18/07/2022 से जिन उत्पादों पर जीएसटी दरें बढ़ाई गई है, उससे सरकार की मंशा साफ तौर पर दिख रही है कि:1. ज्यादातर जीएसटी की दरें 18% पर सरकार लाना चाहती है2. किसी भी उत्पाद और सेवा को करमुक्त नहीं रखना चाहती3. केन्द्र सरकार समझ गई है कि राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का हर्जाना जारी रखना होगा नहीं तो राज्य बगावत भी कर सकते हैं
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले दीवान हाउसिंग – सन् 2010 से 2018 तक इसके प्रमोटरों ने खुलकर फर्जीवाड़ा किया और हमारी सरकार इन्हें हाउसिंग सेक्टर में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए इनाम देते रहे, बैंक इन्हें लोन बांटता रहा और तब इन्हें खुले आम किए जा रहा फर्जीवाड़ा भी अच्छा लगता रहा और जब 2019 में कंपनी ने डिफाल्ट किया तो सब खटकने लगा
सरकार द्वारा समय समय पर किए गए उपायों के बावजूद सिसक सिसक कर बढ़ रहा प्रापर्टी मार्केट फिर कराहने लगा है. ऐसा नहीं की सरकारें इस क्षेत्र को उठाने और बढ़ाने का भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन ये पर्याप्त नहीं दिख रहे हैं. हम सभी भलिभांति परिचित है कि रीयल एस्टेट सेक्टर न केवल […]
सामान्यत ये चलन व्यापक स्तर पर देखा जाता है कि व्यापारी या उद्योगपति अपनी बैंक लिमिट जारी रखने के लिए या बढ़वाने के लिए या बैंकों से अधिक वित्तीय सुविधा प्राप्त करने के लिए बढ़ा चढ़ाकर स्टाक दिखाते हैं जितना रिकॉर्ड में नहीं होता है और ऐसा करने में प्रायः यह भी देखा जाता है कि बैंकर्स, सीए और कर सलाहकार भी सहायता करते हैं.
रांची केस में सीए सुमन कुमार की गिरफ्तारी दर्शाता है कि न माया मिली न राम, बदनामी और जान के लाले पड़े सो अलग. हम सभी जानते हैं कि राजनेता, नौकरशाह और व्यापारी अपने धन और शक्ति बल से केस से बरी हो जाएगा लेकिन नुकसान होगा तो सिर्फ पैशेवर को. सिर्फ उसका व्यवसाय और केरियर […]
एक तरफ सरकार डिजिटल असेट जैसे क्रिप्टोकरेंसी, आदि जुए, सट्टे के प्रारुप को कानूनी मान्यता नहीं देने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ इससे होने वाली आय पर टैक्स लेकर कानूनी मान्यता देने तैयार है और अब म्यूचुअल फंड को परमीशन दी जा रही है कि वो इन जुए सट्टे प्रारुप आभाषी मुद्रा […]
विकासशील देश हमेशा से पश्चिम देशों और चीन के कर्ज के बोझ तले दबे होते हैं और इसका फायदा अमरीका, चीन और युरोपीय देश इन विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर, उनकी राजनीतिक और सामाजिक नीति पर प्रभाव डाल अपनी उंगलियों पर नचाते है और ये विकासशील देश न कर्ज के जाल से उबर […]
शेयर खरीद फरोख्त पर आजकल टैक्स बचाने का तरीका जो कि टैक्स लास हारवेस्टिंग के नाम से प्रचलित है, विभिन्न बड़े बड़े ब्रोकिंग फर्मों द्वारा सुझाया जा रहा है और निवेशक बिना सोचे समझे इस तरह के बेतरतीब तरीकों में उलझ रहा है. टैक्स लास हारवेस्टिंग का तरीका बेवकूफी है या समझदारी, पहले इसे समझते […]
वैश्विक उथल पुथल, बढ़ती जनसंख्या, मंहगाई, तेल के दाम, बेरोजगारी और सरकारी खर्च के बीच केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों की पेट्रोल डीजल और गैस पर संग्रहित करों पर निर्भरता ने आम आदमी का जनजीवन हलाकान कर दिया है. राजस्व की वसूली सरकार द्वारा शास्ति, पेनल्टी, लेट फीस, ब्याज, आदि लगाकर जोर जबरदस्ती से करी […]
पहले ही सरकार ने नेशनल फाइनेंशियल आथिरटी के गठन के साथ ही सीए संस्थान के अनुपालनीय प्रक्रिया को सूचिबद्ध कंपनियों के केस से अलग कर दिया था और संस्थान सिर्फ छोटे केस में ही निर्णय दे सकती है. और अब जंयत सिन्हा की अध्यक्षता में गठित संसदीय पैनल ने आज अपनी रिपोर्ट संसदीय पटल पर […]