सारांश: 5 नवंबर 2024 को GST पोर्टल ने दो नई एडवाइजरी जारी की हैं, जो फॉर्म GST DRC-03A और ई-इनवॉइसिंग के उपयोग से संबंधित हैं। पहली एडवाइजरी में GST DRC-03A फॉर्म का परिचय दिया गया है, जिसे करदाता द्वारा DRC-07, DRC-08, MOV-09, MOV-11, या APL-04 के तहत मांग के भुगतान की समायोजन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अधिसूचित किया गया है। करदाता अब DRC-03 के माध्यम से की गई राशि को संबंधित मांग आदेश से जोड़ने के लिए DRC-03A का उपयोग कर सकते हैं, जो उनके इलेक्ट्रॉनिक देयता रजिस्टर में समायोजित हो जाएगी। इसके अलावा, तकनीकी समस्याओं के लिए शिकायत निवारण पोर्टल पर ‘DRC-03A-Filing’ श्रेणी के अंतर्गत टिकट जनरेट किया जा सकता है। दूसरी एडवाइजरी ई-इनवॉइसिंग की समय सीमा पर केंद्रित है। 1 अप्रैल 2025 से, 10 करोड़ या अधिक वार्षिक कारोबार वाले करदाता ई-इनवॉइसिंग पोर्टल पर चालान की तारीख से 30 दिन के भीतर ही ई-इनवॉइस को रिपोर्ट कर पाएंगे। यह समय सीमा सभी प्रकार के दस्तावेजों (जैसे चालान, क्रेडिट नोट, डेबिट नोट) पर लागू होगी। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2025 को जारी एक चालान को 30 अप्रैल 2025 के बाद रिपोर्ट नहीं किया जा सकेगा। इस बदलाव का उद्देश्य ई-इनवॉइसिंग में नियमितता लाना है और करदाताओं को समय सीमा का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक होगा।
GSTN द्वारा जारी एडवाइजरी दिनांक 5 नवंबर 2024 की व्याख्या।
यह है कि दिनांक 5 नवंबर 2024 को जीएसटी पोर्टल से दो नई एडवाइजरी जारी की गई है यह एडवाइजरी फॉर्म जीएसटी डीआरसी 03 ए तथा E इन्वॉइसिंग के संबंध में जारी की है हमारे द्वारा इन एडवाइजरी को सामान्य भाषा में प्रस्तुत किया गया है ,जो निम्नलिखित है-
A. फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03ए के लिए सलाह-
1. यह कि कुछ करदाताओं ने जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध भुगतान सुविधा ‘मांग के लिए भुगतान’ का उपयोग करने के बजाय डीआरसी 07/डीआरसी 08/एमओवी 09/एमओवी 11/एपीएल 04 के माध्यम से मांग की गई राशि का भुगतान डीआरसी-03(DRC 03)के माध्यम से किया है। इस स्थिति में करदाता द्वारा मांग का भुगतान कर दिया गया है, हालांकि इलेक्ट्रॉनिक देयता रजिस्टर में मांग बंद नहीं हुई है। इस स्थिति को हल करने के लिए, सरकार ने जीएसटी डीआरसी-03ए (DRC 03 A)नामक एक नया फॉर्म अधिसूचित किया है जिसे अधिसूचना संख्या 12/2024 दिनांक 10 जुलाई 2024 के माध्यम से अधिसूचित किया गया था।
2. यह कि जीएसटीएन ने जीएसटी पोर्टल पर नया फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03ए(DRC 03 A)विकसित किया है जो अब डीआरसी-03(DRC 03)के माध्यम से भुगतान की गई राशि को संबंधित मांग आदेश के विरुद्ध समायोजित करने के लिए उपलब्ध है। इसलिए, करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे DRC-03(DRC 03)के माध्यम से किए गए भुगतान को मांग आदेश से जोड़ने के लिए DRC-03A फॉर्म का उपयोग करें।
नोट DRC-03 फॉर्म का उपयोग होगा जहां भुगतान का कारण या तो ‘स्वैच्छिक’ या ‘अन्य’ है, का उपयोग फॉर्म GST DRC-03A में किया जा सकता है।
3. यह कि करदाताओं को पोर्टल पर मांग आदेश संख्या के साथ DRC-03 का ARN दर्ज करना होगा। ARN दर्ज करने और किसी भी बकाया मांग के मांग आदेश संख्या का चयन करने पर, सिस्टम DRC-03 फॉर्म की प्रासंगिक जानकारी के साथ-साथ निर्धारित मांग आदेश से भी स्वचालित रूप से पॉप्युलेट करेगा, जिसके विरुद्ध भुगतान समायोजित किया जाना है।
4. यह कि समायोजन किए जाने के बाद, मांगों की वर्तमान स्थिति को दर्शाने के लिए संबंधित प्रविष्टियाँ स्वचालित रूप से करदाता की देयता बही में पोस्ट हो जाएंगी।
5. यह कि विस्तृत प्रक्रिया का वर्णन लेख में आगे किया गया है। साथ ही कुछ प्रश्नोत्तर का भी वर्णन किया गया है।
6. यह कि यदि करदाताओं को किसी तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो शिकायत निवारण पोर्टल: https://selfservice.gstsystem.in पर ‘DRC-03A-Filing’ श्रेणी के अंतर्गत टिकट जनरेट किया जा सकता हैं।
डीआरसी-03ए (DRC03A) के संबंध में प्रश्नोत्तर
Q.1 फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03ए क्या है?
Ans- फॉर्म जीएसटी डीआरसी 03ए को जीएसटी पोर्टल में इलेक्ट्रॉनिक देयता रजिस्टर में किसी भी बकाया मांग के विरुद्ध फॉर्म जीएसटी डीआरसी 03 के माध्यम से किए गए भुगतान को समायोजित करने के लिए पेश किया गया है।
Q.2 डीआरसी-03ए कौन दाखिल कर सकता है?
Ans– वे करदाता जिनके विरुद्ध फॉर्म जीएसटी डीआरसी 07/डीआरसी 08/एमओवी 9/एमओवी 11/एपीएल 04 में मांग उठाई गई है और जिसके लिए भुगतान ‘स्वैच्छिक’ या ‘अन्य’ श्रेणियों के तहत फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 के माध्यम से किया गया है, वे फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03ए दाखिल कर सकते हैं।
Q.3 फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03ए दाखिल करने के माध्यम से कौन से मांग आदेशों को समायोजित किया जा सकता है?
Ans– कोई भी बकाया मांग आदेश (DRC-07/DRC 08/MOV 09/MOV 11/APL
Q.4 जिसका अभी तक पूरा भुगतान नहीं हुआ है, उसे फॉर्म DRC-03 A फाइलिंग के माध्यम से समायोजित किया जा सकता है।
Q– फॉर्म GST DRC03A दाखिल करते समय करदाताओं को क्या विवरण दर्ज करने की आवश्यकता है?
Ans– करदाताओं को फॉर्म GST DRC-03 का ARN दर्ज करना होगा और ड्रॉप-डाउन का उपयोग करके मांग आदेश संख्या का चयन करना होगा। मांग आदेश और फॉर्म GST DRC-03 के माध्यम से किए गए भुगतान का विवरण प्रदर्शित किया जाएगा। 2
Q.5 क्या कोई करदाता फॉर्म GST DRC 03 में भुगतान की गई राशि को फॉर्म GST DRC 03A का उपयोग करके मांग के विरुद्ध आंशिक रूप से समायोजित कर सकता है?
Ans– हाँ, कोई करदाता फॉर्म GST DRC-03 में भुगतान की गई राशि को एकल मांग आदेश या एकाधिक मांग आदेशों के विरुद्ध आंशिक रूप से समायोजित कर सकता है। करदाता को फॉर्म GST DRC 03A में उपलब्ध तालिकाओं को तदनुसार भरना होगा।
Q.6 क्या कोई करदाता एकल मांग को समायोजित करने के लिए कई फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 का उपयोग कर सकता है और इसके विपरीत?
Ans– हां, कोई करदाता एकल मांग आदेश के विरुद्ध कई फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 को समायोजित कर सकता है और एकल फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 का उपयोग कई मांग आदेशों के विरुद्ध समायोजन के लिए भी किया जा सकता है। नोट- यदि एकल मांग आदेश के विरुद्ध कई डीआरसी-03 को समायोजित किया जाना है तो करदाता को प्रत्येक डीआरसी-03 के लिए अलग-अलग डीआरसी-03ए दाखिल करना होगा।
Q.7 डीआरसी 03 रजिस्टर क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
Ans– डीआरसी 03 रजिस्टर जीएसटी पोर्टल में उपलब्ध है ताकि करदाता को डीआरसी-03ए के माध्यम से मांग के विरुद्ध किए गए समायोजन के बाद डीआरसी-03 के सटीक शेष राशि का पता लगाने में मदद मिल सके। जीएसटी प्रणाली में डीआरसी-03 रजिस्टर तक पहुंचने का मार्ग उपयोगकर्ता सेवा है – डीआरसी-03 रजिस्टर
नोट: डीआरसी 03 रजिस्टर वर्तमान में डीआरसी 03 के लिए उपलब्ध है जिसका उपयोग डीआरसी 03ए फॉर्म में किया जाता है।
डीआरसी-03ए (DRC 03 A)दाखिल करने की प्रक्रिया-
1. जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें
|
à सेवाएँ
|
उपयोगकर्ता सेवाएँ
मेरे आवेदन
फॉर्म जीएसटी
डीआरसी-03ए(DRC 03 A)
|
2. फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 का नंबर दर्ज करें और खोज बटन पर क्लिक करें। डीआरसी-03 से संबंधित निम्नलिखित विवरण दिखाई देंगे:
– दाखिल करने की तिथि
– भुगतान का कारण
– अवधि से और तक
– फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 की तिथि के अनुसार शेष राशि
|
3. ड्रॉप-डाउन बॉक्स से “डिमांड ऑर्डर नंबर” चुनें। यह उन सभी बकाया मांगों को प्रदर्शित करेगा जिनके विरुद्ध भुगतान नहीं किया गया है। ड्रॉप-डाउन बॉक्स से संबंधित डिमांड ऑर्डर नंबर चुनें। चयन करने पर, निम्नलिखित विवरण प्रदर्शित होंगे:
– डिमांड ऑर्डर तिथि
– ऑर्डर प्रकार
– अवधि से और तक
– तिथि के अनुसार बकाया मांग
|
4. करदाता को “डिमांड का समायोजन” टैब पर क्लिक करना होगा। एक नया पेज खुलेगा और पेज पर निम्नलिखित तालिकाएँ प्रदर्शित होंगी। करदाता को नीचे दी गई तालिकाओं में दिखाए गए विवरण दर्ज या संपादित करने होंगे–
तालिका A: बकाया मांग
|
तालिका B1 (DRC 03 – नकद के माध्यम से भुगतान की गई राशि: उपलब्ध शेष)
|
तालिका B2 (DRC 03 – समायोजित की जाने वाली राशि: नकद)
|
तालिका B3 (DRC-03: समायोजन के बाद शेष- नकद)
|
तालिका C(1) (DRC 03 – क्रेडिट के माध्यम से भुगतान की गई राशि: उपलब्ध शेष)
|
और तालिका C(2) DRC 03 – समायोजित की जाने वाली राशि: क्रेडिट
|
तालिका C(3) DRC-03 समायोजन के बाद शेष: क्रेडिट।
|
तालिका D. समायोजन के बाद बकाया मांग
|
5. अब तालिका A, B, C और D में उल्लिखित विवरण करदाता द्वारा सत्यापित किया जाएगा हैं। सत्यापन के बाद,वैलिडेट बटन पर क्लिक करें।
6. यदि करदाता कोई भी सहायक दस्तावेज़ ( आवश्यक हो) को भी अपलोड कर सकता है। उसके बाद,करदाता को नीचे दिखाए अनुसार अंडरटेकिंग और सत्यापन पर हस्ताक्षर करना होगा।
7. करदाता फिर पूर्वावलोकन या ड्राफ्ट सहेज सकता है या फाइल करने के लिए आगे बढ़ सकता है। फ़ाइल करने के लिए आगे बढ़ें बटन पर क्लिक करने के बाद, निम्न पृष्ठ प्रदर्शित होगा और करदाता DSC/EVC का उपयोग करके फ़ॉर्म जमा कर सकता है। h. सफलतापूर्वक जमा करने पर, पावती(Ankolegment )जारी की जाएगी। i. DRC-03A फ़ॉर्म में जमा किए गए विवरण के अनुसार, संबंधित प्रविष्टियाँ खाता बही में पोस्ट की जाएँगी। इसके अलावा, एक ही DRC-03 का उपयोग कई मांग आदेशों के विरुद्ध भुगतान समायोजित करने के लिए किया जा सकता है, और इसके विपरीत।
8. किसी भी तकनीकी समस्या के मामले में, करदाता शिकायत निवारण पोर्टल पर टिकट दर्ज कर सकता है। शिकायत संपर्क –https://selfservice.gstsystem.in
B. आईआरपी(IRP )पोर्टल पर ई-इनवॉइस की रिपोर्टिंग के लिए समय सीमा –
यदि एएटीओ (AATO)10 करोड़ और उससे अधिक है तो IRP पर E इन्वॉइसिंग की समय सीमा 30 दिन निर्धारित की गई है। इस एडवाइजरी का सार निम्न प्रकार है-
1. यह कि 13 सितंबर 2023 की पिछली एडवाइजरी (https://einvoice.gst.gov.in/einvoice/newsandupdates/read-602) के संदर्भ में, जहां 100 करोड़ और उससे अधिक एएटीओ(AATO )वाले करदाताओं के लिए आईआरपी (IRP)पोर्टल पर ई-इनवॉइस की रिपोर्टिंग के लिए 30 दिनों की समय सीमा लागू की गई थी, अब इस सीमा को 10 करोड़ और उससे अधिक एएटीओ (AATO)वाले करदाताओं को कवर करने के लिए सीमा निर्धारित की गई है।
2. यह कि इस एडवाइजरी के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से, 10 करोड़ और उससे अधिक एएटीओ(AATO )वाले करदाताओं को आईआरपी (IRP)पोर्टल पर रिपोर्टिंग की इनवॉइस की तारीख से 30 दिनों से अधिक पुराने ई-इनवॉइस की रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
3. यह कि प्रतिबंध सभी दस्तावेज़ जैसे (चालान/क्रेडिट नोट्स/डेबिट नोट्स) पर लागू होगा, जिनके लिए IRN जेनरेट किया जाना है।
4. यह कि इसे एक उदाहरण से समझे –
यदि कोई चालान 1 अप्रैल 2025 की तारीख का है, तो उसे 30 अप्रैल 2025 के बाद रिपोर्ट नहीं किया जा सकता है। चालान पंजीकरण पोर्टल (IRP) में निर्मित सत्यापन उपयोगकर्ता को 30-दिन की अवधि के बाद ई-चालान की रिपोर्ट करने से रोक देगा। इसलिए, करदाताओं के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे नई समय सीमा द्वारा प्रदान की गई 30-दिन की अवधि के भीतर ई-चालान की रिपोर्ट करें।
5. यह भी स्पष्ट किया गया है कि अभी 10 करोड़ से कम AATO वाले करदाताओं पर रिपोर्टिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
6. यह कि करदाताओं को इस आवश्यकता का अनुपालन करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान किया गया है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
निष्कर्ष –
यह कि उपरोक्त एडवाइजरी से स्पष्ट है कि जीएसटी अधिनियम 2017 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017 -18 से वर्तमान तक जो मांग (Demond)जारी की गई है ,उसमें कहीं ना कहीं करदाताओं द्वारा उस मांग के विरुद्ध मांग (Demond) को जमा नहीं किया है ?अभी तो डीआरसी 03 के माध्यम से उसे मांग को पूरा किया है यह एक तकनीकी त्रुटि है ,इस तकनीकी त्रुटि को सुधारने के लिए जीएसटी विभाग ने डीआरसी 03 ए(DRC 03 A)नाम से एक नया फॉर्म जारी किया है। यदि किसी करदाता ने किसी मांग के विरुद्ध डीआरसी 03 के द्वारा किसी मांग का निराकरण किया है, तो उसे अब डीआरसी 03 ए(DRC 03 A)के माध्यम से संशोधन करना होगा ,तभी वह मांग समाप्त होगी ।जीएसटी विभाग ने इसी प्रकार E इन्वॉइसिंग के अपलोड करने के संबंध में 2023 में रुपए 100 करोड़ से अधिक का संव्यवहार करने वाले करदाता के लिए 30 दिन की समय अवधि घोषित की थी, उस सीमा को अब 100 करोड़ से घटकर 10 करोड रुपए कर दिया गया है ।करदाता को 1 अप्रैल 2025 से इस नियम का पालन करना है।
यह लेखक के निजी विचार हैं।जो जीएसटी एडवाइजरी के आधार पर तैयार किए गए हैं ।यदि कोई त्रुटि हो ,तो जीएसटी पोर्टल से एडवाइजरी का अध्ययन किया जा सकता है।