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परिचय: जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। 22 मई 2024 से जीएसटी पोर्टल पर आधार वेरीफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। अब, जब भी आप जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करेंगे, आपके सामने आधार वेरीफिकेशन की विंडो नजर आएगी। पहले, आधार वेरीफिकेशन के साथ-साथ लेटर रिमाइंडर की विंडो भी नजर आती थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि सभी पंजीकृत करदाता अपने आधार को जीएसटी के साथ लिंक करें।

आज से जीएसटी पोर्टल पर जब आप login करेंगे। तोआपके सामने आधार वेरिफिकेशन की विंडो नजर आएगी। जबकि आज से पूर्व आधार वेरिफिकेशन के साथ-साथ Later रिमाइंडर की भी विंडो भी नजर आती थी। जिसे आज22.5.2024 से बंद कर दिया गया है। जिससे स्पष्ट है। कि जीएसटी विभाग सभी पंजीकृत करदाता को आधार से लिंक करना चाहता है। उसी के तहत यह कदम उठाया गया है। फिर भी टैक्स प्रोफेशनल आधार वेरिफिकेशन नहीं करना चाहते हैं। तो डैशबोर्ड के द्वारा जीएसटी पोर्टल पर काम कर सकते हैं? लेकिन आज नहीं तो कल आधार वेरीफिकेशन अनिवार्य होने वाला है। जैसा कि वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 25( 6 B) तथा नियम 10 (B) के अनुसार आधार से लिंक होना जरूरी है।

आधार से वेरिफिकेशन की शर्तें

आधार पैन कार्ड से लिंक होना चाहिए तथा दोनों का डाटा एक समान होना चाहिए। साथ ही आधार पैन के साथ सूचना उसी मोबाइल पर जाएगी जो आधार में अंकित है।

Is Aadhaar verification mandatory in GST

आधार वेरीफिकेशन कैसे करें

आधार वेरिफिकेशन के लिए जीएसटी पोर्टल पर जो ईमेल एड्रेस आपने अंकित किया है। उसी ईमेल पर एक हाइपरलिंक जाता है। जब हम उस पर लिंक को खोलते हैं। तो उसमें अपना आधार नंबर अंकित करते हुए। मोबाइल पर ओटीपी आएगा। जिसे अंकित करने पर हमारा आधार वेरीफाई हो जाएगा। यदि इस प्रक्रिया में कोई त्रुटि है। जैसे आधार कार्ड और पैन कार्ड के डाटा में कोई अंतर है या मोबाइल नंबर गलत अंकित है तो उस स्थिति में आधार वेरीफिकेशन नहीं होगा।

इसी प्रकार ई केवाईसी (जिसके लिए profile मे जाना होगा) के द्वारा आधार वेरीफिकेशन का नियम लागू किया गया है। जैसे यदि किसी के द्वारा आधार अप्लाई किया गया है या आधार में कोई संशोधन करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया है। उस स्थिति में हम E केवाईसी के द्वारा अपना पोर्टल पर अकाउंट चला सकते हैं। जिसके लिए E केवाईसी पर जब हम क्लिक करेंगे। तो उसे पर हमें आधार अप्लाई करने का नंबर अंकित करना होगा। तथा आधार एप्लीकेशन में जो मोबाइल नंबर डाला गया है। इस पर ओटीपी आएगा। जिससे आप इसे वेरीफाई करते हुए जीएसटी पोर्टल पर कार्य कर सकते हैं। तथा निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करेगा।

A. आधार नामांकन आईडी रसीद और

B. 1. फोटोग्राफ के साथ बैंक पासबुक या

2. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया मतदाता पहचान कार्ड या

3. भारत सरकार द्वारा जारी पासपोर्ट या

4. मोटर यान अधिनियम 1988 के अधीन ड्राइविंग लाइसेंस।

उपरोक्त क्रम संख्या ए के साथ भी में किसी एक दस्तावेज को अपलोड करना होगा जिससे करदाता का E केवाईसी होगा।

आधार वेरीफिकेशन के लिए कौन उत्तरदाई है

वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के नियम 10B के अनुसार

1. प्रोपराइटरशिप फर्म में प्रोपराइटर

2. पार्टनरशिप फर्म में ऑथराइज्ड पार्टनर के साथ ऑथराइज्ड पर्सन का आधार वेरीफिकेशन

3. HUF फर्म के संबंध में कर्ता के आधार का वेरीफिकेशन होगा।

4. कंपनी के मामले में मैनेजिंग डायरेक्टर और ऑथराइज्ड पर्सन का आधार वेरीफिकेशन होगा।

5. इसी प्रकार समिति के मामले में साइनिंग अथॉरिटी या निर्धारित सदस्य का आधार वेरीफिकेशन होगा।

धारा 25(6B) के अनुसार

अधिसूचित की जाने वाली तारीख को प्रत्येक व्यक्ति पंजीकरण की मंजूरी के लिए पात्र बनने हेतु परिषद की सिफारिश पर सरकार द्वारा उक्त अधिसूचना में specify की जाने वाली रीति में सत्यापन कराएगा या आधार संख्या को धारित करने का सबूत प्रस्तुत करेगा। नोटिफिकेशन संख्या 18/ 2020/ केंद्रीय कर/ दिनांक 23.03.2020 प्रभावी दिनांक 1.4.2020 से प्रत्येक पंजीकृत करदाता को जीएसटी के निर्देशानुसार अपने पंजीकरण में आधार वेरीफिकेशन करना अनिवार्य है। जिसके लिए नियम 10B में निर्धारित व्यक्तियों का विवरण उपलब्ध कराया गया है। कि आधार वेरीफिकेशन किसका होगा। धारा 25(6B) स्पष्ट करती है। कि निकट भविष्य में सभी पंजीकृत करदाताओं को आधार वेरीफिकेशन करना होगा। आजकल आधार वेरीफिकेशन केवल रिफंड और रेवोकेशन के संबंध में लागू है। लेकिन जल्द ही सभी को आधार वेरिफिकेशन कराना होगा। वैसे भी वर्तमान में पंजीयन के समय आधार वेरीफिकेशन किया जा रहा है। मेरा सभी टैक्स प्रोफेशनल से अनुरोध है। कि पंजीकृत करदाताओं के आधार वेरिफिकेशन को अति शीघ्र करने का निर्णय ले। ताकि निकट भविष्य में पोर्टल पर हम सुचारू रूप से कर सकें।

निष्कर्ष : जीएसटी पोर्टल पर आधार वेरीफिकेशन अनिवार्य होने से करदाताओं की पहचान और सत्यापन में सुधार होगा। वर्तमान में यह वेरीफिकेशन केवल रिफंड और रेवोकेशन के संबंध में लागू है, लेकिन निकट भविष्य में सभी पंजीकृत करदाताओं के लिए यह अनिवार्य हो जाएगा। सभी टैक्स प्रोफेशनल्स और पंजीकृत करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे आधार वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करें ताकि जीएसटी पोर्टल पर सुचारू रूप से कार्य कर सकें।

आशा है कि इस नए नियम के अनुसार सभी पंजीकृत करदाता आधार वेरीफिकेशन करते हुए नियमों का पालन करेंगे।

यह लेखक के निजी विचार हैं।

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