Summary: डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना, 2022 का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। योजना के तहत, इन समुदायों को औद्योगिक क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने, नए उद्योग स्थापित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने का मौका मिलता है। इसके अंतर्गत ब्याज सब्सिडी, मार्जिन मनी अनुदान, और औद्योगिक भूमि के लिए आरक्षित आवंटन जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। योजना में 7 वर्षों तक 100% SGST प्रतिपूर्ति, भूमि रूपांतरण शुल्क में छूट, और 1% अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी का भी प्रावधान है। पात्रता के लिए आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए, और वह अनुसूचित जाति या जनजाति से संबंधित होना चाहिए। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन SSO पोर्टल या ई-मित्र केंद्र से की जा सकती है। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए ₹100 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, और 7 वर्ष में ऋण की वापसी की अवधि तय की है। इस योजना से दलित और आदिवासी समुदायों के लिए उद्यमिता के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे आर्थिक समानता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना, 2022 के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:
योजना का उद्देश्य:
- राज्य के अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना।
- इन वर्गों की औद्योगिक क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाना।
- नए उद्योगों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।
- आर्थिक सहायता प्रदान कर दलित और आदिवासी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाना।
प्रमुख विशेषताएँ:
- ब्याज सब्सिडी:
- ₹25 लाख तक के ऋण पर 9% ब्याज सब्सिडी।
- ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7% ब्याज सब्सिडी।
- मार्जिन मनी अनुदान:
- परियोजना लागत का 25% तक (अधिकतम ₹25 लाख) अनुदान।
- परियोजना लागत की सीमा:
- निर्माण इकाइयों के लिए: अधिकतम ₹10 करोड़।
- सेवा इकाइयों के लिए: अधिकतम ₹5 करोड़।
- व्यापार इकाइयों के लिए: अधिकतम ₹1 करोड़।
- अन्य प्रोत्साहन:
- 7 वर्षों तक 100% SGST प्रतिपूर्ति।
- भूमि रूपांतरण शुल्क में 100% छूट।
- SC/ST उद्यमियों के लिए औद्योगिक भूमि का आरक्षित आवंटन, जिसमें भूमि का आकार 2,000 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 4,000 वर्ग मीटर किया गया है।
- मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 1% अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी।
- परियोजना लागत का 15% तक पूंजीगत अनुदान (अधिकतम ₹2 करोड़)।
- भूमि खरीद, लीज, और ऋण दस्तावेजों पर 100% स्टाम्प ड्यूटी में छूट।
पात्रता मानदंड:
- आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी हो।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष हो।
- आवेदक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग का हो।
- आवेदक किसी सरकारी सेवा में कार्यरत न हो।
- उद्यम में आवेदक की कम से कम 51% हिस्सेदारी हो।
- आवेदक किसी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफॉल्टर न हो।
- आवेदक मानसिक रूप से स्वस्थ हो और दिवालिया घोषित न हुआ हो।
आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- बीपीएल कार्ड (यदि लागू हो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- जन आधार कार्ड
आवेदन प्रक्रिया:
- आवेदक राजस्थान सरकार के सिंगल साइन-ऑन (SSO) पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- निकटतम ई-मित्र केंद्र पर जाकर भी आवेदन किया जा सकता है।
- जिला उद्योग केंद्र (DIC) के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।
अतिरिक्त सहायता:
- राज्य सरकार ने इस योजना के लिए ₹100 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।
- ऋण की वापसी अवधि 7 वर्ष निर्धारित की गई है।
- CII और DICCI के सहयोग से ₹100 करोड़ के बजट से “इनक्यूबेशन और प्रशिक्षण केंद्र” स्थापित किया जाएगा।
- RIICO और राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड (RVCF) द्वारा 10% भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
इस योजना के माध्यम से राजस्थान सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को स्वरोजगार और उद्यमिता में सहयोग प्रदान कर औद्योगिक विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाना चाहती है, ताकि सभी वर्गों को आर्थिक विकास का समान अवसर मिल सके।
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