GST act 2017 के chapter 12 में असेसमेंट में कुल 6 सेक्शन का वर्णन है। जिसमें आज हम सेक्शन 62 मे नॉन्फाइलर्स ऑफ रिटर्न के असेसमेंट के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे-जीएसटी एक्ट में सेल्फ एसेसमेंट का प्रावधान किया गया है। तथा जीएसटी अथॉरिटी सेल्फ एसेसमेंट में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है ।जब तक की सेल्फ एसेसमेंट में कोई भी संगति ना हो ।जैसे कि सेक्शन 62 के अनुसार यदि कोई करदाता धारा 39 और धारा 45 के अनुसार रिटर्न दाखिल करने में विफल रहता है ।तो प्रॉपर ऑफिसर करदाता की करदेयता का मूल्यांकन करने के लिए अपने Best जजमेंट के लिए आगे बढ़ता है।
प्रॉपर ऑफिसर को पोर्टल पर उपलब्ध सभी सामग्री को ध्यान में रखते हुए या जिसे उन्होंने एकत्र किया है। उनके आधार पर मूल्यांकन आदेश जारी किया जाता है।
जिस वित्तीय वर्ष से संबंधित कर का भुगतान नहीं किया गया है ।उसके लिए वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए धारा 44 के अंतर्गत निर्दिष्ट तिथि से 5 वर्ष की अवधि के भीतर यह आदेश पारित किया जा सकता है।
सेक्शन 39 gstr-3b से संबंधित है।
सेक्शन 44 वार्षिक रिटर्न gstr-9 से संबंधित है।
सेक्शन 45 gstr-10 से संबंधित है ।जहां पंजीकरण रद्द होने से है।
Note सेक्शन 62 gstr-1, gstr-2 , और जीएसटीआर 9 नही भरने पर लागू नहीं होता है।
सेक्शन 62 की प्रक्रिया जब प्रॉपर ऑफिसर सेक्शन 62 की कार्रवाई प्रारंभ करेगा सर्वप्रथम उसे जीएसटी एक्ट 2017 के सेक्शन 46 में एक नोटिस जारी करना होगा ।जिसकी अवधि 15 दिन की होगी। जिसमें सूचना दर्ज होगी कि करदाता अपना रिटर्न दाखिल करें ।उसके पश्चात ही प्रॉपर ऑफिसर सेक्शन 62 की कार्रवाई के लिए अग्रसर होगा ।
महत्वपूर्ण बिंदु जब भी धारा 73 या 74 के प्रावधान लागू होते हैं ।तो वहां सेक्शन 62 के प्रावधानों को लागू नहीं किया जा सकता।
मूल्यांकन की प्रक्रिया सेक्शन 62 के अंतर्गत मूल्यांकन का आदेश जीएसटी फॉर्म एएसएमटी 13 में जारी किया जाएगा ।और इसकी समरी फार्म जीएसटी drc-07 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपलोड किया जाएगा।
क्योंकि drc-07 भी जारी किया जाएगा ।तो यह प्रमाणित है । कि सेक्शन 62 के अंतर्गत best जजमेंट का मूल्यांकन इस आधार पर किया गया है। कि ASMT 13में क्रमानुसार की गई मांग से निर्धारित से कर की वसूली होगी।
यदि इस आदेश को रद्द करने के लिए 30 दिनों के भीतर एक वैध रिटर्न दाखिल नहीं किया जाता है ।तो इस मांग को समाप्त करने के लिए सेक्शन 107 के अंतर्गत अपील दायर करना ही एकमात्र उपाय है।
सारांश यदि करदाता सेक्शन 46 के अंतर्गत नोटिस जारी होने के 15 दिनों के भीतर रिटर्न प्रस्तुत करने में विफल रहता है ।तो प्रॉपर ऑफिसर रिकॉर्ड पर उपलब्ध सभी सामग्री को ध्यान में रखते हुए अपने best जजमेंट के अनुसार करदेयता का मूल्यांकन कर सकता है ।और मूल्यांकन आदेश जारी कर सकता है ।इसे बेस्ट जजमेंट वैल्यूएशन के रूप में भी जाना जाता है।
इस Best जजमेंट को कर योग्य व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना भी जारी किया जा सकता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण विषय यह है कि यदि सेक्शन 62 के अंतर्गत best जजमेंट का आर्डर पारित किया जाता है ।और 30 दिनों के भीतर VALID रिटर्न दाखिल नहीं किया जाता है। तो यह आदेश अंतिम हो जाता है और यदि बाद में रिटर्न फाइल किया जाता है ।तो भी यह आदेश वापस नहीं लिया जा सकता।
इस संदर्भ में आखरी उपाय केवल केवल अपील सेक्शन 107 के अंतर्गत है।
Life Line इस सेक्शन के अंतर्गत एक करदाता को धारा 62 के best जजमेंट से बचने के लिए 2 लाइफ लाइन दी गई है ।जिसमें Ist लाइफ लाइन सेक्शन 46 के अंतर्गत 15 दिनों में अपना रिटर्न फाइल करने। 2nd लाइफ लाइन बेस्ट जजमेंट पास होने के पश्चात 30 दिनों के अंदर अपना VALID रिटर्न फाइल कर दे ।तो करदाता पर सेक्शन 62 के अंतर्गत best जजमेंट का आदेश समाप्त हो जाएगा।
करदेयता निर्धारित करने के लिए सामग्री
जब प्रॉपर अफसर सेक्शन 62 में बेस्ट जजमेंट करेगा उस समय वह सेक्शन 37 आउटवार्ड सप्लाई तथा सेक्शन 38 के अंतर्गत 2a ऑटो पापुलेटेड तथा ई वे बिल तथा अन्य सामग्री जिसमें सेक्शन 71 के अंतर्गत की गई कार्रवाई को शामिल करेगा।
Valid Return जीएसटी एक्ट 2017 की धारा 2(117 )के अंतर्गत वैलिडिटी रिटर्नसे आशय है । कि करदाता द्वारा सेक्शन 39(1)के अंतर्गत स्वयं के द्वारा टैक्स ,interest,late fees सहित अपनी रिटर्न फाइल की है।
सेक्शन 39 एवं सेक्शन 45 में शामिल तथ्य
सेक्शन 39 एवं सेक्शन 45 में किन नियमों को किन फॉमो को और किन विषय को शामिल किया गया है उसे हम एक टेबल से समझते हैं—-
सेक्शन | नियम | फॉर्म संख्या | करदाता |
39(1) | 61 | GSTR-3B | सामान्य करदाता |
39(2) | 62 | CMP-08 & GSTR-4 | समाधान योजना के अंतर्गत |
39(3) | 66 | GSTR-7 | TDS Return |
39(4) | 65 | GSTR-6 | ISD |
39(5) | 63 | GSTR-5 | Non- Resident Taxable Person |
45. | 81 | GSTR-10 | Final Return |
Case Law On section 62
1. जॉय मैथ्यू वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया (2020) 120 Taxmann.com 344 केरला हाई कोर्ट
उपरोक्त बाद में करदाता द्वारा सेक्शन 62 की कार्रवाई होने के उपरांत निर्धारित अवधि में अपना वैलिड रिटर्न दाखिल कर दिया था। लेकिन प्रोपर ऑफिसर द्वारा धारा 62 की कार्रवाई वापस नहीं ली गई थी। जिस पर माननीय न्यायालय ने प्रॉपर ऑफिसर के आदेश को समाप्त किया।
2. मैसर्स ब्रिज हाइजीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 2019 वी आई एल 525 केरला हाई कोर्ट
उपरोक्त बाद में अपील करता द्वारा सेक्शन 62 की उपधारा 2 में प्रावधानों का लाभ उठाने में विफल हो गया था। तथा अपील करता हैं। कि माननीय न्यायालय से 30 दिनों की अवधि अनुच्छेद 226 के अंतर्गत की थी। लेकिन माननीय न्यायालय ने इस पर इंकार कर दिया।
3. मैसर्स विनमैन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड 202 आईएल 157 JHR (JHARKHAND HIGH COURT)
उपरोक्त बाद में अपील कर्ता को सेक्शन 62 के अंतर्गत सेक्शन 46 का नोटिस जारी नहीं किया गया था। और सीधे सेक्शन 62 की कार्रवाई की गई ।जिसे माननीय न्यायालय ने अस्वीकार किया और अपील स्वीकार की गईं।
4. एसोसिएट्स डेकोर लिमिटेड 20 21 वी आई एल 535 कर्नाटका हाई कोर्ट
उपरोक्त case में माननीय न्यायालय ने Best जजमेंट के वैल्यूएशन को वापस करने के आदेश दिए और अपील स्वीकार की गईं।
5. अमानी मशीन सेंटर v/s State ऑफिसर। केरल High court ।writ petition 2757/2020 निर्णय की दिनांक 30 जुलाई 2020
उपरोक्त वाद में अपील मे सेक्शन 62 उप धारा 2 के अंतर्गत पारित आदेश के 30 दिन की अवधि के पश्चात वैलिडेशन रिटर्न सम्मिट क्या था । जिसे अस्वीकार किया गया था।जिसके विरोध यह रिट पिटिशन फाइल की गई थी ।जिसमें माननीय न्यायालय ने रिट पिटिशन को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 6 हफ्ते का stay देते हुए निचली अदालत में अपील करने का समय प्रदान किया ।लेकिन सेक्शन 62 उप धारा 2 के अंतर्गत पारित Best जजमेंट को निरस्त करने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया।
सेक्शन 62 पर जारी परिपत्रों एवम नोटिफिकेशन का मूल्यांकन-
जीएसटी विभाग द्वारा परिपत्र संख्या 129 /48 /2019 दिनाक 24 दिसंबर 2019 द्वारा एक मानक संचालन प्रक्रिया के दिशा निर्देश जारी किए
देश में स्थित जीएसटी कार्यालय में एकरूपता लाने के लिए उपरोक्त परिपत्र में निम्न उल्लेख किया है
1. यह कि देय तिथि से 3 दिन पहले करदाता को एक सिस्टम जनित संदेश भेजा जाएगा ।ताकि देयतिथि तक अवधि के लिए रिटर्न दाखिल करने के बारे में सूचित किया जा सके।
2. यह कि section 39 के अंतर्गत रिटर्न दाखिल करने की नियत तिथि के समाप्त होने के बाद तुरंत सभी नॉन फाइलर करदाता को मेल और मोबाइल मैसेज के द्वारा सूचित किया जाएगा।
3. यह की रिटर्न दाखिल करने की तिथि के 5 दिन पश्चात सेक्शन 46 नियम 68 के अंतर्गत एक इलेक्ट्रॉनिक नोटिस जारी किया जाएगा। जिसमें सेक्शन 39 के अंतर्गत रिटर्न में दाखिल करने के संबंध में तथा 15 दिनों में सेक्शन 39 के अंतर्गत रिटर्न फाइल करने का उल्लेख हो।
4. यह की करदाता द्वारा सेक्शन 46 के अंतर्गत भी अपना वैलिड रिटर्न फाइल नहीं किया है। तब प्रॉपर ऑफिसर सेक्शन 62 नियम 100 फार्म जीएसटी ASMT 13 में आदेश जारी करेगा। तथा प्रोपर ऑफिसर को जीएसटी डीआरसी 07 में इसकी समरी अपलोड करनी होगी।
5. यह की डिफाल्टर कर दाता फार्म जीएसटी ASMT 13 में मूल्यांकन आदेश की सर्विस के 30 दिनों के भीतर यदि एक VALID रिटर्न प्रस्तुत करता है ।तो मूल्यांकन आदेश सेक्शन 62 उप धारा 2 के अंतर्गत आदेश वापस माना जाएगा। यदि 30 दिनों की अवधि के भीतर वैलिड रिटर्न फाइल नहीं की जाती है। प्रॉपर अफसर सेक्शन 78 के अंतर्गत कार्रवाई शुरू कर सकता है ।और जीएसटी अधिनियम की धारा 79 के अंतर्गत कर की वसूली कर सकता है।
उपरोक्त परिपत्र देश में सेक्शन 62 के अंतर्गत कार्रवाई को समान रूप देने के लिए sop जारी किया गया है।
सीबीआईसी एमनेस्टी स्कीम 2023 में जिन करदाताओं ने सेक्शन 62 के अंतर्गतआदेश दिनांक 28 /2/2023 को या उससे पहले किया गया है और उनका मूल्यांकन आदेश की सर्विस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर VALID जीएसटी रिटर्न प्रस्तुत करने में असफल रहे हैं ।उनके लिए अधिसूचना संख्या 06 /2023/ सेंट्रल टैक्स डेट 31/3 /2023 के द्वारा यह योजना लाई गई है जिसके अंतर्गत निम्न दो तथ्य बताए गए हैं
1. यदि पंजीकृत करदाता 30 जून 2023 को या उससे पहले उक्त वैलिड रिटर्न प्रस्तुत करें।
2. उक्त अधिनियम की धारा 50 के तहत INTEREST और उक्त अधिनियम की धारा 47 के अंतर्गत विलंब शुल्क के साथ भुगतान के साथ वापसी की जाएगी।
नोट:-
यह की इस बात पर ध्यान दिए बिना की जीएसटी अधिनियम की धारा 107 के अंतर्गत इस तरह के आदेश के खिलाफ अपील की गई थी या नहीं या अपील यदि कोई हो उक्त आदेश के खिलाफ दायर की गई थी या नहीं
उपरोक्त परिपत्र /नोटिफिकेशन के द्वारा स्पष्ट है। की करदाता को जीएसटी विभाग द्वारा छूट दी गई है।
विशेष GST Council की 49Th meeting 18Feb2023 के प्रेस नोट मे सेक्शन 62 के लिए 30 दिन के स्थान पर 60 दिन का प्रस्ताव रखा गया था। तथा 60 दिनो का एक्स्ट्रा टाइम भी बढ़ाया जा सकता हैं। लेकिन नोटिफिकेशन में 30 जून 2023 तक की Amnesty scheme दी गई है।
उपरोक्त यदि कोई त्रुटि या संशोधन हो तो कृपया सूचित करें। ताकि हम उसे CORRECT कर सके।