शैलेष कंठ
आर्थिक मंदी बढ़ने के दो कारण है महंगाई और बेरोजगारी। आज पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। विश्व के सभी अर्थशास्त्री और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इस प्रयास में है की इस आर्थिक मंदी को कैसे तोडा जाय।
महंगाई
कई लोग कहते है की महंगाई Demand & Supply के नियम से होता है। हमारा मानना है की Demand & Supply केवल किसी भी वस्तु की कीमत तय करता है न की महंगाई। महंगाई का माप दंड आय और खर्च के Ratio पर निर्भर करता है। महंगाई सभी के लिए नहीं होती, महंगाई केवल उस आदमी के लिए होती है जिसका खर्च आय से ज्यादा होता है।
बेरोजगारी
हमारे देश में बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है जिसका सबसे बड़ा कारण है खर्च कम करना और Multitelented आदमी की भर्ती करना। हमारे देश में उच्च शिक्षा के कई सारे Course है परनतु क्लर्क, मजदुर और किसान बनने का कोई Course नहीं है। किसी भी इमारत का निर्माण करने के लिए Engineers की संख्या कम होनी चाहिए और मजदुर की संख्या ज्यादा परन्तु अभी हमारे देश में Engineers की संख्या बढ़ती जा रही है और मजदुर की संख्या कम होती जा रही है। हरेक देश के पास कुछ न कुछ अपने संसाधन होते है। हमारे पास सबसे बड़ा संसाधन मानव शक्ति है । हमारा मानना है की पैसे की ताकत से बड़ी ताकत मानव शक्ति है। हम अपने मानव शक्ति का सही तरीकेसे इस्तमाल करेंगे तो बेरोजगारी रोक सकेंगे।
इस लेख को अंत तक पढ़े क्योकि इस लेख के अंत में हम एक उदहारण के जरिये बतायेगे की Working Capital Loan का जन्म कैसे हुआ।
आर्थिक मंदी बढने का सबसे बड़ा कारण है काला धन।
परिभासा
हमारे मत से काला धन उसे कहना चाहिए जो धन व्यक्ति न तो अपने लिए खर्च करे न तो दूसरे को करने दे चाहे वह धन Cash में हो या Bank में ।
काले धन की उत्पति तीन तरीके से होता है जिसमे से दो कारण तो सब कोई जानते है परन्तु तीसरा कारण सायद ही कोई जानता है।
1. Cash Sale Record न करके
2. Duplicate खर्च डाल के
3. पैसे को खर्च के रूप में नहीं निकलना
हम में से किसी को नहीं पता है काले धन को रोकने का क्या उपाय है , यदि जानते तो उसका उपयोग करते या फिर ऐसा है हम लोग काले धन को रोकना नहीं चाहते।
1. Cash Sale Record न करके
Cash Sale Record न होने का सबसे बड़ा कारण आम जनता (अंतिम उपभोगता) का पक्का बिल नहीं लेना है। आम जनता (अंतिम उपभोगता) के लिए बिल एक कागज के टुकड़े के आलावा कुछ नहीं है, वही व्यापारी के लिए बिल की कीमत है क्योकि उनको खर्चा बाद मिलता है और GST में भी फयदा मिलता है। हमें केवल इतना करना है की आम जनता (अंतिम उपभोगता) के लिए बिल की कीमत बनानी होगी। जैसे की पक्का बिल लेने वाले को GST में से २०% वापस किया जाये और बिना GST वाले बिल में से 5% वापस किया जाये, ताकि वह भी पक्का बिल लेना सुरु करे जिससे महंगाई दूर होगी।
हम ने MRP कैसे बनती है यह कही नहीं पढ़ा, परन्तु यदि MRP बनती होगी तो हमारे हिसाबसे इस अनुसार बनती होगी।
MRP Calculation
Particulars | Sale Value | Taxable
Value |
GST @
18% |
Profit
@ 8% |
Income Tax | Total
Tax |
|||
Cost | Profit | Total | Rate | Value | |||||
Manufacture
(25% of Cost)
|
1,000 | 250 | 1,250 | 1,250 | 225 | 100 | 30% | 30 | 255 |
Trasport (1% of Sale Value) | 15 | 1 | 1 | ||||||
Distributors
(15% of Cost) |
1,265 | 190 | 1,455 | 190 | 34 | 116 | 30% | 35 | 69 |
Trasport (1% of Sale Value) | 17 | 1 | 1 | ||||||
Retailer (10%
of Cost) |
1,472 | 147 | 1,619 | 147 | 26 | 130 | 10% | 13 | 39 |
Grand Total :- | 287 | 78 | 365 |
MRP Calculation के Table में MRP कैसे बनती है और कितना कर सरकार को मिलता है एक वस्तु बेचने पर वह दर्शाया गया है, परन्तु व्यापर में लोग मन माना MRP बनाते है।
Solution
Particulars | 100% | 90% | 80% | 70% | 60% | 50% |
GST | 287 | 258 | 230 | 201 | 172 | 144 |
Income Tax | 78 | 70 | 62 | 55 | 47 | 39 |
Total | 365 | 328 | 292 | 256 | 219 | 183 |
Less : Refund 20% GST | 57 | 52 | 46 | 40 | 34 | |
Net Received | 308 | 276 | 246 | 216 | 185 |
Solution Table यदि हम 20% GST वापस करते है तो क्या होता है वह दर्शाया गया है। मान लीजिये अभी 50% आदमी पक्का बिल लेता है तो सरकार को 183 रूपये कर मिलते है, आप देख सकते है की जैसे जैसे पक्का बिल लेने वालो की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे सरकार को मिलने वाला कर भी बढ़ता ही जाता है।
1. इस व्यवस्था के कई फायदे है ।
2. पक्का बिल उत्पादकता से लेकर अंतिम उपभोगता तक घूमेगा। ।
3. आम जनता (अंतिम उपभोगता) की खरीद शक्ति बढ़ेगी जिससे मंहगाई और आर्थिक मंदी घटेगी।
4. सरकार को पता चलेगा किस्से कितना कर लेना है , क्योकि आम जनता (अंतिम उपभोगता) GST वापसी का याचिका दायर करेंगे।
5. व्यापारी बिल नहीं देगा तो उसे अपने माल की कीमत कम करनी पड़ेगी और यदि बिल देता है तो सरकार कुछ रकम वापस करेंगे दोनी ही सूरत में महंगाई कम होगी।
6. यदि ये व्यवस्था लागु की जाती है तो व्यापारी को बहोत मुश्किल पड़ेगा कर के पैसे को व्यापर में इस्तमाल करना।
7. यदि ये व्यवस्था लागु की जाती है तो खुदरा व्यापारी जैसे की सब्जी वाला , किराना वाला , दूध वाला वगैरे वगैरे के अकाउंट बनाने पड़ेगा , इन सब का अकाउंट बनाने के लिए बहोत सारे डेटा ऑपरेटर लगभग 10 करोड़ की जरुरत पड़ेगी जिससे बेरोजगारी दूर होगी।
8. लोगो को रोजगार मिलने से अपराध कम होगा।
खुदरा व्यपारी को फायदा मिलेगा क्योकि GST वाले व्यापारी से वस्तु खरीद ने से सस्ता बिन GST वालो से वस्तु खरीदना सस्ता पड़ेगा।
हम जानते है की आप लोगो को यह नामुमकिन लग रहा होग, परन्तु यह संभव है क्योकि इस व्यवस्था को लागु करने के लिये हमें किसी CA की जरुरत नहीं है, केवल डेटा ऑपरेटर चाहिए और हमारे देश में डेटा ऑपरेटर की कमी नहीं है।
यदि यह व्यवस्था पहले लागु की जाती तो विजय मालिया जैसे लोग सेवा कर के पैसे को व्यापर में इस्तेमाल नहीं कर सकते।
महंगाई और बेरोजगाइ दूर करने का यह सबसे बड़ा असर कारक उपाय है।
2. Duplicate खर्च डाल के
Accounts Books में Duplicate खर्च डाल ने के लिए Cash कहासे आता है। Accounts Books में Depreciation के जरिये Extra Cash उत्पन होता है क्योकि Depreciation कभी भी Cash से बाद नहीं किया जाता है। यदि हमें Duplicate खर्च को रोकना है तो Depreciation को नफा नुकसान से हटाना पड़ेगा।
3. पैसे को खर्च के रूप में नहीं निकलना
रामायण में खर्च के तीन प्रकार बताये गए है दान, भोग, और नास। दान को सबसे उत्तम, भोग को माध्यम और नास को निम्न कहा गया है। हमारे मत से दान को उत्तम इस लिए कहा गया है क्यों की इस में लेखा जोखा रखने की कोई जरुरत नहीं है क्यों की इस में लोग जानते है की में जो दान करता हु वह दूसरे की आमदनी है और जो दूसरा करेगा वो मेरी आमदनी बनेगी। भोग में लोग अपने भोग के लिए ही सही वह खर्च तो करता है जिससे दूसरे की आमदनी होती है। और नास में लोग दान और खर्च कम करता है और ऋण या निवेश ज्यादा करता है। आज हम लोग खर्च के तीसरे प्रकार नास में जी रहे है। इसलिए आज 100 में से 90 लोग ऋण पर जी रहे है। आज हम सब ऋण के एक ऐसे चक्रव्यू में फस चुके है, जिससे निकल ने का एक ही मार्ग है की हम Cash या Bank में रखे पैसे को खर्च के रूप में निकाले। जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे तब तक हम ऋण के चक्रव्यू से नहीं निकल पाएंगे और नहीं हम महंगाई को रोकपायेंगे।
हमारे हिसाबसे जिसके पास तीन महीने के खर्च से ज्यादा Cash & Bank Balance है उनके पास समझ लेना चाहिए की काला धन है चाहे वह पैसा Cash में हो या Bank में।
आइये हम आप को एक उदहारण के जरिये बताये की Working Capital Loan का जन्म कैसे हुआ। इस उदहारण में हमने White account, Black Account और Both Account और साथ में हमने एक Summery बनायीं है जिसमे हमने बताया है की यदि हम Black Money को White Money में बदले तो हमें कितन Tax भरना पड़ेगा और कितने का फायदा होगा।
इस उदाहरण में सब कुछ Fixed Ratio पर Figure बताये गए है।
White Account
|
|||||
Particulars | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | 2025-26 | 2026-27 |
Total Sale Qty | 60% | 55% | 50% | 45% | 40% |
Total Purchase Qty | 80% | 75% | 70% | 65% | 60% |
Secured Loan Int @ | 12.5% | 12.5% | 12.5% | 12.5% | 12.5% |
Unsecured Loan Int @ | 18% | 18% | 18% | 18% | 18% |
White Sale Ratio | |||||
Direct Expenses | 2% | 2% | 2% | 2% | 2% |
Indirect Expenses | 11% | 11% | 11% | 11% | 11% |
Duplicate Expenses | 3% | 3% | 3% | 3% | 3% |
Black Account
Particulars | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | 2025-26 | 2026-27 |
Total Sale Qty | 40% | 45% | 50% | 55% | 60% |
Total Purchase Qty | 20% | 25% | 30% | 35% | 40% |
Black Account में हमने Balance Sheet या Profit & Loss Account नहीं बनाया है केवल Cash Account बनाया है।
Page Contents
Balance Sheet of White Accounts
Particulars |
2022-23 |
Amount |
2023-24 |
Amount |
2024-25 |
Amount |
2025-26 |
Amount |
2026-27 |
Amount |
Sources of Fund |
||||||||||
Share Capital |
1,000,000 |
1,000,000 |
1,000,000 |
1,000,000 |
1,000,000 |
|||||
Profit & Loss A/c |
73,080 |
140,756 |
227,122 |
311,331 |
390,326 |
|||||
Secured Loans |
1,000,000 |
946,344 |
885,583 |
816,776 |
738,858 |
|||||
Unsecured Loans |
500,000 |
1,500,000 |
400,000 |
1,346,344 |
850,000 |
1,735,583 |
775,000 |
1,591,776 |
1,475,000 |
2,213,858 |
Current Liabilities Duties & TaxesGST Payable |
-32,040 |
-25,942 |
-23,321 |
-31,301 |
-54,502 |
|||||
Provision |
||||||||||
Income Tax |
31,320 |
29,004 |
37,014 |
36,089 |
33,855 |
|||||
Sundry Creditorss |
368,640 |
367,920 |
390,720 |
393,782 |
408,456 |
422,149 |
421,824 |
426,612 |
430,080 |
409,433 |
Total |
2,941,000 |
2,880,882 |
3,384,854 |
3,329,719 |
4,013,617 |
|||||
Application of FundFixed Assets |
450,000 |
405,000 |
364,500 |
328,050 |
295,245 |
|||||
Closing Stock |
561,600 |
1,090,020 |
1,680,360 |
2,335,260 |
3,060,810 |
|||||
Sundry Debtors |
345,600 |
395,368 |
410,575 |
415,744 |
412,403 |
|||||
Cash & Bank |
1,583,800 |
2,491,000 |
990,494 |
2,475,882 |
929,419 |
3,020,354 |
250,665 |
3,001,669 |
245,159 |
3,718,372 |
Total |
2,941,000 |
2,880,882 |
3,384,854 |
3,329,719 |
4,013,617 |
White Account का Balance Sheet देख के ये पता लगता है की हर वर्ष जैसे जैसे Closing Stock बढ़ता जाता है वैसे वैसे Loan की Amount भी बढ़ती जाती है।
Profit & Loss Account of White Accounts
Particulars |
2022-23 |
2023-24 |
2024-25 |
2025-26 |
2026-27 |
||||||||||
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
|
Income |
|||||||||||||||
Sale |
6480 |
250 |
16,20,000 |
7128 |
260 |
18,53,280 |
7128 |
270 |
19,24,560 |
6960 |
280 |
19,48,800 |
6666 |
290 |
19,33,140 |
Closing Stock |
3120 |
180 |
5,61,600 |
5892 |
185 |
10,90,020 |
8844 |
190 |
16,80,360 |
1884 |
190 |
3,57,960 |
5358 |
195 |
10,44,810 |
– |
10140 |
195 |
19,77,300 |
10080 |
200 |
20,16,000 |
|||||||||
Balance Writen off |
1,00,000 |
50,000 |
75,000 |
||||||||||||
Total |
####### |
####### |
######## |
######## |
######## |
||||||||||
Expenses |
|||||||||||||||
Opening Stock |
3120 |
180 |
5,61,600 |
5892 |
185 |
10,90,020 |
8844 |
190 |
16,80,360 |
1884 |
190 |
3,57,960 |
|||
10140 |
195 |
19,77,300 |
|||||||||||||
Purchase |
9600 |
180 |
17,28,000 |
9900 |
185 |
18,31,500 |
10080 |
190 |
19,15,200 |
10140 |
195 |
19,77,300 |
10080 |
200 |
20,16,000 |
Direct Exp |
32,400 |
37,066 |
38,491 |
38,976 |
38,663 |
||||||||||
Indirect Exp. |
1,78,200 |
2,03,861 |
2,11,702 |
2,14,368 |
2,12,645 |
||||||||||
Duplicate Exp |
48,600 |
55,598 |
57,737 |
58,464 |
57,994 |
||||||||||
Depriciation |
50,000 |
45,000 |
40,500 |
36,450 |
32,805 |
||||||||||
Interest Exp, |
– |
90,000 |
63,000 |
1,26,000 |
90,000 |
||||||||||
Loan Processing |
10,000 |
– |
|||||||||||||
Insurance |
30,000 |
– |
|||||||||||||
Interest to Bank |
– |
1,21,995 |
1,14,890 |
1,06,844 |
97,733 |
||||||||||
Income Tax |
31,320 |
29,004 |
37,014 |
36,089 |
33,855 |
||||||||||
Net Profit |
73,080 |
67,676 |
86,366 |
84,209 |
78,995 |
||||||||||
Total |
####### |
####### |
######## |
######## |
######## |
White Account नफा नुकसान में हम देख सकते है की नफा बताने के लिए Unsecured loan (Entry) को Balance Written Off करके बताया जाता है। यदि हमें नफा बताने के लिए Balance Written Off करके इनकम बतानी पड़ती है तो उसी साल में क्यों नहीं बताते जिस साल में Unsecured loan (Entry) लेते है।
Cash Account of Black Accounts
Particulars |
2022-23 |
2023-24 |
2024-25 |
2025-26 |
2026-27 |
||||||||||
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
|
Opening Balance |
1,48,000 |
11,43,820 |
18,10,580 |
32,53,560 |
|||||||||||
Cash Receipt |
|||||||||||||||
Sale |
4320 |
250 |
10,80,000 |
5832 |
260 |
15,16,320 |
7128 |
270 |
19,24,560 |
8506 |
280 |
23,81,680 |
10000 |
290 |
29,00,000 |
Interest Income |
– |
90,000 |
63,000 |
1,26,000 |
90,000 |
||||||||||
Total |
10,80,000 |
16,06,320 |
19,87,560 |
25,07,680 |
29,90,000 |
||||||||||
Cash Expenses |
|||||||||||||||
Purchase |
2400 |
180 |
4,32,000 |
3300 |
185 |
6,10,500 |
4320 |
190 |
8,20,800 |
5460 |
195 |
10,64,700 |
6720 |
200 |
13,44,000 |
Entry |
5,00,000 |
– |
5,00,000 |
– |
7,00,000 |
||||||||||
Total |
9,32,000 |
` |
6,10,500 |
13,20,800 |
10,64,700 |
20,44,000 |
|||||||||
Closing Balance |
1,48,000 |
11,43,820 |
18,10,580 |
32,53,560 |
41,99,560 |
||||||||||
Cash Account हम देख सकते है की Stock Nagative बताता है जो Stock हम White Account में दिखा कर उसपर Tax भरते है।
यदि हम White Account और Black Account को साथ मिलाके हम Balance Sheet और नफा नुकशान बनाते है तो क्या होगा।
Balance Sheet for Both White + Black Accounts
Particulars |
2022-23 |
Amount |
2023-24 |
Amount |
2024-25 |
Amount |
2025-26 |
Amount |
2026-27 |
Amount |
|||||
Sources of Fund |
|||||||||||||||
Share Capital |
10,00,000 |
10,00,000 |
10,00,000 |
10,00,000 |
10,00,000 |
||||||||||
Reserves & Surplus |
|||||||||||||||
Profit & Loss A/c |
1,81,405 |
4,33,670 |
7,38,862 |
10,97,083 |
15,10,112 |
||||||||||
Loans |
|||||||||||||||
Secured Loans |
|||||||||||||||
Unsecured Loans |
|||||||||||||||
Current Liabilities |
|||||||||||||||
Duties & Taxes |
|||||||||||||||
GST Payable |
85,050 |
1,66,853 |
1,93,795 |
2,14,896 |
2,34,834 |
||||||||||
Provision |
|||||||||||||||
Income Tax |
77,745 |
1,08,113 |
1,30,797 |
1,53,523 |
1,77,013 |
||||||||||
Sundry Creditorss |
3,68,640 |
5,31,435 |
3,90,720 |
6,65,686 |
4,08,456 |
7,33,048 |
4,21,824 |
7,90,243 |
4,30,080 |
8,41,927 |
|||||
Total |
####### |
####### |
######## |
######## |
######## |
||||||||||
Application of Fund |
|||||||||||||||
Fixed Assets |
4,50,000 |
4,05,000 |
3,64,500 |
3,28,050 |
2,95,245 |
||||||||||
Current Assets |
|||||||||||||||
Closing Stock |
2,16,000 |
2,66,400 |
3,00,960 |
3,35,010 |
3,70,400 |
||||||||||
Sundry Debtors |
3,45,600 |
3,95,368 |
4,10,575 |
4,15,744 |
4,12,403 |
||||||||||
Cash & Bank |
7,01,240 |
12,62,840 |
10,32,588 |
16,94,356 |
13,95,875 |
21,07,410 |
18,08,522 |
25,59,276 |
22,74,011 |
30,56,814 |
|||||
Total |
####### |
####### |
######## |
######## |
######## |
हमें Balance Sheet में देख के पता चलता है की Loan Account शून्य दिखाई देता है और Cash Balance बढ़ता दिखाई देता है।
Profit & Loss Account for Both White + Black Accounts
Particulars |
2022-23 |
2023-24 |
2024-25 |
2025-26 |
2026-27 |
||||||||||
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
Qty |
Rate |
Amount |
|
Income |
|||||||||||||||
Sale |
6480 |
250 |
16,20,000 |
7128 |
260 |
18,53,280 |
7128 |
270 |
19,24,560 |
6960 |
280 |
19,48,800 |
6666 |
290 |
19,33,140 |
Closing Stock |
3120 |
180 |
5,61,600 |
5892 |
185 |
10,90,020 |
8844 |
190 |
16,80,360 |
1884 |
190 |
3,57,960 |
5358 |
195 |
10,44,810 |
– |
10140 |
195 |
19,77,300 |
10080 |
200 |
20,16,000 |
|||||||||
Balance Writen off |
1,00,000 |
50,000 |
75,000 |
||||||||||||
Total |
####### |
####### |
######## |
######## |
######## |
||||||||||
Expenses |
|||||||||||||||
Opening Stock |
3120 |
180 |
5,61,600 |
5892 |
185 |
10,90,020 |
8844 |
190 |
16,80,360 |
1884 |
190 |
3,57,960 |
|||
10140 |
195 |
19,77,300 |
|||||||||||||
Purchase |
9600 |
180 |
17,28,000 |
9900 |
185 |
18,31,500 |
10080 |
190 |
19,15,200 |
10140 |
195 |
19,77,300 |
10080 |
200 |
20,16,000 |
Direct Exp |
32,400 |
37,066 |
38,491 |
38,976 |
38,663 |
||||||||||
Indirect Exp. |
1,78,200 |
2,03,861 |
2,11,702 |
2,14,368 |
2,12,645 |
||||||||||
Duplicate Exp |
48,600 |
55,598 |
57,737 |
58,464 |
57,994 |
||||||||||
Depriciation |
50,000 |
45,000 |
40,500 |
36,450 |
32,805 |
||||||||||
Interest Exp, |
– |
90,000 |
63,000 |
1,26,000 |
90,000 |
||||||||||
Loan Processing |
10,000 |
– |
|||||||||||||
Insurance |
30,000 |
– |
|||||||||||||
Interest to Bank |
– |
1,21,995 |
1,14,890 |
1,06,844 |
97,733 |
||||||||||
Income Tax |
31,320 |
29,004 |
37,014 |
36,089 |
33,855 |
||||||||||
Net Profit |
73,080 |
67,676 |
86,366 |
84,209 |
78,995 |
||||||||||
Total |
####### |
####### |
######## |
######## |
######## |
नफा नुकसान में देखे तो Duplicate Expenses, Loan Processing Fees, Insurance, Interest, Interest to Bank जैसे Expeneses ख़तम हो जाता है।
Partiulars |
2022-23 |
2023-24 |
2024-25 |
2025-26 |
2026-27 |
||||||||||
Black Money Convert in White Money |
Tax Payable / Receivable |
Black Money Convert in White Money |
Tax Payable / Receivable |
Black Money Convert in White Money |
Tax Payable / Receivable |
Black Money Convert in White Money |
Tax Payable / Receivable |
Black Money Convert in White Money |
Tax Payable / Receivable |
||||||
Black Money |
|||||||||||||||
Sale |
843,750 |
GST |
236,250 |
1,184,625 |
GST |
331,695 |
1,503,562 |
GST |
420,997 |
1,860,688 |
GST |
520,993 |
2,265,625 |
GST |
634,375 |
IT |
253,125 |
IT |
355,388 |
IT |
451,069 |
IT |
558,206 |
IT |
679,688 |
||||||
Purchase |
-432,000 |
GST |
-120,960 |
-610,500 |
GST |
-170,940 |
-820,600 |
GST |
-229,768 |
-1,064,700 |
GST |
-298,116 |
-1,344,000 |
GST |
-376,320 |
IT |
-129,600 |
IT |
-183,150 |
IT |
-246,180 |
IT |
-319,410 |
IT |
-403,200 |
||||||
White Money |
|||||||||||||||
Balance written off |
-100,000 |
IT |
-30,000 |
-50,000 |
IT |
-15,000 |
75,000 |
IT |
22,500 |
||||||
Duplicate Exp. |
48,600 |
IT |
14,580 |
55,598 |
IT |
16,679 |
57,737 |
IT |
17,321 |
58,464 |
IT |
17,539 |
57,994 |
IT |
17,398 |
Loan Prossesin |
10,000 |
IT |
3,000 |
||||||||||||
Insurance |
30,000 |
IT |
9,000 |
||||||||||||
Interest |
– |
90,000 |
IT |
27,000 |
63,000 |
IT |
18,900 |
126,000 |
IT |
37,800 |
90,000 |
IT |
27,000 |
||
Interest to Ban |
– |
121,995 |
IT |
36,599 |
114,890 |
IT |
34,467 |
106,844 |
IT |
32,053 |
97,733 |
IT |
29,320 |
||
500,350 |
– |
265,395 |
741,718 |
– |
383,271 |
868,589 |
– |
451,806 |
1,162,296 |
– |
571,565 |
1,167,352 |
– |
608,261 |
इस उदाहरण से हम यह बताना चाहते है की हम लोग 30 रूपया बचाने के लिए Books of Acccount में 100 रूपये की Leiqued Assets यानि के Cash & Bank Balance घटाते जाते है जिसकी वजह से Working Capital Loan का जन्म होता है। आज सायद ही कोई ऐसी Balance Sheet होगी जिसमे Working Capital Loan न हो। आज 90% व्यवसाय Working Capital Loan के चक्रव्यू में फस चुके है।
हमारे हिसाबसे जो लोग 30 रूपये बचाने के लिए 100 रूपये Books of Accounts में से Cash & Bank कम करते है और उसी Cash & Bank Balance की कमी को पूरा करने के लिए बाजार से Loan लेना और उस पर लगभग 12.5% Interest देना कोई बुद्धिमानी नहीं है।
यदि आप लोग व्यपार में से Working Capital Loan को ख़तम करना चाहते है वह हम से हमारे Mobile No. 8511105619 पर संपर्क कर सकते है।
हमने Inflation & Unemployment पर एक किताब लिखी है जो Bluerose Store, Amazon or Filpkart पर उपलब्ध है। इस किताब में हमने महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने के कारण और उपाय बताये है। Book is titled “Inflation and Unemployment”