शादी का मौसम या मौका दुल्हा-दुल्हन की आयकर फाइल बनाने का सबसे उपयुक्त समय होता है. मात्र कागजात बनाकर और सही ढंग से रिकार्ड कर पूंजी या आय बनाई जा सकती है जिस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यानि न हींग लगे न फिटकरी और रंग चोखा ही चोखा.
कैसे और क्या कहते हैं आयकर के प्रावधान:
1. शादी के मौके पर प्रायः यह देखा जाता है कि कागजात और रिकॉर्ड नहीं रखने के कारण शादी में मिली कैश एवं कांइड गिफ्ट हम साबित नहीं कर पाते.
2. क्यों कि अभी शादी का मौसम चल रहा है तो, क्यों न हम रिकॉर्ड रखने की प्रक्रिया को भी इवेंट मैनेजमेंट का हिस्सा बना लें.
3. आयकर प्रावधान के अनुसार शादी के मौके पर मिली किसी भी प्रकार की गिफ्ट, उपहार, प्रापर्टी, आदि पूर्णतः आयकर मुक्त होती है चाहे कितनी भी उसकी कीमत क्यों न हो.
4. शायद इसीलिए आप देखते हैं कि बड़ी शादियों में लोग खुलकर गिफ्ट बाज़ी करते हैं, पूंजी बनाते हैं, पैसे को एक नंबर का बनाते हैं और आयकर से भी बच जाते हैं.
5. लेकिन जो बात मूलतः ध्यान रखने योग्य है, कि आयकर मुक्त का लाभ सिर्फ और सिर्फ शादी कर रहे जोड़े को ही मिलेगा – अन्य किसी भी रिश्तेदार या माता-पिता भाई-बहन को नहीं.
6. दूसरी मुख्य अन्य किसी मौके पर या और किसी से मिली थर्ड पार्टी गिफ्ट यदि सकल मूल्य साल में ५०००० रुपए से अधिक है तो आय मानी जावेगी और उस पर टैक्स देना होगा.
7. मतलब यह है कि रिश्तेदार से मिले उपहार हमेशा आयकर मुक्त होते हैं लेकिन शादी के मौके पर हर किसी से मिलें उपहार भी करमुक्त होते हैं.
8. यह बात भी ध्यान रखनी होगी कि उपहार शादी के समय के आसपास मिला हो, कहने का मतलब हफ्ते दस दिन आगे पीछे उचित समय होता है. बहुत अधिक देरी या समय में अंतर इसे आय मान्य करेगा.
9. दुल्हा-दुल्हन का पेन आधार नंबर हो और लिंक भी हो तो ज्यादा अच्छा एवं बैंक खाता भी एक्टीवेट हो.
10. सबसे आखिरी और मुख्य बात शादी के मौके पर मिली गिफ्ट, उपहार, प्रापर्टी, आदि के उचित कागजात और रिकॉर्ड भी हो- जैसे गिफ्ट देने वालों के नाम पते, प्रापर्टी या निवेश के कागजात, बैंक स्टेटमेंट, कैश गिफ्ट का रिकॉर्ड, उपहारों के इनवाइस वारंटी पेपर, इत्यादि. कभी जरूरत पर काम में आ सकते हैं.
आजकल डेस्टीनेशन वेडिंग का प्रचलन है, ऐसे में इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी को अन्य प्रबंधन के अलावा गिफ्ट रिकॉर्ड कीपिंग का काम भी दिया जा सकता है जिससे दुल्हा-दुल्हन और रिश्तेदार शादी इंजाय करें.
तभी सही मायनों में हम कहेंगे कि गिफ्ट भी मिलें, टैक्स भी नहीं लगे, पूंजी भी बनें और दुल्हा-दुल्हन की आयकर फाइल का आधार भी मजबूत बनें. मात्र कुछ सावधानी और रिकॉर्ड प्रक्रिया से शादी के माहौल को खुशनुमा बनाते हुए हम कह सकते हैं कि न हींग लगे न फिटकरी और रंग चोखा ही चोखा.
सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर ९८२६१४४९६५