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1 अप्रैल 2023 से आयकर कानून में एक बड़ा बदलाव आया है! आयकर अधिनियम में एक नयी धारा 43B(h) जोड़ी गई है। नया प्रावधान सूक्ष्म और लघु उद्यमों को समय पर भुगतान प्राप्त करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि खरीदारों को देरी से भुगतान करने पर आयकर में खर्चों की कटौती नहीं मिलेगी, यह समय पर भुगतान को प्रोत्साहित करता है।

किसको फायदा मिलेगा ?

यह प्रावधान विनिर्माण या सेवा क्षेत्र से संबंधित सूक्ष्म और लघु उद्यमों पर लागू होता है। खुदरा और थोक व्यापारी इस प्रावधान के अंतर्गत नहीं आते हैं। 

नया नियम क्या कहता है?

अब आयकरदाता अगर सूक्ष्म और लघु उद्यमों से  सामान लेते हैं और समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें टैक्स छूट का नुकसान होगा।

भुगतान समय

MSME अधिनियम 2006 के अनुसार, अगर भुगतान तारीख तय नहीं है, तो खरीदार को 15 दिनों के भीतर भुगतान करना होता है। तारीख तय हो तो भुगतान तय तारीख तक या अधिकतम 45 दिन तक करना चाहिए, अर्थात यदि तिथि निर्धारित है, तो भुगतान निर्धारित तिथि या 45 दिनों, जो भी पहले हो, के भीतर करना चाहिए। 

अगर भुगतान समय पर नहीं किया तो?

अगर क्रेता समय पर भुगतान नहीं करता है, तो उसे उस साल भुगतान कि कटौती नहीं मिलेगी। वास्तविक भुगतान वाले वर्ष में उसे आयकर में खर्च की छूट मिलेगी।

उदाहरण:

क्रय दिनांक तय समय भुगतान निर्धारित तिथि MSME Act के अनुसार भुगतान तिथि भुगतान तिथि आयकर छूट का वर्ष
15.02.2024 01.03.2024 31.03.2024 2023-24 देय तिथि के बाद भुगतान। भुगतान वर्ष में छूट
20.03.2024 04.04.2024 02.04.2024 2023-24 15 दिन में भुगतान
20.03.2024 10 days 30.03.2024 30.03.2024 31.03.2024 2023-24 देय तिथि के बाद भुगतान। भुगतान वर्ष में छूट
20.03.2024 10 days 30.03.2024 30.03.2024 01.04.2024 2024-25 देय तिथि के बाद भुगतान। भुगतान वर्ष में छूट
15.02.2024 60 days 15.04.2024 15.04.2024 31.03.2024 2023-24 45 दिन में भुगतान
15.02.2024 60 days 15.04.2024 31.03.2024 10.04.2024 2024-25 तय समय सीमा में लेकिन 45 दिन बाद भुगतान। भुगतान वर्ष में छूट

 फायदा क्या है?

  • इससेछोटे उद्यमियों को जल्दी पैसा मिल पाएगा, जिससे वे अपना काम आसानी से चला सकेंगे।
  • उन्हें कर्ज या ब्याज पर पैसा नहीं उठाना पड़ेगा।
  • सभी व्यापारियों को अब समय पर भुगतान देना होगा, नहीं तो उन्हें नुकसान होगा। 

मुझे क्या करना चाहिए?

  • अगर आप आयकरदाता हैं, तोMSME से सामान या सेवा लेते समय उनकी पहचान जरूर करें।
  • भुगतान हमेशा समय पर करें, नहीं तो टैक्स छूट नहीं मिलेगी।

याद रखें:

  • यह नया नियम सिर्फविनिर्माण और सेवा क्षेत्र कि सूक्ष्म एवं लघु  इकाइयों को किये गए भुगतान पर लागू होता है। इसमें खुदरा एवं थोक विक्रेताओं का भुगतान शामिल नहीं है।
  • एमएसएमई की पहचान के लिए उनके निवेश (1 करोड़ तक के लिए सूक्ष्म, 10 करोड़ तक के लिए लघु) और वार्षिक कारोबार (5 करोड़ तक के लिए सूक्ष्म, 50 करोड़ तक के लिए लघु) का ध्यान रखें।

Conclusion: यह नया नियम सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए एक कदम है जो समय पर भुगतान करने में मदद करेगा और उन्हें टैक्स छूट का फायदा पहुंचाएगा। इससे छोटे उद्यमियों को अपने व्यापार को सुधारने और विकसित करने के लिए एक और स्वर्णिम अवसर मिलता है।

मुझे उम्मीद है कि यह सरल जानकारी आपको इस नए नियम को समझने में मदद करेगी! किसी भी सवाल के लिए बेझिझक पूछिए!

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Author Bio

With a distinguished career spanning nearly two decades, I am a seasoned Chartered Accountant, having embarked on this journey in 2004. My educational foundation includes LL.B., LL.M, and a PG Diploma in Legal and Forensic Science, complemented by a remarkable achievement as a Gold Medalist in M.Com View Full Profile

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