जैसा कि सभी को विदित है कि जीएसटी अधिनियम 2017 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जीएसटी R 9 के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है। जीएसटी काउंसिल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के जीएसटी 9 में बहुत कुछ परिवर्तन नहीं किया है ।मात्र सांकेतिक परिवर्तन किए गए हैं। हम GSTR R 9 की मुख्य Table के अनुसार आपको अवगत करा रहे हैं-
जीएसटी एक्ट 2017 की धारा 44 वार्षिक रिटर्न के संबंध में स्पष्ट करती है कि जीएसटी एक्ट में annual Returns की श्रेणी
1.यह कि जो करदाता सामान्य श्रेणी में है ।और जीएसटी-1/3b फाइल करते है। उन्हे जीएसटी R9 दाखिल करना होगा।
2. जो करदाता समाधान योजना u/s 10के पात्र हैं। उन्हे जीएसटी R9A लेकिन वर्तमान समय में जीएसटी R 4 हैं।
3. यह कि e commerce operator GST R 8 फाइल करते हैं। उन्हे GST R 9 B दाखिल करना होगा।
4. यह कि जिन करदाता की टर्नओवर Rs 5 करोड़ से अधिक की हैं। उन्हे Reconciliation Statement GST R 9 के साथ दाखिल करना होगा।
जीएसटी R 9 एनुअल रिटर्न
पार्ट I मे करदाता का परिचय स्वत जेनरेट होगा।
पार्ट II मे आउटवार्ड सप्लाई का उल्लेख होगा –
Table No 4, और 5 को शामिल किया गया है।
1. आउट वर्ड सप्लाई Table No 4 जीएसटी R 1 से स्वत जेनरेट होगी
4 A में बी 2 सी सप्लाई ।
4 B में बी 2 बी सप्लाई ।
4 C में एक्सपोर्ट सप्लाई ।
4 D मे SEZ सप्लाई बिना टैक्स के।
4 E मे टैक्स के साथ SEZ सप्लाई ।
4 F में एडवांस लेकिन बिल इश्यू नहीं किया।
4 G में इनवार्ड सप्लाई पर आरसीएम की देयता।
4H में सकल योग
4 I मे 4B से 4E तक लेन देन के संबंध में क्रेडिट नोट separately issue
4 J मे 4B से 4E तक जारी डेबिट नोट Separately issue
4 K ,L में amendment report separately
Table 4 हम As per Account डाटा change कर सकते हैं।लेकिन यदि जीएसटी R 1 से 20% अधिक डाटा change हैं ।तो जीएसटी विभाग नोटिस जारी कर सकता हैं। Table 10/11मे घोषणा करनी पड़ेगी।यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23मे 4A के आंकड़े पोर्टल पर कम नहीं जा सकते हैं। अर्थात बी 2सी की out ward सप्लाई।
2 .Table No 5 outward सप्लाई जिस पर टैक्स नहीं है
5 A में एक्सपोर्ट सप्लाई
5 B में SEZ सप्लाई
5 C मे सप्लाई WITHOUT TAX Recipient RCM basis
5 D मे Exempted सप्लाई
5 E मे Nil Rated सप्लाई
5 F मे Non Gst सप्लाई
5 H मे 5A से 5F तक जारी क्रेडिट नोट separately
5 I मे 5A से 5F तक जारी डेबिट नोट separately
5 J,K मे 5A से 5F तक amendment report separately
Note यह कि Table 5 में छूट और शून्य रेटेड एक साथ दिखाई जा सकता है। कलम 5 F वित्तीय वर्ष 2021-22 से जीएसटी से अलग वस्तुओं का भी विवरण दिखाया जा सकता है।
विशेष आउट वर्ड सप्लाई के लिए
जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी के साथ खातों पुस्तकों के अनुसार अन्य आय सहित बाहरी आपूर्ति का मिलान करें। अंतर, यदि कोई हो, को खातों की पुस्तकों में दर्ज किया जाएगा या जीएसटी रिटर्न में विचार किया जाएगा, जैसा भी मामला हो। जीएसटी रिटर्न में बताए गए विवरण के साथ अचल संपत्तियों के रजिस्टर का मिलान करें और जैसा भी मामला हो, पुस्तकों या जीएसटी रिटर्न के अनुसार अंतर का हिसाब लगाएं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ई-चालान लागू है (यानी, बी 2 बी, निर्यात और एसईजेड आपूर्ति) सभी आपूर्तियों के लिए IRN ( INVOICE REFERENCE NUMBER) उत्पन्न होता है, यह सुनिश्चित करने के लिए ई-चालान पोर्टल के साथ पुस्तकों के अनुसार चालान का मिलान करें। माल की आपूर्ति के मामले में, ई-वे बिल डेटा को जीएसटी रिटर्न डेटा और खातों की किताबों के साथ मिला लें। वैध ई-वे बिल के बिना माल की आवाजाही, भले ही वह आवाजाही के दौरान अज्ञात रहे, विभागीय ऑडिट कार्यवाही के दौरान जुर्माना लगाया जा सकता है। जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी के साथ पुस्तकों के अनुसार डेबिट और क्रेडिट नोटों का मिलान करें और अंतर को तदनुसार समायोजित किया जाएगा। माल के निर्यात के मामले में, शिपिंग बिल विवरण को जीएसटीआर-1 के साथ मिला लें। सेवाओं की आपूर्ति के मामले में, प्राप्त अग्रिमों का मिलान और जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में घोषित खातों के अनुसार समायोजन और ऐसी अग्रिम रसीद पर जीएसटी भुगतान। जीएसटी रिटर्न में प्रकटीकरण के साथ पुस्तकों में शून्य रेटेड, छूट और गैर-जीएसटी आपूर्ति कारोबार का मिलान करें। सत्यापित करें कि पुस्तकों में दर्ज HSN कोड वित्त वर्ष 2022-23 के जीएसटीआर-1 में रिपोर्ट किए गए HSN सारांश के साथ मेल खा रहे हैं। यह जीएसटीआर-9 फाइलिंग के लिए मददगार होगा। नोट करे कि अक्टूबर/नवंबर 2023 जीएसटीआर-1 वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिटर्न दाखिल करते समय किए गए चालान, क्रेडिट या डेबिट नोटों की रिपोर्टिंग में किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए अंतिम रिटर्न है। यदि किसी टैक्स क्रेडिट नोट को जारी करने की आवश्यकता है, तो अक्टूबर/नवम्बर 2023 ऐसे क्रेडिट नोट जारी करने और जीएसटी रिटर्न में रिपोर्ट करने का आखिरी महीना है।
पार्ट III मे वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त आईटीसी का विवरण Table 6-, 7और 8 को शामिल किया गया है-
Table No 6-
1.यह कि table 6A जीएसटीआर-3B में दावा की गई आईटीसी की कुल राशि स्वतः भर जायेगी।यह राशि अप्रैल22-मार्च 23 की अवधि के लिए दाखिल जीएसटीआर-3B से स्वतः भर जायेगी ।
2.यह कि 6B इनपुट सप्लाई (आयात के अलावा और इनपुट आपूर्ति रिवर्स चार्ज के लिए उत्तरदायी है ।लेकिन इसमें सेवाएँ शामिल हैं। SEZ से प्राप्त) कुछ डाटा की रिपोर्टिंग के लिए आंशिक रूप से वैकल्पिक ·हैं ।पूंजीगत वस्तुओं का विवरण अलग से सूचित किया जाना चाहिए। इनपुट गुड्स और इनपुट सेवाओं का विवरण ‘इनपुट’ शीर्षक के अंतर्गत समेकित आधार पर रिपोर्ट किया जा सकता है। · जीएसटीआर-3Bमें दावा किया गया, रिवर्स किया गया और पुनः प्राप्त किया गया आईटीसी तालिका 6H में रिपोर्ट किया जाएगा, इस तालिका में नहीं।
3.यह कि table 6C अपंजीकृत व्यक्तियों से प्राप्त सप्लाई पर रिवर्स चार्ज (उपरोक्त 6B के अलावा) लगाया जा सकता है।, जिस पर कर का भुगतान किया गया है ।और आईटीसी का लाभ उठाया गया है। कुछ डाटा की रिपोर्टिंग के लिए आंशिक रूप से वैकल्पिक · पूंजीगत वस्तुओं का विवरण अलग से सूचित किया जाना चाहिए। · इनपुट गुड्स और इनपुट सेवाओं का विवरण ‘इनपुट’ शीर्षक के तहत समेकित आधार पर रिपोर्ट किया जा सकता है।
4.यह कि table 6D रिवर्स चार्ज के लिए उत्तरदायी पंजीकृत व्यक्तियों से प्राप्त आपूर्ति, जिस पर कर का भुगतान किया गया है। और आईटीसी का लाभ उठाया गया है। कुछ डाटा की रिपोर्टिंग के लिए आंशिक रूप से वैकल्पिक · capital goods का विवरण अलग से सूचित किया जाना चाहिए। · इनपुट गुड्स और इनपुट सेवाओं का विवरण ‘इनपुट’ शीर्षक के तहत समेकित आधार पर रिपोर्ट किया जा सकता है।
5.यह कि table 6E माल का आयात (SEZ से आपूर्ति सहित) अनिवार्य · पूंजीगत वस्तुओं का विवरण अलग से सूचित किया जाना चाहिए। · इनपुट गुड्स और इनपुट सेवाओं का विवरण ‘इनपुट’ शीर्षक के तहत समेकित आधार पर रिपोर्ट किया जा सकता है।
6.यह कि table 6F सेवाओं का आयात (SEZ से इनपुट सर्विस सहित) अनिवार्य –
7.यह कि table 6 Gआईएसडी से आईटीसी प्राप्त हुआ अनिवार्य –
8.यह कि table 6H पुनःप्राप्त आईटीसी की राशि (तालिका 6B के अलावा) अनिवार्य –
9.यह कि table 6K TRAN Iआईटीसी अनिवार्य चूंकि TRAN-I के लिए विंडो वित्त वर्ष 2022-23 में फिर से खोली गई थी, ।TRAN-I में प्राप्त किसी भी ITC को यहां रिपोर्ट करना होगा।
10.यह कि table 6L TRAN 2 आईटीसी अनिवार्य चूंकि TRAN-II के लिए विंडो वित्त वर्ष 2022-23 में फिर से खोली गई थी।, TRAN-I में प्राप्त किसी भी ITC को यहां रिपोर्ट करना होगा।
11.यह कि table 6M किसी अन्य आईटीसी का लाभ उठाया गया है लेकिन ऊपर 6B से 6L मे ना हो।
जीएसटी R 9 की Table 7 ITC रिवर्स और अयोग्य ITC का विवरण-
7 A में As per नियम 37 धारा 16(2) के लिए ब्याज भी देय होगा सेक्शन 50।
7 B में As per नियम 39 आईटीसी ISD द्वारा।
7 C मे As per नियम 42 इनपुट सर्विस टैक्स REVERSE।
7 D में As per नियम 43 कैपिटल गुड्स सेक्शन 16(3)और 17(1)(2) में REVERSE।
7 E मे As per Section 17(5)
7 F मे As per Tran I क्रेडिट वित्तीय वर्ष 2022-23
7 G मे As per Tran II क्रेडिट वित्तीय वर्ष 2022-23
7 H मे अन्य रिवर्स
नोट
7 A से 7E तक का रिवर्स 7H मे कर सकते हैं।
7 F ,G का REVERSE SEPARATELY SHOW होगा।
जीएसटी R 9 की Table 8 पर –
1. यह कि Table 8A जीएसटीआर-2a से आईटीसी स्वतः आयेगी । वित्त वर्ष 2022-23 के लिए, सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(2) के अनुसार, करदाताओं को जीएसटीआर-2b के आधार पर आईटीसी का लाभ उठाना आवश्यक था । ना कि कि जीएसटीआर-2a से। इसलिए, जीएसटीआर-2a के साथ सामंजस्य स्थापित करने से सप्लायर द्वारा रिपोर्टिंग में अंतर और करदाताओं द्वारा आईटीसी का लाभ उठाने के मामले में करदाता पर अतिरिक्त समस्या पैदा होगी ।इसके अलावा, जीएसटी अधिकारियों द्वारा जारी किए गए किसी भी नोटिस को Table 8 K अंतर के आधार पर आसानी से चुनौती दी जा सकती है। कि जीएसटी अधिनियम ने स्वयं जीएसटीआर -2 ए के साथ सामंजस्य की आवश्यकता को हटा दिया है। और इसलिए, उसी के आधार पर नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है।
2. यह कि Table 8B 6B + 6H के अनुसार आईटीसी स्वतः भर जायेगी ।यह तालिका वार्षिक रिटर्न में तालिका 6B और तालिका 6H में दिए गए विवरण के आधार पर स्वतः भर जायेगी।
3. यह कि Table 8C वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त इनपुट आपूर्ति (आयात और रिवर्स चार्ज के लिए उत्तरदायी इनपुट सप्लाई के अलावा लेकिन एसईजेड से प्राप्त सेवाएं शामिल हैं) पर आईटीसी, लेकिन निर्धरीत अवधि तक अगले वित्त वर्ष में प्राप्त किया गया ।अनिवार्य हैं ।इस तालिका में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्राप्त इनपुट सप्लाई के संबंध में आईटीसी का विवरण शामिल है,। लेकिन वित्त वर्ष 2022-23 में अक्टूबर 2023 के महीने के लिए 30 नवंबर 2023 तक दाखिल किए गए ।जीएसटीआर-3बी तक प्राप्त किया गया।
4. यह कि Table 8D मे Table ( 8A- 8B+8C)
5. यह कि Table 8E और 8F मे आईटीसी उपलब्ध है। लेकिन लाभ नहीं उठाया गया है। 8E में आईटीसी उपलब्ध है ।लेकिन लाभ नही लिया है ।8F मे अयोग्य आईटीसी रूप से है।, यदि तालिका 8D का मान सकारात्मक है, तो 8E और 8F का कुल योग 8D के बराबर होगा।
6. यह कि Table 8Gमाल के आयात पर जिसमे आईजीएसटी का भुगतान (एसईजेड से प्राप्त सप्लाई)
7. यह कि Table 8H में IGST इंपोर्ट गुड्स पर Table 6(E)
8. यह कि 8J स्वत जेनरेट होगी।8G -8H
9. यह कि Table 8K =(टेबल8 E+8F+8J)
पार्ट IV में टैक्स का विवरण Table 9 के द्वारा।
पार्ट V में Table 10,11, 12, 13और 14 मे returns में घोषणा से सम्बन्धित विवरण।
पार्ट VI में Table No 15,16,17,18 और 19को शामिल किया गया है जिसमें अन्य विवरण रिफंड, सेक्शन 143 ,HSN कोड और LATE FEEआदि विवरण दिया गया है।
यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीएसटी R 2b को अक्टूबर 2021 से पोर्टल पर प्रभावी किया गया है ।लेकिन धारा 16(2)(aa) के अनुसार जीएसटी r2b में यह परिवर्तन जनवरी 2022 से कर दिया गया था । नोटीफिकेशन No 39/2021 date 21/12/2021 से। जिस कारण से जीएसटी 9 में एंट्री करते समय जीएसटी 2b पर विशेष ध्यान देना होगा।ITC क्लेम के लिए चुनौती होगी।TABLE 6और 8 में विवाद होने काफ़ी संभावना है। इसलिए वित्त वर्ष 2022-23 के जीएसटी R 9 में ITC क्लेम पर विवाद रहेगा।
यह कि जिन करदाता का टर्नओवर रुपए 5 करोड़ से अधिक है ।उन्हें 6 अंकों में अपना HSN डालना होगा ।तथा जिनके टर्नओवर 5 करोड रुपए से कम है। उन्हें चार अंको का HSN डालने होगा तथा यह नियम b2b के संव्यवहार के लिए है।
गत वर्ष से परिवर्तन लागू रहेंगे-
1 .यह कि Table 5 credit note/Debit note/Amendment को total मे show कर सकते हैं।
2 .यह कि Table 6 मे ITC को अलग अलग दिखाने की अवश्यकता नहीं है।B2 B और RCM की ITC को एक साथ दिखाई जा सकती हैं।
3 .यह कि Table 7 में Reversal को 7 Hमे एक साथ दिखाया जा सकता हैं।
4. यह कि Table 10,11 में (a) वित्तीय वर्ष 2022-23 में amendment invoice GST R1 अप्रैल 22से oct 22 तक फाइल 30 November Or वित्तीय वर्ष 22-23 का टैक्स वित्तीय वर्ष 2023-24 मे जमा किया है।Table 10 मे घोषित आंकड़ों पर जो डेबिट नोट द्वारा जोड़े गए।यह कि जीएसटी R 1 की Table Amended 9a/9b/9c को अब जीएसटीR 9 की Table No 10 औरTable 11 Reduced amendment tax net credit note द्वारा में दिखाया जाएगा।
5. Table 12 पिछले वर्ष आईटीसी रिवर्स के लिए।
6. Table 13. पिछले वर्ष की आईटीसी ली जाती है।
7. Table 14,15 refund 2022-23 के लिए।table/16में सप्लाई कम्पोजिशन डीलर/ deemed सप्लाई सेक्शन 143 जॉब वर्क/ गुड्स transfer लेकिन वापस नहीं लौटा।
8..यह कि Table 17 में अब HSN की समरी को जीएसटी R1 में घोषित HSN समरी से प्रयोग किया जा सकता है।HSN समरी में Rs 10=00 तक का समायोजन हो जायेगा। पोर्टल में सुविधा उपलब्ध हो गईं हैं।
9. यह कि Table No 15, 16और 18 वैकल्पिक रखी गई है।
महत्वपूर्ण सुझाव-
1. यह की वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2b अगस्त 2022 से पोर्टल पर पूर्ण रूप से प्रभावी किया गया है लेकिन धारा 16( 2 )(aa) जनवरी 2022 से प्रभावी कर दी गई है ।जिस कारण 2a/2b में काफी अंतर आ सकता है। इसके लिए आप जीएसटी पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।token/Ticket जेनरेट कर सकते है।
2. यह कि ITC क्लेम और क्रेडिट के अन्तर के लिए अब 3B में DRC 01 C के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है। अतः अब GSTR 9 की Table 8 पर नोटिस का आधार नहीं होना चाहिए।
3 .यह कि GST R9 की Table 6J ITC और 7J GSTR 3B का विवाद कायम हो सकता हैं। अतः अन्तर नहीं आना चाहिए।
4 .यह कि भुगतान DRC 03 से करना है।
5. यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीएसटीR 3b तथा फॉर्म डीआरसी 03 में बताई गई देनदारी के बावजूद Table 4(जिसमें टेबल 10 /11 ) समायोजन सहित के अनुसार देनदारी को फाइनल अकाउंट के अनुसार माना जाना चाहिए।
6. यह कि धारा 49( 4 ) इलेक्ट्रॉनिक लेजर में उपलब्ध रकम के संबंध में नोटिफिकेशन संख्या 9 /2022 दिनांक 5 /7 /2022 द्वारा स्थापित दिनांक 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी तथा नियम 86 (2 ) इलेक्ट्रॉनिक लेजर में उपलब्ध रकम के उपयोग पर प्रतिबंध की व्याख्या के आधार पर विवाद कायम किया जा सकता है।
7 .यह कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सभी समायोजन 30 नवंबर 2023 तक फाइल किया जा सकते हैं। तिमाही रिटर्न के लिए 13/10/2023/IFF और मंथली रिटर्न के लिए 11/11/2023 अन्तिम परिवर्तन हैं।GSTR 1मे नियमानुसार।
यह कि करदाता का टर्नओवर रुपए दो करोड़ से कम है। तो उसके लिए जीएसटी R 9 दाखिल करना आवश्यक नहीं है।Notification No 32/2023/Central Tax/31 July 2023
50वी जीएसटी काउंसिल मीटिंग dated 7/07/2023 मे निर्णय किया।जिस करदाता का टर्नओवर दो करोड रुपए से अधिक तथा 5 करोड रुपए से कम है ।उन्हें जीएसटी 9 भरना अनिवार्य है ।लेकिन उनके लिए 9 C रिकॉन्सिलिएशन आफ स्टेटमेंट जरूरी नहीं है ।तथा जिन करदाता का टर्नओवर रुपए 5 करोड़ से अधिक है ।उन्हें जीएसटी R 9 के साथ रिकॉन्सिलिएशन आफ स्टेटमेंट 9C भी दाखिल करना अनिवार्य है। जीएसटी एक्ट की धारा 44 के अंतर्गत। यदि नियत दिनांक के बाद जीएसटी 9 दाखिल किया जाता है ।तो उसे पर धारा 47(2) के अंतर्गत विलंब शुल्क भी लिया जाएगा। विलंब शुल्क cgst/sgst वर्ष 2022-23 के लिए जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9सी को देरी से दाखिल करने के लिए विलंब शुल्क
1. कुल वार्षिक टर्नओवर वाला पंजीकृत व्यक्ति विलम्ब शुल्क 5 करोड़ रुपये तक 50 रुपये प्रति दिन (25 रुपये + 25/-), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में टर्नओवर की अधिकतम 0.04% राशि के अधीन/
2. 5 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये रु. 100 प्रति दिन (रु.50/ + रु.50//-), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में टर्नओवर की अधिकतम 0.04% राशि के अधीन
3. 20 करोड़ रुपये से ज्यादा 200 रुपये प्रति दिन (रु. 100 + रु. 100/-), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में टर्नओवर की अधिकतम 0.5% राशि के अधीन अधिसूचना संख्या देखें : 07/2023-सीटी दिनांक 31-03-2023
4. नोटिफिकेशन संख्या 29/2021 सेंट्रल टैक्स dated 30जुलाई 2021 से सेक्शन 35(5) करदाता 9C के लिए self declaration कर सकता हैं।
8. यह कि Interest के लिए जीएसटी R 9 मे output पर 18%annual,RCM पर 18% CASH LEDGER से। यदि कोई ITC गलत प्रयोग की गई है।तो उस पर भी 18% INTEREST लगेगा । ब्याज पर ब्याज नहीं लगेगा।
9 यह कि जिन करदाता का टर्नओवर रुपए 5 करोड़ से अधिक है ।उन्हें 6 अंकों में अपना HSN डालना होगा ।तथा जिनके टर्नओवर 5 करोड रुपए से कम है। उन्हें 4 अंको का HSN डालने होगा तथा यह नियम b2b के संव्यवहार के लिए है।
10 .यह कि जीएसटी R 9 की समीक्षा एक समय अवधि अनुसार घोषित की जानी चाहिए ।ताकि जीएसटी R 9 की उपयोगिता सिद्ध हो सके। वित्त अधिनियम 2023 संख्या 08/2023 dated 31/03/2023से dated 01/10/2023 से पिछले 3 वित्तीय वर्ष के जीएसटी R 9 दाखिल नहीं होगे।
विशेष टिप्पणी
मेरा निजी मत है। कि जीएसटी एक्ट में कुछ संशोधन होने अति आवश्यक हैं ।जब जीएसटी एक्ट में धारा 44 के अंतर्गत एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 का प्रावधान किया गया है। तो ऐसी स्थिति में उसका सदुपयोग भी होना अति आवश्यक है ।वर्तमान स्थिति में जिस प्रकार धारा 61 ,73 और 74 का दुरुपयोग बिना नियम के किया जा रहा है । तथा धारा 47 के अंतर्गत विलंब शुल्क भी वसूला जा रहा है।ऐसी स्थिति में यदि प्रत्येक करदाता को एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 दाखिल करना अनिवार्य किया जाना चाहिए ।और जीएसटी R 9 में भी कई संशोधन होने चाहिए। जैसे बैलेंस शीट से आंकड़ों का मिलन/ रिफंड के आदेश या मांग के विरुद्ध डीआरसी 07 जनरेट करने का प्रावधान होना चाहिए ।और पूर्व के कर अधिनियमों की तरह इस अधिनियम में एनुअल रिटर्न जीएसटी R 9 के दाखिल होने के पश्चात सभी कार्यवाही जीएसटी R 9 के मूल्यांकन के समय पर होना चाहिए ।तभी जीएसटी R9 की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी अन्यथा विभाग द्वारा धारा 61 ,73 और 74 का ऐसे ही इस्तेमाल होता रहेगा।
यह कि कुछ लोगों का मत है। कि यदि हम 30 नवंबर तक कोई संशोधन नहीं कर सके हैं ।तो उसे एनुअल रिटर्न में कर लेंगे ।मेरे मत अनुसार यह भ्रम की स्थिति है ।क्योंकि हमें धारा 37( 3) तथा धारा 39 ( 9) का अध्ययन हम करेंगे तो स्पष्ट होगा। कि कोई भी संशोधन जीएसटी R 1 और जीएसटी 3b के द्वारा ही किया जा सकता है ।जिसका परिणाम जीएसटी 9 में होगा। यहां एक विशेष तथ्य है। कि एनुअल रिटर्न भरते समय हम किसी भी मद में कमी नहीं कर सकते ।हां यदि आप अपना करदायित्व बढ़ाना चाहते हैं। तो उसे एनुअल रिटर्न के माध्यम से डीआरसी 03 के द्वारा जमा कर सकते हैं। पोर्टल पर Table 8 A 11 दिसंबर 2023 से अपडेट हो गई हैं।
लेखक के यह निजी विचार है