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वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 जो प्रणाली लागू की गई ।उसके 7 साल बाद भी जीएसटी पोर्टल की बदहाली दूर नहीं हो रही है।बृहस्पतिवार तारीख 11 अप्रैल2024 को मार्च 2024 के मासिक जीएसटी R1 भरने की अंतिम तिथि थी ।आखिरी तारीख से एक दिन पहले ही अर्थात 10 अप्रैल 2024 की दोपहर से पोर्टल परेशान करने लगा था। तथा 10 अप्रैल की शाम तक भी जीएसटी पोर्टल बहाल नहीं हो सका ।11 अप्रैल 2024 अंतिम तिथि तक दोपहर तक जीएसटी पोर्टल क्रैश हो गया ।और संदेश मिलने लगे। कि अधिक ट्रैफिक होने के कारण पोर्टल रिटर्न लेने में सक्षम नहीं है ।हैरानी की बात है । कि पोर्टल के विकास के लिए सरकार सैकड़ो करोड रुपए खर्च कर चुकी है ।व्यापारियों पर ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता है ।लेकिन पोर्टल की लचर व्यवस्था के कारण सभी व्यवस्थाएं ठप जाती है ।जीएसटी पोर्टल ठप हो जाने के कारण कई व्यापारी/ करदाता आखिरी तारीख पर अपने व्यवसाय से संबंधित कर बीजक जीएसटीR 1 प्रस्तुत नहीं कर सके ।तो उनसे माल क्रय करने वाले व्यवसाईयों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC )प्राप्त नहीं होगा ।यह जीएसटी काउंसिल की जवाबदेही है ।कि आखिरी समय तक पोर्टल ठीक से कम करें ।तथा इसके अलावा E इन्वॉइसिंग की दिक्कत भी पिछले सात आठ दिनों से चली आ रही है ।जीएसटी पोर्टल पर वह डाउनलोड नहीं हो रहे हैं। इस संबंध में टैक्स प्रोफेशनल /करदाता तनाव और आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं ।इसका दायित्व जीएसटी पोर्टल पर होना चाहिए।

जीएसटी पोर्टल की खराबी के कारण सबसे अधिक परेशानी टैक्स प्रोफेशनल को होती है। आश्चर्य की बात है। कि जीएसटी 2017 से लागू हुआ ।लेकिन जीएसटी पोर्टल की परेशानी लगातार बनी हुई है। जिससे एडवोकेट और करदाता बहुत अधिक त्रस्त है ।अगर करदाता पर किसी प्रकार का अर्थ दंड लगाया जाता है ।तो इसके लिए सीधे तौर पर जीएसटी पोर्टल जिम्मेदार होना चाहिए। इससे पहले भी एडवोकेट/ करदाताओं द्वारा सरकार को सुझाव दिया गया था। कि सभी व्यापारियों के लिए मासिक रिटर्न को त्रैमासिक कर देना चाहिए। लेकिन सरकार द्वारा जीएसटी की मूल संरचना जब की गई थी ।तो उसमे मात्र एक रिटर्न भरने का प्रावधान था ।परंतु आज की तारीख तक करदाता कई रिटर्न करने के लिए जिम्मेदार हो गए हैं। करदाता अत्यधिक परेशान है।कि वह व्यापार करें या महीने में तीन-तीन रिटर्न भरे ।इस पर सरकार/ जीएसटी परिषद को सोचना चाहिए ।जिस प्रकार जीएसटी पोर्टल की दुश्वारियां एडवोकेट और करदाता झेल रहे हैं, वह अच्छी बात नहीं है ।11 अप्रैल 2024 को पोर्टल क्रैश होने के बाद रात्रि 10:00 बजे सोशल मीडिया के द्वारा 11 अप्रैल की तारीख को 12 अप्रैल 2024 में तब्दील कर दिया गया, जिससे स्पष्ट है ।कि जीएसटी के अधिकारी कितने समझदार है ?10 अप्रैल और 11 अप्रैल 24 में लगातार टैक्स प्रोफेशनल /करदाता तनाव में रहे ।समय बर्बाद करते रहे और उनके द्वारा रात्रि 10:00 बजे एक मैसेज जारी करके इतिश्री कर ली गई ।जो गंभीर विषय है। जीएसटी पोर्टल पर एक सूचना जारी की गई जिसका प्रारूप निम्न प्रकार है

GST keyword touching by a man hand

Extension of GSTR-1 due date to 12th April 2024

11/04/2024

GSTN has noticed that taxpayers are facing difficulties in filing GSTR-1 intermittently since yesterday due to technical issues leading to slow response on the portal. GSTN has accordingly recommended to CBIC that the due date for filing of GSTR-1 for the monthly taxpayers be extended by a day ie till 12/4/24.Thanking you,

Team GSTN

उपरोक्त सूचना से स्पष्ट है। कि जीएसटीएन के अधिकारी कितने सजग है। जीएसटी पोर्टल के संबंध सरकार और जीएसटी काउंसिल को करदाता/ टैक्स प्रोफेशनल की परेशानियों पर गौर करना चाहिए और जीएसटी पोर्टल को सुचारू रूप से चलना चाहिए। अन्यथा जीएसटी पोर्टल के कारण कई करदाताओं को अत्यधिक परेशानी और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है ।अतः सरकार जीएसटी काउंसिल इस नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी ले।

यह लेखक के निजी विचार है।

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