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वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के अंतर्गत करदाता द्वारा आईटीसी क्लेम करने के संबंध में अधिनियम के चैप्टर 5 में धारा 16 में जो शर्तें दी गई है। उसी के अनुरूप करदाता को पूर्ण करना होगा ।वैसे तो सभी टैक्स प्रोफेशनल /करदाता आईटीसी के विषय में सभी जानते हैं ।लेकिन समय-समय पर विभाग द्वारा धारा 16 के अंतर्गत संशोधन किए गए हैं ।इसलिए धारा 16 की शर्तों को हमें समय-समय पर इसका अध्ययन और ध्यान देना होगा। तभी हम गलत मुकदमे बाजी से बच पाएंगे अन्यथा कर प्राधिकारी मौका ढूंढते रहेंगे। और करदाता को कभी धारा 61/ 73 और कभी 74 का नोटिस जारी करके परेशान करेंगे ।आज हम आईटीसी प्राप्त करने की धारा 16 के अंतर्गत किए गए प्रावधानों का अध्ययन करते हुए इस समीक्षा में शामिल होते हैं।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक्ट 2017 के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के गलत लाभ को लेकर मुकदमेबाजी में वृद्धि के साथ, जीएसटी  करदाता खरीदारों के लिए कुछ निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। यह समीक्षा उन आवश्यक बिंदुओं की रूपरेखा पर आधारित है ।जिन्हें खरीदारों को अनुपालन सुनिश्चित करने और विवादों और अर्थदंड के जोखिम को कम से कम करने के लिए आईटीसी का लाभ उठाते समय ध्यान में रखना चाहिए। 

धारा 16 (1) 

वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 16(1) के अंतर्गत किसी करदाता को जीएसटी काउंसिल या विभाग या अधिकृत व्यक्ति द्वारा घोषित नियमावली के अंतर्गत तथा धारा 49 के द्वारा घोषित शर्तों के पालन के आधार पर वह आईटीसी का पात्र होगा। 

धारा 16 (2 )

वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 16(2) आईटीसी के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्तों का पालन कराती है जिसकी शर्तें निम्नलिखित है

टैक्स इनवॉइस या डेबिट नोट का प्राप्त: (Receipts of Tax Invoice/debit note) U /s 16(2)(a) खरीदार के पास टैक्स इनवॉइस और डेबिट नोट होना चाहिए। इसके अलावा, कृपया ध्यान दें कि टैक्स इनवॉइस या डेबिट नोट में नियम 46 और नियम 53 का पालन होना  चाहिए, यानी नाम, जीएसटी नंबर, आपूर्ति का स्थान, एचएसएन, जीएसटी दर, इनवॉइस संख्या 16 अंकों से अधिक नहीं होनी चाहिए और भी बहुत कुछ। माल के आयात पर भुगतान किए गए आईजीएसटी(IGST )के आईटीसी की ENTRY  बिल के आधार पर आईटीसी के रूप में दावा किया जाएगा।

 आईटीसी जीएसटीआर 2बी में उपलब्ध होना चाहिए: (ITC AVAILABLE IN 2B) U/s16(2)(aa) आपूर्तिकर्ता द्वारा जीएसटीआर 1 में विवरण प्रस्तुत किया गया है और वही खरीदार के जीएसटीआर 2बी में उपलब्ध होना चाहिए। वस्तु एवं सेवाएँ प्राप्त: क्रेता को वस्तुएँ एवं सेवाएँ अवश्य प्राप्त हुई होंगी। यदि सामान किस्तों में प्राप्त होता है, तो अंतिम लॉट या किस्त प्राप्त होने पर आईटीसी का लाभ उठाया जा सकता है। वित्त अधिनियम 2021 द्वारा स्थापित अधिसूचना संख्या 39 /2021 /केंद्रीय कर/ दिनांक 21 .12 .2021 प्रभावी दिनांक1.1. 2022 सेi

माल या सेवा या दोनों को वास्तविक रूप से प्राप्त किया हो iधारा 16(2)(b)  के अनुसार।

सप्लायर द्वारा घोषित आईटीसी का विवरण धारा 38 के अंतर्गत उपलब्ध हो।धारा 16(2)(ba) स्थापित वित्त अधिनियम 2022 द्वारा किया गया है।

आपूर्तिकर्ता द्वारा कर का भुगतान: (Payment of Tax by Supplier) धारा 16(2)(c) कर का भुगतान वास्तव में आपूर्तिकर्ता द्वारा किया गया है और जीएसटीआर 3बी भी आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया है। इनपुट टैक्स क्रेडिट को धारा 38 के तहत प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए: सीजीएसटी अधिनियम की धारा 38 में  विभिन्न परिदृश्यों के आधार पर आईटीसी उपलब्ध नहीं होनी चाहिए यानी आपूर्तिकर्ता द्वारा कर के भुगतान में लगातार चूक, जीएसटीआर 1 में आपूर्तिकर्ता द्वारा दिखाया गया कर भुगतान किए गए कर से अधिक है। जीएसटीआर 3बी आदि आपूर्तिकर्ता ने अतिरिक्त आईटीसी आदि का लाभ उठाया है। 

आपूर्ति कर्ता द्वारा धारा 39 के अंतर्गत अपनी रिटर्न दाखिल की गई हो धारा 16(2)(d)  के अंतर्गत

आपूर्तिकर्ता को 180 दिनों के भीतर भुगतान( Payment in 180 days to Supplier) : आपूर्तिकर्ता को भुगतान चालान की तारीख से 180 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। यदि 180 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है, तो आईटीसी को ब्याज (धारा 50के अन्तर्गत)सहित रिवर्स किया जाना चाहिए। हालाँकि, आपूर्तिकर्ता को भुगतान करने के बाद ITC का पुनः लाभ उठाया जा सकता है। इसके अलावा, कृपया ध्यान दें कि आपूर्तिकर्ता को भुगतान करने के बाद आईटीसी का पुनः लाभ उठाने की कोई समय सीमा नहीं है।

जीएसटी हिस्से पर मूल्यह्रास (Depreciation on GST portion): धारा 16(3)यदि खरीदे गए पूंजीगत सामान के जीएसटी हिस्से पर मूल्यह्रास का दावा किया गया हैi तो कोई आईटीसी की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 आईटीसी का लाभ उठाने की नियत तारीख (Due date to avail ITC): धारा 16(4)चालान या डेबिट नोट के खिलाफ आईटीसी का लाभ उठाने की समय सीमा अगले वित्तीय वर्ष के 30 नवंबर या उस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से पहले होनी चाहिए । उपरोक्त तिथियों के बाद किसी भी आईटीसी का दावा नहीं किया जा सकता है। वित्त अधिनियम 2022 द्वारा सितंबर मास के स्थान पर नवंबर स्थापित किया गया है। धारा 39 के अधीन रिटर्न के दिए जाने की अंतिम तारीख के स्थान पर स्थापित किया गया है ।

धारा 16 से संबंधित सर्कुलर 

1. 184/16/2022/GST दिनांक 27.12.2022

2. 183/15/2022/GST दिनांक 27.12.2022

3. 193/05/2023/GST दिनांक 17.07.2023

4. Press release 4th May 2018

अवरुद्ध क्रेडिट: (Block ITC) धारा 17(5) में कुछ ऐसी वस्तुएं हैं ।जो जीएसटी अधिनियम  के तहत आईटीसी का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं हैं। धारा 16 (1) और धारा 18 (1) के संदर्भ में कुछ  मद में आईटीसी ब्लॉक की गई है। जैसे कंपोजिशन स्कीम, कर्मचारी का स्वास्थ्य बीमा, CAB सेवाओं का किराया , बीमा का भुगतान, व्यक्तिगत वाहन तथा व्यापार से संबंधित जो आईटीसी नहीं है,आदि के तहत कर भुगतान किया गया ।उसे धारा 17(5)के अंतर्गत ब्लॉक आईटीसी (BLOCK ITC) कहा गया है।

लेखक का मत: जीएसटी एक्ट के अनुपालन के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का प्रभावी प्रबंध सर्वोपरि है। चालान सत्यापन, जीएसटीआर-2बी समाधान, माल की प्राप्ति, आपूर्तिकर्ता कर भुगतान, समय सीमा और अवरुद्ध क्रेडिट(Block ITC)के संबंध में उल्लिखित निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करके, जीएसटी करदाता खरीदार आईटीसी लाभ प्रक्रिया की जटिलताओं से निपट सकते हैं। तथा विवादों के जोखिम को कम कर सकते हैं। और जीएसटी नियमों का निर्बाध अनुपालन सुनिश्चित कर सकते हैं।

ये लेखक के निजी विचार है।

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