ई–इनवॉइसिंग के नए नियम
The GST law & system is full of amendments and frequent changes is habitual under GST law. Many changes were announced in the month of July-2022 and immediately after that on 1st of Aug 2022, one more change was announced.
जीएसटी कानून प्रणाली संशोधनों से भरी हुई है और जीएसटी कानून के में बार–बार बदलाव एक सामान्य बात है । जुलाई–2022 के महीने में कई बदलावों की घोषणा की गई और उसके तुरंत बाद 1 अगस्त 2022 को एक और बदलाव की घोषणा की गई ।
YES, I am talking about Notification 17/2022 (Central Tax) dated 01.08.22. through this notification brought the changes in turnover limit for mandatory E-Invoicing.
जी हाँ, मैं अधिसूचना 17/2022 (केंद्रीय कर) दिनांक 01.08.22 की बात कर रहा हूं । इस अधिसूचना के माध्यम से ई–इनवॉइस के लिए टर्नओवर सीमा में परिवर्तन लाया गया ।
Journey of E-invoicing from beginning
PHASE | Applicable on (taxpayers having an aggregate turnover of more than listed below in any of the preceding years since GST) | Applicable Date |
I. | Rs. 500 Crore | 01.10.2020 |
II. |
Rs.100 Crore | 01.01.2021 |
III. |
Rs.50 Crore | 01.04.2021 |
IV. |
Rs. 20 Crore | 01.04.2022 |
V. |
Rs. 10 Crore | 01.10.2022 |
It is clear from the above table that if your aggregate turnover is more than Rs 10 Crore in any preceding financial year since the inception of GST, from 01.10.2022 E-Invoicing is mandatory for you.
उपरोक्त तालिका से यह स्पष्ट है कि यदि आपका कुल टर्नओवर जीएसटी की शुरुआत के बाद से किसी भी पिछले वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रुपये से अधिक है, तो 01.10.2022 से ई–इनवॉइस आपके लिए अनिवार्य है ।
What is E-Invoicing
‘e-Invoice is a system in which B2B invoices are authenticated electronically by GSTN for further use on the common GST portal. Under the electronic invoicing system, an identification number will be issued against every invoice by the Invoice Registration Portal (IRP) to be managed by the GST Network (GSTN)’
Non-Applicability of E-Invoicing / ई–इनवॉइस का प्रावधान का लागू नहीं होगा
The provision of E-invoicing will not apply to the following categories of GST registered persons irrespective of the turnover / ई-इनवॉइस का प्रावधान जीएसटी पंजीकृत व्यक्तियों की निम्नलिखित श्रेणियों पर लागू नहीं होगा, भले ही टर्नओवर कितना भी हो:
- An insurer or a banking company or a financial institution, including an NBFC / बीमा कंपनी या बैंकिंग कंपनी या वित्तीय संस्थान
- Goods Transport Agency (GTA) / गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी
- Passenger Transportation Services / यात्री परिवहन सेवा
- Multiplex services / सिनेमा घर / मल्टीप्लेक्स सेवा
- SEZ unit / एस ई जेड यूनिट
- Government Department and Local Authority /सरकारी विभाग और स्थानीय प्राधिकरण
What are the supplies currently covered & Not Covered under e-invoicing / वर्तमान में ई–इनवॉइस के अंतर्गत कौन–सी आपूर्तियाँ शामिल हैं और कौन–सी नहीं हैं
COVERED UNDER E-INVOICING / ई–इनवॉइस बनाना जरुरी है । | NOT COVERED UNDER E-INVOICING / ई–इनवॉइस बनाना जरुरी नहीं है । |
B2B Supplies / B2B सेल | B2C Supplies /B2C सेल |
Export including Supplies to SEZ / निर्यात, SEZ को आपूर्ति सहित | Nil-rated supplies / निल रेटेड सेल |
Deemed Export / डीम्ड एक्सपोर्ट | Exempt Supplies / करमुक्त सेल |
Debit Note / Credit Note (under Section 34 of the CGST) / डेबिट नोट / क्रेडिट नोट ((सीजीएसटी की धारा 34 के तहत) | Debit Note / Credit Note Other than under Section 34 of the CGST (financial or commercial credit notes) /डेबिट नोट / क्रेडिट नोट सीजीएसटी की धारा 34 के अलावा (वित्तीय या वाणिज्यिक क्रेडिट नोट) |
Some of the common questions related to E-Invoicing / ई–इनवॉइस से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न
Q- Can I amend the details of a reported invoice for which IRN has already been generated? / क्या मैं रिपोर्ट किए गए इनवॉइस (बिल) के विवरण में संशोधन कर सकता हूँ जिसके लिए आईआरएन पहले ही बन चुका है ?
A- Amendments are not possible on IRP. Any changes in the invoice details reported to IRP can be carried out on the GST portal (while filing GSTR-1). In case GSTR1 has already been filed, then use the mechanism of the amendment as provided under GST.
However, these changes will be flagged to the proper officer for information.
आईआरपी में संशोधन संभव नहीं है । आईआरपी को रिपोर्ट किए गए इनवॉइस विवरण में कोई भी बदलाव जीएसटी पोर्टल (जीएसटीआर-1 दाखिल करते समय) पर किया जा सकता है। अगर GSTR1 पहले ही फाइल किया जा चुका है, तो GST के तहत दिए गए नियम अनुसार ही बदलाव होगा ।
हालांकि, इन परिवर्तनों को सूचना के लिए उचित अधिकारी के पास भेजा जाएगा ।
Q- Can an IRN/invoice reported to IRP be cancelled? / क्या IRP को रिपोर्ट किया गया IRN/ इनवॉइस रद्द किया जा सकता है?
A- Yes. The cancellation request can be triggered through the ‘Cancel API’ within 24 hours from the time of reporting the invoice to IRP. However, if the connected e-way bill is active or verified by an officer during transit, cancellation of IRN will not be permitted. In case of cancellation of IRN, GSTR-1 be updated with such ‘cancelled’ status.
हाँ, आईआरपी को इनवॉइस की रिपोर्ट करने के 24 घंटे के भीतर रद्द करने का प्रावधान है , जो ‘कैंसिल एपीआई‘ के माध्यम से किया जा सकता है ।
हालांकि, यदि कनेक्टेड ई-वे बिल जो परिवहन के दौरान किसी अधिकारी द्वारा सक्रिय या सत्यापित है, तो IRN को रद्द करने की अनुमति नहीं होगी । आईआरएन को रद्द करने के मामले में, GSTR-1 को ऐसी ‘रद्द’ स्थिति के साथ अद्यतन किया जाना चाहिए
Q- Can an invoice number of a cancelled IRN be used again? / क्या रद्द किए गए IRN के इनवॉइस नंबर का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है?
A- NO. Once an IRN is cancelled, the concerned invoice number cannot be used again to generate another e-invoice/IRN (even within the permitted cancellation window). If it is used again, then the same will be rejected when it is uploaded on IRP.
This is because IRN is a unique string based on the Supplier’s GSTIN, Document Number, Type of Document & Financial Year.
नहीं । एक बार एक आईआरएन रद्द हो जाने के बाद, संबंधित इनवॉइस नंबर का दोबारा इस्तेमाल एक और ई-इनवॉइस/आईआरएन (यहां तक 24 घंटे के भीतर रद्द किये हो तो भी दुबारा उपयोग नहीं कर सकते है ।) यदि इसे फिर से उपयोग किया जाता है तो इसे IRP पर अपलोड करने नहीं देगा और अस्वीकार कर दिया जाएगा ।
Q- Can I partially cancel a reported invoice? क्या मैं रिपोर्ट किए गए इनवॉइस को आंशिक रूप से रद्द कर सकता हूं?
A- NO. It has to be cancelled in toto. No partial cancellation of reported e-invoice allowed. The cancellation of invoices is governed by Accounting Standards and any other applicable rules/regulations.
नहीं । इसे पूरी तरह रद्द करना होगा । रिपोर्ट किए गए ई–चालान को आंशिक रूप से रद्द करने की अनुमति नहीं है ।
Q- I have generated IRN for an invoice. There is a discrepancy in the invoice and the supply also didn’t materialise, so, I had to cancel it in my system. However, I could not cancel the IRN on IRP as the cancellation window (24 hours) has expired. What to do? मैंने इनवॉइस के लिए IRN जेनरेट किया है। इनवॉइस में कुछ त्रुटि है और आपूर्ति भी नहीं हुई, इसलिए मुझे इसे अपने सिस्टम में रद्द करना पड़ा । हालाँकि, मैं IRP पर IRN को रद्द नहीं कर सका क्योंकि रद्दीकरण विंडो (24 घंटे) समाप्त हो गई है । क्या करें?
A- Obtaining IRN by notified taxpayers is a legal requirement before the issue of specified documents to recipients. Upon generation of IRN, amendments are not possible on IRP, and cancellation of IRN only is permitted within a time window. So, the details of invoices actually issued during the tax period have to be reported in GSTR-1.
GSTR-1 is the final and self-assessed statutory statement of outwAard supplies by the taxpayer, at the end of tax period. In the e-invoices auto-populated in GSTR-1 tables, taxpayers shall delete the details, wherever required, as per the documents actually cancelled during the tax period.
प्राप्त कर्ताओं को निर्दिष्ट दस्तावेज़ जारी करने से पहले अधिसूचित कर दाताओं द्वारा IRN प्राप्त करना एक कानूनी आवश्यकता है । IRN जेनरेट हो जाने पर, पोर्टल पर संशोधन संभव नहीं है, और आईआरएन को रद्द करने की अनुमति केवल एक नियत समय–सीमा के भीतर ही दी जाती है । इसलिए, महीने के दौरान वास्तव में जारी किए गए इनवॉइस का ही केवल विवरण GSTR–1 में रिपोर्ट करना है ।
GSTR-1, महीने के अंत में, करदाता द्वारा आउटवर्ड सप्लाई का फाइनल और स्व-मूल्यांकन वैधानिक विवरण है । GSTR-1 में ऑटो पॉप्युलेटेड इनवॉइस में करदाता से रद्द किये हुए बिल डिटेल्स हटा सकता है ।
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If you fall under the new turnover limit of E-Invoicing, kindly contact to your billing software company as early as possible. यदि आप ई-इनवॉइस की टर्नओवर सीमा के अंतर्गत आते हैं, तो कृपया जल्द से जल्द अपनी बिलिंग सॉफ़्टवेयर कंपनी से संपर्क करें ।
जय हिन्द – जय भारत
I tried to give the summary of recent changes under E- Invoicing. For easily understanding, I tried to summaries in Hindi too. I Hope you it will be useful for all.
हिन्दी अनुवाद केवल सरलता से समझने के लिए, हो सकता है कि यह हिंदी अनुवाद पुरा सटीक मेल न खाए ।
Sir,
In case my turnover limit exceeds Rs.10/- crore,
i) till 30.9.2022,
ii) after 30.9.2022,
whether I will be covered under provisions of e-invoicing.
CA Om Prakash Jain s/o J.K.Jain
Tel 9414300730
E invoicing will be applicable in both scenario from 1.4.2023, as turnover of preceding financial year has to be checked.
Regards
CA Atit D Shah – 9327803912
Dear Om Prakash Ji,
As per the provision of E-Invoicing, it depends only on the Turnover of Preceding Previous years (any of the preceding previous years from the inception of GST) and NOT on the current year. Therefore,
If your turnover reached Rs. 10 Cr for the first time (up to 30.09.22), then E-invoicing will be applicable from next year.
Hope you got the answer to your query.
Thanks & regards
Pankaj Kannaujiya
+91 9998530475