GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुरक्षा पर विचार करते हुए जानिए क्यों खरीदार को होती हैं चिंताएँ और सरकार के उपाय। यह लेख आपको विस्तार से बताएगा इस समस्या का समाधान।
जीएसटी की विभिन्न समस्याओं और सुधार की आवश्यकता पर विस्तृत अध्ययन। सार्थक एमनेस्टी स्कीम की जरुरत, विक्रेता और खरीदार की समस्याओं का समाधान।
Explore critical GST issues affecting taxpayers and the urgent need for reforms. Learn about the proposed GST amnesty scheme and its implications.
गुड्स ट्रासपोर्ट एजेंसी से जुडा अप्रत्यक्ष कर चाहे वह सर्विस टैक्स हो या जीएसटी कभी भी भ्रम या विवादों के परे नहीं रहा है . अधिकांश गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी का जीएसटी आरसीएम के तहत था लेकिन फॉरवर्ड चार्ज के तहत एक उन्हें एक विकल्प दिया गया ताकि वे 12 प्रतिशत कर चुका कर अपने द्वारा चुकाए गए कर का इनपुट टैक्स ले सके. आरसीएम के तहत तो कोई इनपुट मिलता ही नही है इसलिए गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी 12 प्रतिशत की दर से कर चुका कर इनपुट क्रेडिट भी ले सकती है .
अभी अभी एक खबर आई है कि मार्च 2024 में जीएसटी का कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रूपये हुआ है तो आइये आज बात करें कि राजस्व तो बढ़ रहा है पर क्या जीएसटी सफल है !!! राजस्व का लगातार बढना क्या जीएसटी की सफलता का संकेत हैं या अभी भी कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ छुट रहा है . ये तो आप मान कर चलिए जीएसटी राजस्व के मामले में तो सफल है ही और इसके साथ ही करदाताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है तो इससे यह लगता है कि जीएसटी का संचालन सफलता पूर्वक हो रहा है .
अपनी स्वेच्छा से अपनी स्वयं की सम्पति को अपनी मृत्यु के बाद बांटने का सबसे उचित तरीका तो वसीयत ही है जिससे होता यह है कि इंसान अपने जीवन काल में ही अपनी इच्छानुसार यह लिख जाता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी सम्पति किस तरह से और किसे मिलेगी. वसीयत किसी एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके वारिसों के मध्य विवादों को समाप्त करवाने के लिए भी जरुरी है. इसके लिए ना सिर्फ वसीयत होनी चाहिए बल्कि एक स्पष्ट वसीयत होनी चाहिए ताकि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके वारिसों में किसी भी प्रकार का विवाद नहीं रहे.
जानें कि अपने व्यावसायिक खातों को प्रभावी ढंग से कैसे प्रबंधित करें, लेखांकन सॉफ़्टवेयर को नेविगेट करें और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करें। यहां विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि और रणनीतियाँ प्राप्त करें।
The financial year 2023-24 is about to end, so all taxpayers who purchase goods or services from MSME registered MICRO and SMALL manufacturers and service providers are required to make payment within 45 days or if there is no agreement, then the payment is to be made within 15 days. Under this provision, even if […]
2023-24 का वित्तीय वर्ष बस अब समाप्त होने वाला है तो सभी करदाताओं पर जो कि MSME में रजिस्टर्ड MICRO एवं SMALL निर्माताओं एवं सेवा प्रदाताओं से माल अथवा सेवा खरीदते हैं उन्हें 45 दिन या यदि कोई अग्रीमेंट नहीं है तो 15 दिन में भुगतान करना होता है का नियम लागू है. इस नियम […]
सावधानी बरतते समय करमुक्त माल के परिवहन में ध्यान दें। जानिए कैसे करमुक्त माल की सही प्रक्रिया साथ रखें।