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गुड्स एंड सर्विस टैक्स सेंट्रल मेरठ (Goods & Services Tax) की इंटेलिजेंस (DGGI) ने एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा

प्रेस विज्ञप्ति का सारांश :- गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस डायरेक्टर जनरल (DGGI ) मेरठ कि जोनल यूनिट ने बड़े पैमाने पर फर्जी चालान बनाने का एक सिंडिकेट पकड़कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है ।इस सिंडिकेट ने फर्जी तरीके से रुपए 1481 करोड़ रुपए के फर्जी आईटीसी का कार्य किया तथा इसमें 102 फर्जी फार्म शामिल थी ।तथा इस सिंडिकेट ने 1000 से अधिक लाभार्थी फर्म को रुपए 275 करोड रुपए का आईटीसी का लाभ पहुंचाया।

PIB दिल्ली द्वारा 6 नवंबर 2023 को एक प्रेस विज्ञप्ति उपरोक्त के संबंध में जारी की है। इस प्रेस विज्ञप्ति में बिंदुवार इस फर्जी सिंडिकेट के संबंध में पूरा विवरण दिया गया है। Read Press Release: DGGI Meerut Busts Rs. 1,481 Crore Fake Invoice Syndicate

गुड्स एंड सर्विस टैक्स सेंट्रल की खुफिया एजेंसी (DGGI)मेरठ द्वारा सावधानीपूर्वक DATA का संकलन और दिमाग का प्रयोग करते हुए महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है ।इस विज्ञप्ति में प्रथम शख्स एक प्लेसमेंट कंसल्टेंसी फर्म में काम करता था ।जो PAN ,आधार इलेक्ट्रिसिटी बिल, एड्रेस प्रूफ और जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार था। इन्हें हासिल करने के बाद यह मास्टरमाइंड उम्मीदवारों को अपने केवाईसी दस्तावेज करने के बदले में कुछ मामूली वित्तीय लाभ देता था ।फिर उन केवाईसी दस्तावेज अन्य दो व्यक्ति जिनके द्वारा इनका इस्तेमाल फर्जी कंपनियां बनाने के लिए वे व्यक्ति का बैंक खाता खोलने ,कैश ट्रांजैक्शन का प्रबंध करना और इन नकली संस्थाओं के सभी वित्तीय लेनदेन की देखरेख करने के लिए प्रभारी थे ।एक चौथे नंबर का मास्टरमाइंड गुप्त रूप से गुप्त कार्यालय से नकली चालान का निर्माण करना ,ई वे बिल जनरेट करना ,जीएसटी रिटर्न दाखिल करना और धोखाधड़ी करने वाली कंपनी के सेल परचेस , खाता बनाए रखने जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों में लिप्त था ।वह अपने संचालन के द्वारा इस सिंडिकेट में कई असिस्टेंट भर्ती किए गए थे । और कई बिचौलियों के द्वारा संबंध बनाया गया। जो अंतिम लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए नकली चालान बनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करते थे। जैसे जांच आगे बढ़ी फर्जी फर्मों के नाम से बैंक खाता स्थापित करने में बैंक के कर्मचारियों की भी संग्लिप्त पाई गए।

इस प्रकरण में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (DGGI)मेरठ ने संबंधित कई संस्थानों पर छापेमारी करके डेस्कटॉप ,लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस, पैन कार्ड, आधार कार्ड, चेक बुक, 25 से अधिक मोबाइल फोन ,प्राप्त करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सिम कार्ड सहित भारी मात्रा में आपत्तिजनक एविडेंस जब्त किए।

 सभी चारों आरोपियों को 4 नवंबर 2023 को मेरठ के आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया गया ।जहां उन्हें 17 नवंबर 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

निष्कर्ष 

यह कि जुलाई 2017 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स(GST ACT)लागू होने के उपरांत नकली चालान/ नकली रजिस्ट्रेशन /भारी मात्रा में टैक्स की चोरी के काफी केस आ रहे हैं ।जीएसटी विभाग द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत कई त्रुटि के कारण ऐसी फर्जी फॉर्म और कंपनी खोली जा रही है ।जीएसटी विभाग की खुफिया एजेंसी लगातार प्रयासरत है ।लेकिन टैक्स की चोरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शायद इसी कड़ी में सरकार द्वारा 7 नवंबर 2023 से वापी गुजरात और पांडिचेरी से जीएसटी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया है ।आशा है कि ऐसे फर्जी रजिस्ट्रेशन कम से कम किए जा सकते हैं।

यह लेखक के निजी विचार हैं

यह संकलन पीआईबी दिल्ली की प्रेस रिलीज 6 नवंबर 2023 के आधार पर आधारित है।

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