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Summary: 1 अक्टूबर 2024 से जीएसटी पोर्टल पर नया इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम (IMS) लॉन्च किया जाएगा, जिससे टैक्सपेयर्स को सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करने में मदद मिलेगी। इस सिस्टम के जरिए करदाताओं को अपने आपूर्तिकर्ताओं द्वारा भेजे गए इनवॉयस को स्वीकार, अस्वीकार या लंबित रखने की सुविधा मिलेगी। IMS का उद्देश्य सटीकता सुनिश्चित करना है, जिससे केवल वास्तविक और वेरीफाइड इनवॉयस ही ITC क्लेम का हिस्सा बनेंगे। यह सिस्टम त्रैमासिक रिटर्न मासिक भुगतान (QRMP) योजना के तहत भी काम करेगा, और इससे GSTR-3B दाखिल करने से पहले इनवॉयस की समीक्षा की जा सकेगी। यदि प्राप्तकर्ता द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती, तो इनवॉयस को स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अपंजीकृत डीलरों से संबंधित आपूर्ति की रिपोर्टिंग की सीमा को घटाकर 1 लाख कर दिया गया है, जो फॉर्म GSTR-1 और GSTR-5 में लागू होगी। इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को अपनी ऑडिट प्रक्रिया में मदद मिलेगी और गलतियों की संभावना कम होगी।

1 अक्टूबर से जीएसटी पोर्टल  New Invoice Management System

GST New Invoice Management System: जीएसटी भरने वालों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। गुड्ज़ एंड सर्विसेस टैक्स नेटवर्क जीएसटी पोर्टल पर नया इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम यानि IMS लॉन्च करने वाला है। टैक्सपेयर्स को 1 अक्टूबर से इस सुविधा का लाभ मिलेगा। Read GSTN Advisory: New Invoice Management System (IMS) on GST Portal from Oct 2024

आईएमएस के जरिए टैक्सपेयर्स सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को आसानी से क्लेम कर पाएंगे। अपूर्तिकर्ताओं की ओर से जारी रिकॉर्ड या बिलों का मिलान कर पाएंगे। सीधा पोर्टल से चालान (Invoice) को स्वीकार, अस्वीकार और लंबित रखने की सुविधा करदाताओं को मिलेगी।

IMS के फायदे (Invoice Management System Benefits) 

इस फीचर के तहत करदाताओं को कई फायदे होंगे। वे अपने आईटीसी क्लेम का हिस्सा बनने से पहले प्रत्येक इनवॉयस की समीक्षा कर पाएंगे। साथ ही सटीकता सुनिश्चित करके ऑडिट के दौरान होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं। पेंडिंग इनवॉयस को भविष्य की कर अवधि में संबोधित करने की सुविधा भी मिलेगी। त्रैमासिक रिटर्न मासिक भुगतान (QRMP) योजना का इस्तेमाल करने वालों के मौजूदा प्रक्रिया से आईएमएस जुड़ा होगा। जिससे उनके दाखिल करने के कार्यक्रम के अनुरूप तिमाही आधार पर जीएसटीआर- 2बी तैयार होगा। इसके अलावा टैक्सपेयर्स अपने जीएसटीआर-3बी फ़ाइल करने से पहले कभी भी इनवॉयस कार कार्रवाई कर पाएंगे।

ऐसे काम करेगा आईएमएस (Know How IMS Will Work)

आपूर्तिकर्ता द्वारा अपने जीएसटीआर-1 में इनवॉयस को सेव करते ही प्राप्तकर्ता टैक्सपेयर के आईएमएस डैशबोर्ड में यह दिखाई देगा। जिसके बाद प्राप्तकर्ता इनवॉयस के लिए Accept/Reject/Pending के ऑप्शन को चुन सकता है। स्वीकार करते ही इनऑयस पात्र आईटीसी के रूप में प्राप्तकर्ता के जीएसटीआर-2बी का हिस्सा बन जाएगा। फिर यही संबंधित टैक्स पीरियड के लिए उनके जीएसटीआर-3बी में आ जाएगा। इनवॉयस पर कोई कार्रवाई न करने पर इसे स्वीकृत माना जाएगस। गलतियों को कम करने के लिए नया सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा की सिर्फ वास्तविक और वेरीफाइड इनवॉयस आईटीसी क्लेम कर पाए।

करदाताओं को पोर्टल के माध्यम से अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ चालान सुधार/संशोधन को कुशलतापूर्वक संबोधित करने में सक्षम बनाने के लिए, पोर्टल पर चालान प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) नामक एक नई संचार प्रक्रिया लाई जा रही है। इससे करदाताओं को सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जारी किए गए रिकॉर्ड/चालान के साथ मिलान करने में भी सुविधा होगी और प्राप्तकर्ता करदाताओं को चालान को स्वीकार या अस्वीकार करने या इसे सिस्टम में लंबित रखने की अनुमति मिलेगी, जिसका लाभ बाद में उठाया जा सकता है।

यह सुविधा करदाताओं को 1 अक्टूबर से जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध होगी। 

उक्त कार्यक्षमता जीएसटी के आईटीसी पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख वृद्धि होगी। अब, केवल प्राप्तकर्ताओं द्वारा स्वीकार किए गए चालान ही उनके जीएसटीआर-2बी का हिस्सा बनेंगे, क्योंकि वे उनके पात्र आईटीसी हैं। इसलिए आईएमएस करदाताओं को प्राप्त चालान की वास्तविकता और प्रामाणिकता की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा। एक बार जब आपूर्तिकर्ता जीएसटीआर 1 / आईएफएफ / 1ए में कोई चालान सहेज लेते हैं, तो वही चालान प्राप्तकर्ता के आईएमएस डैशबोर्ड में दिखाई देगा। इसका एक नमूना स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है।

चालान IMS डैशबोर्ड में दिखाई देते हैं जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है। प्राप्तकर्ता चालान को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है या इसे सिस्टम में लंबित रख सकता है। ये क्रियाएँ आपूर्तिकर्ता करदाता द्वारा GSTR 1 / IFF / 1A में रिकॉर्ड सहेजने के समय से लेकर प्राप्तकर्ता करदाता द्वारा अपने संबंधित GSTR-3B को दाखिल करने तक की जा सकती हैं। यदि प्राप्तकर्ता IMS में चालान पर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो इसे स्वीकार कर लिया जाएगा और इसे स्वीकृत चालान के रूप में GSTR-2B में ले जाया जाएगा। यदि आपूर्तिकर्ता GSTR-1 भरने से पहले GSTR-1 में सहेजे गए चालान के विवरण में संशोधन करता है, तो ऐसे मामलों में संशोधित चालान IMS में मूल चालान की जगह ले लेगा, भले ही प्राप्तकर्ता द्वारा मूल चालान पर कोई कार्रवाई की गई हो।

यदि आपूर्तिकर्ता ने GSTR-1 में दाखिल किसी भी चालान को GSTR-1A के माध्यम से संशोधित किया है, तो वही IMS में भी प्रवाहित होगा, हालाँकि, उसी के अनुरूप ITC प्राप्तकर्ता के GSTR-2B में प्रवाहित होगा, जो केवल अगले महीने के लिए बनाया गया है। जो चालान लंबित रखे जाएंगे, उनका लाभ करदाता भविष्य में किसी भी समय उठा सकते हैं, लेकिन CGST अधिनियम, 2017 की धारा 16(4) द्वारा निर्धारित सीमाओं के बाद नहीं। आपूर्तिकर्ता करदाता द्वारा उनके GSTR-1 या IFF या GSTR 1A में रिपोर्ट किए गए या सहेजे गए सभी चालान/रिकॉर्ड कार्रवाई करने के लिए प्राप्तकर्ता करदाता के IMS डैशबोर्ड में उपलब्ध होंगे। आपूर्तिकर्ता यह भी देख सकेगा कि उसके प्राप्तकर्ता ने IMS में चालान पर क्या कार्रवाई की है।

इसके अलावा, जीएसटीआर-2बी तैयार करते समय केवल आपूर्तिकर्ता द्वारा दाखिल किए गए चालान/रिकॉर्ड को ही आईटीसी की गणना के लिए माना जाएगा। वर्तमान कट-ऑफ तिथियों और की गई कार्रवाई के आधार पर……

जीएसटीआर1/जीएसटीआर 5 में अपंजीकृत डीलरों को आपूर्ति की रिपोर्टिंग पर सलाह

3 सितंबर, 2024

10 जुलाई, 2024 की अधिसूचना संख्या 12/2024 – केंद्रीय कर के अनुसार, सरकार ने अपंजीकृत डीलरों को की गई अंतर-राज्यीय कर योग्य बाहरी आपूर्ति के चालान-वार विवरण की रिपोर्टिंग के लिए सीमा सीमा को 2.5 लाख से घटाकर 1 लाख कर दिया है, जिसे फॉर्म जीएसटीआर-1 की तालिका 5 और जीएसटीआर-5 की तालिका 6 में रिपोर्ट किया जाना आवश्यक है। नए कानूनी प्रावधानों के अनुसार, यह परिवर्तन वर्तमान में पोर्टल पर विकास के अधीन है और करदाताओं के लिए जल्द ही उपलब्ध होगा। Read GSTN Advisory: Advisory on Reporting of supplies to un-registered dealers in GSTR1/GSTR 5

इसके अलावा, जब तक पोर्टल पर कार्यक्षमता उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक अपंजीकृत डीलरों को कर योग्य बाहरी आपूर्ति के चालान-वार विवरण की रिपोर्टिंग जारी रखने की सलाह दी जाती है, जो फॉर्म जीएसटीआर-1 की तालिका 5 और जीएसटीआर-5 की तालिका 6 में 2.5 लाख से अधिक है।

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख से स्पष्ट है कि जीएसटी विभाग पोर्टल पर दिन प्रतिदिन नए प्रयोग कर रहा है ।3 सितंबर 2024 को जारी संदेश के अनुसार जीएसटी-1 के आधार पर जीएसटी R 2 का उत्पन्न होना जीएसटी अधिनियम 2017 का प्रथम बिंदु था । लेकिन पोर्टल का प्रचलन में न होने के कारण जीएसटी विभाग ने नए-नए फॉर्म बनाए  थे,जिसके कारण अधिनियम और पोर्टल में अंतर रहा है जिसे अब  सुधारा जा रहा है। लेकिन फिर नियमावली में जीएसटी R 2 के संबंध में परिवर्तन करना होगा।

यह लेखक के निजी विचार है। GST पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह लेख लिखा गया है।

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मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक � View Full Profile

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