व की डेट पर जो कैपिटल गुड्स होगा वह उसकी आईटीसी लेने का हकदार होगा। कैपिटल गुड्स के लिए तिमाही बेस पर उसका वैल्यूएशन किया जाएगा । सेक्शन 18(1) में नियम 40 के अंतर्गत itc-01 फॉर्म 30 दिनों के अंदर अप्लाई करना है। तथा स्टॉक में उपलब्ध माल के बिल 1 वर्ष की अवधि के अंतर्गत होने चाहिए जिसे सेक्शन 18 (2) मे explain किया गया है।
सेक्शन 18(3) में किसी रजिस्टर्ड पर्सन के व्यापार के संविधान में कोई परिवर्तन होता है
जैसे business sale होना या मर्जर होना या डिमर्जर होना या amalgamation होना या लीज होना या होल बिजनेस ट्रांसफर होना या व्यापार मे किसी विशेष परिस्थिति में संविधान में परिवर्तन होने की स्थिति में आईटीसी वापसी योग्य है। लेकिन साथ ही सेक्शन 18(3 ) में जो व्यक्ति आईटीसी लेगा वह उस फर्म की या उस रजिस्टर्ड पर्सन के सभी दायित्वों को स्वीकार करेगा।
1. उदाहरण के तौर पर एक पार्टनरशिप फर्म है ABC उनके द्वारा 31 मार्च 2022 को फर्म का विघटन किया गया । जब फार्म का विघटन कि या गया तो उनके पास आईटीसी शेष थी उनकी पार्टनरशिप डीड में दोनों ही साझेदार 50% – 50% के साझेदार थे। इसलिए दोनों साझेदार ने फर्म का विघटन कि या तो 1 अप्रैल 2022 को उनको आईटीसी भी 50%- 50% के हिसाब से मिलेगी लेकिन जीएसटी एक्ट के अंतर्गत उनको अपनी लायबिलिटी को भी इसी रूप में स्वीकार करनी होगी।
2. उदाहरण _ किसी रजिस्टर person proprietor की death होने पर उसका उत्तराधिकारी Reg.16 के द्वारा शेष ITC का उपभोग कर सकता है। लेकिन उसे liability को भी स्वीकार करना होगा। फर्म बन्द करने से पूर्व ITC 02 फाइल करना होगा। जीएसटी एक्ट में इसके लिए itc-02 फॉर्म उपलब्ध कराया गया है। जो नियम 41 मेलिखा गया है।
इसी प्रकार सेक्शन 18( 3 ) में यदि एक पैन कार्ड पर कई स्थानों पर रजिस्ट्रेशन है। तो वह अपने लेजर से दूसरे स्थान पर स्थित अपनी फर्म में अपनी आईटीसी ट्रांसफर कर सकता है। जिसके लिए नियम 41 A आईटीसी 02 A मे अप्लाई करेगा तथा आईटीसी ट्रांसफर हो जाएगी। इसके संबंध में जुलाई 2022 में अधि सूचना जारी की गई थी । यह सुविधा मार्च 2023 से पोर्टल पर उपलब्ध है।
सेक्शन18 उप धारा 4 में यदि कोई करदाता रेगुलर सेक्शन 9 से कंपाउंडिगं स्कीम धारा 10
में या करदाता 0% की गुड्स और सर्विस का कारोबार करने लगे या वह कारोबार बंद करें तो ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में शेष आईटीसी लैब्स हो जाएगी तथा करदाता को itc-03 फॉर्म में अपने stock पर टैक्स जमा करना होगा। तथा स्टॉक में कैपिटल गुड्स पर आईटीसी वापस करनी होगी साथ ही स्टॉक के मूल्यांकन के लिए जो आपके स्टॉक में b2b की i t c है तो बिल के अनुसार, साथ ही अनरजिस्टर्ड पर्सन से जो स्टॉक होगा । उसका बाजार भाव पर सेक्शन 15 के अनुसार वैल्यूएशन किया जाएगा । जिसका चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा सत्यापन कि या जाएगा। यदि कारोबार u/s 29(5) मे बंद करते हैं। तो GST R 10 के द्धारा भी I T C वापस की जा सकती है।
सेक्शन 18(5) में I T C के लिए कमिश्नर नियम लागू कर सकतेहैं।
सेक्शन 18(6) मे Capital Goods sale के लिए I T C के नियम या u/s 15 के अधीन Capital Goods,
Plant & Machinery etc, मे टैक्स ज्यादा होगी। उसे माना जायेगा।
उदाहरण -मिस्टर X ने 1अप्रैल 2020 Machinery ₹10,00,000=00 पर 18% से ₹ 1,80,000=00
GST दिया है। मिस्टर X ने Machinery को Oct 2021 मे ₹ 7,50,000=00 मे sale कर दी। गणना
1. Machinery का उपभोग 6 तिमाही किया है
2. GST का भुगतान ₹180000=00
3. उपभोग capital goods पर आईटीसी=1,80,000=00@5%6*=54,000=00
4. ITC भुगतान की राशि =1,80,000=00-54,000=00
5. ₹ 1,26,000=00 या
6. Machinery sale पर GST=7,50,000=00@18%=1,35,000=00
7. नियमनुसार जो अधिक हो।
8. इस प्रकार GST R 1 में ₹ 1,35,000=00 की करदेयता होगी।
स्क्रैप, सांचे, और dies के लि ए u/s 15 अधीन वैल्यू मानी जायेगी और उस पर आईटीसी वापस होग
इति सिद्धाम
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