Sponsored
    Follow Us:
Sponsored

माननीय सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया द्वारा दिनांक 30.7. 2024 को रिट पिटीशन संख्या 352/ 2023 गौरव कुमार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, अन्य में अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 24 के अंतर्गत नामांकन शुल्क के संबंध में जारी आदेश के संदर्भ में बार काउंसिल आफ इंडिया के निर्देशानुसार स्टेट बार  काउंसिल के द्वारा नए अधिवक्ता के पंजीयन के संबंध में सामान्य और पिछड़े वर्ग के अधिवक्ताओं के लिए कुल 750 रुपए का नामांकन शुल्क तथा अनुसूचित जाति जनजाति के लिए नामांकन शुल्क रुपए 125 निर्धारित करते हुए विशेष योजना के तहत नए अधिवक्ताओं का पंजीयन शुरू किया है। जिसकी शुरुआत दिल्ली बार काउंसिल द्वारा  7 अगस्त 2024 से तथा उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा दिनांक 12 अगस्त 2024 से नए अधिवक्ताओं के नामांकन की प्रक्रिया घोषित की है। सूत्रों के अनुसार बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा सभी स्टेट बार काउंसिल को निर्देशित किया है। कि नए अधिवक्ताओं के नामांकन के लिए नई प्रक्रिया  का गठन किया जाए तथा सरकार से निवेदन किया है। कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 24 के अंतर्गत निर्धारित नामांकन शुल्क  संसद द्वारा पारित किया गया था  जो वर्तमान स्थिति में बहुत कम है। जिससे स्टेट बार काउंसिल और बार काउंसिल आफ इंडिया अपने खर्चे का वहन करने में असमर्थ है। रिट पिटीशन संख्या 352/ 2023 में पारित आदेश के संदर्भ में बार काउंसिल आफ इंडिया और सभी स्टेट बार काउंसिल ने कानून मंत्री से इस संदर्भ में संपर्क किया है / निकट भविष्य में करेगे। संसद द्वारा अथवा अधिसूचना द्वारा इस नामांकन शुल्क में परिवर्तन संभव है? इसी के तहत स्टेट बार काउंसिल नियमावली में संशोधन कर अस्थाई नामांकन जारी करेंगे तथा यह नामांकन अलग प्रारूप में संग्रहित किए जाएंगे।इस प्रक्रिया के तहत उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने नए  अधिवक्ताओं को निम्न प्रारूप में अपना आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है- 

फॉर्म के साथ संलग्न होने वाले प्रपत्र

1. सामान्य व पिछड़ा वर्ग 600/ का एक ड्राफ्ट “Bar Council of Uttar Pradesh, Allahabad” के नाम से व दूसरा ड्राफ्ट 150/ का Bar Council of India Collection Fund Account, Allahabad के नाम से बनेगा,

अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति हेतु 100/ का एक ड्राफ्ट “Bar Council of Uttar Pradesh, Allahabad” के नाम से व दूसरा ड्राफ्ट 25/ का Bar Council of India Collection Fund Account, Allahabad के नाम से बनेगा,

2. हाईस्कूल , इंटर, और स्नातक का अंकपत्र / प्रमाण पत्र अथवा दोनों की छाया प्रति सत्यापित।

3. विधि स्नातक प्रत्येक वर्ष की मार्कशीट तथा डिग्री (ओरिजिनल / प्रोविजनल) की मूल प्रति।

4. उत्तर प्रदेश के निवासी होने के प्रमाण के सम्बन्ध में आधार कार्ड / वोटर कार्ड / बैंक पास बुक / मूल निवास की छाया प्रति सत्यापित।

5. 500/ का जनरल स्टाम्प (Non Judicial) बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के नाम।

6. 10/ के स्टाम्प पर नोटरी शपथ पत्र।

7. उक्त सभी प्रपत्रों की फोटोकॉपी के 2 सेट जो स्वप्रमाणित हों।

8. कोट और टाई में 5 फोटो।

9. 3 फोटो बार काउंसिल के सदस्य अथवा प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणित हों।

10. एक अधिवक्ता द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र ( अधिवक्ता 10वर्ष से अधिक से बार काउंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हो, तथा अधिवक्ता के रुप मे प्रैक्टिशनर हो)।

आवेदन पत्र की  प्रक्रिया अब लगभग 3-4 माह में पूर्ण होगी।

सर्वप्रथम आवेदन पत्र प्राप्त होने पर 45 दिन के अंदर सभी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया (सुप्रीमकोर्ट के आदेश रिट पिटीशन संख्या 82/2023 दिनांक 10.04.2023) व मुकद्दमों के सम्बन्ध में पुलिस सत्यापन आख्या प्राप्त होगी, यदि किसी थाने से आख्या 45 दिन के अंदर प्रस्तुत नहीं होती है तो पंजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी जाएगी,(इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश रिट पिटीशन संख्या 42619/2023दिनांक 21.12.2023)।

इसके बाद सम्बन्धित पत्रावली पंजीकरण समिति को भेजी जाएगी, इसके बाद समिति साक्षात्कार हेतु उक्त आवेदक को बुलाएगी, यदि साक्षात्कार में असफल होने पर 3 माह के अंदर पुनः साक्षात्कार लिया जाएगा, सफल अभ्यर्थियों को 2 वर्ष के लिए अस्थाई पंजीकरण प्रदान किया जाएगा (भौतिक सत्यापन)तथा उक्त अवधि में बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अंतर्गत AIBE(All India Bar Exam) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद स्थाई प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। और उसके बाद ही सर्टिफिकेट का प्रैक्टिस एंड पैलेस(COP) जारी किया जाएगा, निर्धारित शुल्क जमा करने के उपरांत।

नए अधिवक्ता के नामांकन हेतु उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की वेबसाइट से नामांकन फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है।

विशेष 

उपरोक्त लेख से स्पष्ट है। कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया तथा स्टेट बार काउंसिल द्वारा नए नामांकन के लिए परिस्थिति के अनुरूप नए परिवर्तन किए हैं। जिससे नए अधिवक्ता का भौतिक सत्यापन उसके दस्तावेजों का सत्यापन तथा अखिल भारतीय बार परीक्षा के पास करने के पश्चात ही एक विधिक अधिवक्ता का स्थाई नामांकन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यह परिवर्तन अत्यंत ही सुखद है ।क्योंकि फर्जी एवं बिना दस्तावेज के प्रेक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं को रोकना  जरूरी है। केवल जो अधिवक्ता अधिवक्ता के पेशे में कार्यरत रहना चाहता है, वही प्रैक्टिशनर कहलाएगा। तथा विधिक अधिवक्ता का चयन भी उसके दस्तावेज उसके चरित्र प्रमाण पत्र के आधार पर जारी करना उचित है। पूर्व में जारी प्रक्रिया में कई कमी थी ।जिन्हें सुधारने का यह प्रयास है।

*****

अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें –

संजय शर्मा 

एडवोकेट 

78/5 सूरजकुंड रोड मेरठ 

संपर्क सूत्र 94 12 33 73 33

E mail sanjaysharmaadv1965@gmail.com

Sponsored

Author Bio

मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक � View Full Profile

My Published Posts

GST रजिस्ट्रेशन निर्देश संख्या 03/2025 दिनांक 17 अप्रैल 2025 की समीक्षा 1 अप्रैल 2025 से जीएसटी अधिनियम में नए नियम लागू। जीएसटी एक्ट 2017 की धारा 108 की समीक्षा क्या GST मामलों में लागू होंगे सीआरपीसी के नियम? जीएसटी एक्ट में ‘Track and Trace Mechanism’ क्या हैं? View More Published Posts

Join Taxguru’s Network for Latest updates on Income Tax, GST, Company Law, Corporate Laws and other related subjects.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sponsored
Sponsored
Ads Free tax News and Updates
Sponsored
Search Post by Date
April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930