Case Law Details
माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की डिवीज़न बेंच के न्यायाधीशगण जस्टिस श्री के. एस झवेरी व जस्टिस श्री विजय कुमार व्यास द्वारा Rajasthan Tax Consultants Association vs. Union of India & Ors. [D.B. Civil Writ Petition No. 15239/2017] के मामले में याचिकाकर्ता एसोसिएशन द्वारा दायर की गई रिट की सुनवाई की गई जिसमे जीएसटीएन पोर्टल में लगातार आ रही तकनीकी समस्याओं का उल्लेख किया गया l अधिवक्ता श्री संजय झंवर (चिर अमृत) ने याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से इस मामले में तर्क दिया। सुनवाई के दौरान श्री झंवर ने जीएसटीएन पोर्टल के संचालन के दौरान करदाताओ को आ रही परेशानियो तथा सरकार एवं जीएसटीएन की अधूरी तयारी पर प्रकाश डाला। वस्तु एवं सेवाकर विभाग की तरफ से अधिवक्ता आर. डी रस्तोगी (अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल) ने अपना पक्ष रखते हुए यह तर्क दिया कि जीएसटीएन पोर्टल अभी अपने प्रारंभिक चरण में ही है एवं उचित समय पर सभी त्रुटियों/समस्याओं का समाधान हो जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान माननीय बेंच द्वारा दिनांक 20.09.2017 को निम्नलिखित अंतरिम राहत प्रदान की गई:
- इसके अतिरिक्त, केंद्रीय और राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग को मुद्दों के समाधानो के लिए अलग-अलग जिलो की ईमेल आई डी अधिवक्ता संजय झंवर को प्रदान करने के निर्देश दिए गए। न्यायालय ने यह भी निर्देशित किया है कि एक पंजीकृत व्यक्ति जीएसटीएन पोर्टल में किसी भी तकनीकी त्रुटी के विषय में संबंधित जिला अधिकारी को ईमेल भेज सकता है और विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा की उक्त समस्या का जल्द से जल्द इसका निवारण हो।
- साथ ही पंजीकृत व्यक्ति द्वारा तकनीकी समस्याओं के कारण फॉर्म फाईलिंग में हुई देरी की सूचना यदि सम्बंधित अधिकारी को दे दी गई हैं तो पंजीकृत व्यक्ति से किसी भी प्रकार का कोई भी विलम्ब शुल्क, ब्याज या जुर्माना नहीं वसूला जाएगा और न ही किसी प्रकार का कोई मुकदमा दायर किया जाएगा l
- जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति जो दिनांक 16.08.2017 तक कम्पोजीशन स्कीम का लाभ नहीं उठा पाए, के आवेदनों को दिनांक 01.07.2017 से स्वीकार माने जाएँगे l यदि कोई भी व्यक्ति जीएसटीएन पोर्टल के माध्यम से निर्धारित समय सीमा में आवेदन नहीं कर पाया तो अब वे संबंधित जिला अधिकारी को जरिये ई मेल आवेदन पत्र भेज सकते हैंl
- पोर्टल की तकनिकी समस्याओं की वजह से होने वाली किसी भी अन्य असुविधा का तीव्र निवारण करने का भी आदेश दिया गया है |
माननीय न्यायालय द्वारा यह साफ़ तौर पर निर्देशित किया गया की यह अंतरिम राहत केवल राजस्थान राज्य के करदाताओ के लिए हैं l इस मामले की अगली सुनवाई 05.10.2017 को रखी गई हैं|
Compiled by: Rahul Lakhwani, Senior Associate, Chir Amrit Legal LLP, 6th Floor, ‘Unique Destination’,Opp. Times of India, Tonk Road, Jaipur-302015
This is very correct, shall be applicable for whole country. This tax system being new and complicated and all compliances are by online & technical system, for Dealer, Practioners, first six months should allowed as educational period. Which will help to understand get used for this new law & Technical system. and also GSTN can over roll technical problems in this course period. Hence Govt. should exempt penalty/late fees for first six month, as there will no loss of any tax to Govt. Since this is new, errors,technical problems,many compliances(filing monthly 4-5, returns,trans-1,etc,.), payment only by on-line, it is difficult for such huge no.s of dealers to comply everything before deadline in the intial stage of new tax system. Govt is exercising fast&hard rule. it’s harsh paying penalty of rs.200 for everyday, for delayed compliances, and due to technical errors.