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जिन डीलर्स से अभी तक छूट गई है उनके लिए एक GST एमनेस्टी लाई जानी चाहिए

जीएसटी में ई – इन्वोइसिंग की सीमा समय – समय पर तय की गई है लेकिन इसकी विशेष बात यह है कि इसके लिए निर्धारित टर्नओवर की सीमा जीएसटी लगने की तारीख अर्थात 2017 से तय होती है अर्थात यदि एक डीलर का टर्नओवर जीएसटी लगने के बाद “किसी भी” वित्तीय वर्ष में यदि एक निर्धारित सीमा से अधिक है (जैसे 1 अगस्त 2023 से यह घटा कर सीमा 5 करोड़ रूपये हो गई है) तो उस डीलर पर ई – इन्वोइसिंग के प्रावधान लागू हो जायेंगे.

अब इसमें समस्या यह है कि जीएसटी लागू हुए अब लगभग 7 वर्ष होने को आये हैं तो इस समय यदि किसी डीलर का टर्नओवर पिछले वर्ष 5 करोड़ के आस – पास है तो फिर भी उसे ध्यान रह सकता है कि उस पर ई – इन्वोइसिंग के प्रावधान लागू हो गए हैं लेकिन यदि मान लीजिये कि उसी डीलर का टर्नओवर 2017-18 या 2018-19 में 5 करोड़ से ज्यादा था लेकिन इस समय अर्थात 2019-20 और उसके बाद वाले वर्षों में यह टर्नओवर मान लीजिये 1 करोड़ या 3 करोड़ ही है तो फिर हो सकता है कि इस तरह का डीलर ई – इन्वोइसिंग करना भूल गया हो जो कि केवल एक प्रक्रियात्मक भूल ही है.

पिछले सारे सालों के टर्नओवर में से चुनना कि जीएसटी लगने के बाद किसी भी एक वर्ष में  टर्नओवर एक निश्चित सीमा को पार कर गया हो,  जैसे कि 5 करोड़ रूपये,  ही इस प्रावधान को थोड़ा अजीब बनाता है . यह अजीब प्रावधान  प्रारम्भ में नहीं था और उस समय केवल पिछले वित्तीय वर्ष को ही देखना था लेकिन व्यवहारिक रूप से जब यह प्रावधान लागू हुआ तब इसे संशोधित कर “पिछले किसी भी वित्तीय वर्ष” कर दिया गया और इसी कारण बहुत से डीलर्स से यह चूक होनी संभव है . यह सही है कि डीलर्स को कानून का पालन करना चाहिए लेकिन इस तरह से भ्रम में चूक होना संभव है और ऐसी चूक कई जगह हुई है.

जो डीलर्स ई – इन्वोइसिंग से चूक गए हैं उनकी मंशा ऐसी भूल करके  कर चोरी करने की तो हो ही नहीं सकती क्यों कि उन्होंने अपनी यह बिक्री , जहाँ भी लागू है वहां  ई -वे बिल के तहत तो ली ही है और इसके अतिरिक्त अपने GSTR-1 में तो दिखाई ही है तो फिर यदि वे अब भी इन सभी बिलों के लिए ई – इन्वोइसिंग कर देते हैं तो एक एमनेस्टी के तहत उन्हें माफ़ी दे दी जानी चाहिए क्यों कि यह केवल मात्र एक प्रक्रियात्मक भूल है जिसके सुधार का मौका इसलिए भी दिया जाना चाहिए क्यों कि इस भूल का टैक्स की चोरी या टैक्स को बचाने से कोई सम्बन्ध नहीं है.

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