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मेरठ टैक्स बार एसोसिएशन रजिस्टर्ड मेरठ में आयोजित शैक्षिक सभा दिनांक 13.12.2024 में मुख्य वक्ता के रूप में जीएसटी की धारा 128A, 16(5) 16(6) और GSTR 9 से संबंधित विषय पर संबोधन।

आदरणीय अधिवक्ता बंधु,

नमस्कार

आज इस सभा के अवसर पर मुझे जीएसटी अधिनियम 2017 के अंतर्गत स्पेशल प्रोसीजर लॉ (Special procedure Law)के तहत एमनेस्टी स्कीम 2024 तथा GSTR 9 update  के संबंध में अवगत कराने का अनुरोध हुआ है ।जिसके तहत मैं आपका स्वागत करते हुए आप विद्वान अधिवक्ता बंधु के समक्ष सर्वप्रथम एमनेस्टी स्कीम 2024 के अंतर्गत स्पेशल प्रोसीजर लॉ (Special Procedure  Law )की प्रक्रिया के संबंध में निम्न प्रकार अपनी बात आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं-

धारा 128ए और की समीक्षा –

कर विवादों को कम करने और करदाताओं को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए, जीएसटी परिषद ने 22 जून, 2024 को आयोजित अपनी 53वीं बैठक में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिस या आदेशों (यानी धोखाधड़ी, दमन या जानबूझकर गलत बयानी आदि से जुड़े मामले नहीं) में ब्याज और दंड की छूट की सिफारिश की थी। इस छूट का लाभ उठाने के लिए शर्त यह है कि मांगे गए पूरे कर का भुगतान 31.03.2025 को या उससे पहले किया जाए।

उपरोक्त के मद्देनजर, सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 164 को अधिसूचना संख्या 20/2024 दिनांक 8 अक्टूबर 2024 के माध्यम से अधिसूचित किया गया था। यह 1 नवंबर 2024 से प्रभावी हैं। यह नियम उक्त छूट योजना के लिए प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देश प्रदान करता है। 

धारा 128A की आवश्यकता क्यों?

जीएसटी अधिनियम 2017 में धारा 128 के अंतर्गत धारा 47,122, 123, और 125 के संबंध में माफी का प्रावधान है ,क्योंकि धारा 128 में धारा 73 या 74 के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। इसलिए जीएसटी अधिनियम में वित्त विधेयक संख्या 2 दिनांक 16 अगस्त 2024 से धारा 128 A को जोड़ा गया है, जिसमें धारा 73 और अपवाद स्वरूप धारा 74(1) को शामिल करते हुए ब्याज और अर्थदंड की माफी की योजना लागू की गई है। साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए नियम 164 को भी लागू किया गया है।

जीएसटी में एमनेस्टी स्कीम के संबंध में प्रकिया ।

यह कि धारा 128A, में सामान्य जानकारी और इस एमनेस्टी स्कीम में शामिल कैसे हो? कर भुगतान(Tax Paid) की प्रक्रिया क्या हैं?

सार-

यह कि जीएसटी अधिनियम 2017 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए एक एमनेस्टी स्कीम लाई की गई है जिससे दिनांक 1 नवंबर 2024से प्रभावी किया गया है , हम इस लेख के माध्यम से यह बता रहे है कि इस स्कीम का आधार नियम, शर्ते क्या है ?तथा करदाता द्वारा कर भुगतान(Tax Paid )की प्रक्रिया किस प्रकार होगी?

यह कि हाल में धारा 16 और128A के तहत जीएसटी प्रावधानों में महत्वपूर्ण अपडेट प्रस्तुत किया है, यह कि धारा 128A वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए ब्याज और दंड पर राहत प्रदान करती है।

पात्रता – जिस करदाता के विरुद्ध धारा 73 और अपवाद स्वरूप धारा 74(1) के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया या धारा 73 (9) के तहत आदेश पारित किया गया है।

शर्त

(a) यह कि 31 मार्च, 2025 तक पूर्ण कर(Tax ) का भुगतान होना चाहिए।

(b) यह कि धारा 73 के तहत मांगों से संबंधित अपीलों को वापस लेना आवश्यक किया है। 

(c) यह कि करदाता धोखाधड़ी के अंतर्गत मांग (धारा 74) को नियमित मांग (धारा 73) में संशोधित करने वाले अपीलीय निर्णय प्राप्त करने की तिथि से छह महीने के भीतर फॉर्म एसपीएल-02 (SPL 02)का उपयोग करके राहत आवेदन दायर कर सकते हैं। 

प्रतिबंध 

यह कि धारा 128ए में कुछ दंड शामिल नहीं हैं, जिनमें देरी से दाखिल रिटर्न  के लिए दंड शामिल हैं। या गलत रिफंड क्लेम या गलत बयानी के case शामिल हैं।

प्रक्रियागत प्रस्तुतियाँ और अपील के लिए एसपीएल फॉर्म(SPL FORM) Special Procedure Law के अंतर्गत प्रदान किए हैं।

हिदायत 

जबकि कई डिमांड नोटिसों के लिए अलग-अलग आवेदन की आवश्यकता होगी। अर्थात जितने डिमांड आर्डर जारी किए गए है उनके सापेक्ष उतने SPL 01/ 02 अप्लाई करने होगे।

यह कि धारा 128 A: ब्याज और जुर्माने से राहत केवल वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए लागू कीगई हैं। जिसकी शर्तें निम्न प्रकार हैं 

a. यह कि 31.03.2025 तक मांगे गए कर(Tax )की पूरी राशि का भुगतान हो।

b. यह कि धारा 73 के तहत जारी मांग के लिए और

c. यदि कोई अपील की गई है तो उसे पहले वापस ले लिया जाना चाहिए।

कर निम्नलिखित मामलों में देय

क्रम संख्या  विषय  निर्धारित फॉर्म 
1. धारा 73 के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया लेकिन आदेश नहीं हुआ। SPL 01 
2. धारा 73 के अंतर्गत आर्डर जारी हो किया गया ,लेकिन अपील अथॉरिटी द्वारा धारा 107 या 108 में आदेश पारित नहीं किया गया। SPL 02 

यह कि जहां अपीलीय प्राधिकरण, न्यायाधिकरण, न्यायालय द्वारा धोखाधड़ी आदि के आरोप स्थापित न किए जाने के कारण धारा 74 से 73 में परिवर्तन होता है, तो आदेश के संचार की तिथि से छह महीने के भीतर धारा 128 A लागू करने के लिए एसपीएल-02(SPL 02)में आवेदन  किया जाएगा।

यह कि ब्याज और जुर्माना पहले ही भुगतान किया जा चुका है – बशर्ते कि जहां ऐसा ब्याज और जुर्माना पहले ही भुगतान किया जा चुका है, उसका कोई रिफंड उपलब्ध नहीं होगा। अर्थात जैसा है वैसे के आधार पर।

धारा 128 A के तहत कर का भुगतान:-

यह कि कर का भुगतान उक्त आदेश द्वारा बनाई गई डेबिट प्रविष्टि के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक देयता रजिस्टर में राशि जमा करके किया जाना चाहिए। 

A. यह कि करदाता जब जीएसटी पोर्टल पर अपना खाता लॉगिन करेगा, तो उसमें मांग पत्र डीआरसी 07 (DRC 07) के माध्यम से मांग जमा करने का प्रावधान किया गया है ।इसलिए करदाता को डिमांड में जाकर अपने लेजर से डिमांड में कर(Tax )को जमा करना होगा ।

B. यदि किसी करदाता ने डिमांड को त्रुटिवश डीआरसी 03(DRC 03)के माध्यम से कर जमा कर दिया है, उस स्थिति में उसे पहले डीआरसी 03 ए (DRC 03 A)का प्रयोग करते हुए उस मांग में संशोधन करना होगा, तभी इस स्कीम में भाग लिया जा सकता है।

(Advisory for Form GST DRC-03A 5 nov.2024)

C. यदि धारा 73 के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है तो करदाता डीआरसी 03(DRC 03)के माध्यम से कर की मांग को जमा कर सकता है।

टिप्पणी यह कि इस स्कीम में भाग लेने के लिए 31 मार्च 2025 से पूर्व यह कर जमा होना चाहिए ,अर्थात करदाता को पहले कर  का पूर्ण भुगतान करना होगा उसके पश्चात ही 31 मार्च 2025 तक SPL01/SPL 02 द्वारा इस स्कीम में ब्याज और पेनल्टी से राहत प्राप्त की जा सकती है।

धारा 128A इन पर लागू नहीं होती है –

a. गलत रिफंड की मांग

b. रिटर्न देर से दाखिल करने पर ब्याज, जुर्माना

c. देरी से दाखिल करने पर शुल्क

E प्रक्रिया में प्रयुक्त फॉर्म –

फॉर्म SPL-01/02: करदाता द्वारा दाखिल किया जाएगा, (यदि कई आदेश/नोटिस जारी किए हैं, तो सभी के लिए अलग अलग SPL 01/02 अप्लाई होगे)

फॉर्म SPL-03: अधिकारी द्वारा यदि आपत्ति है 

 फॉर्म SPL-04: करदाता द्वारा आपत्ति का जबाव 

फॉर्म SPL-05: यदि प्रॉपर ऑफिसर द्वारा स्वीकार किया जाता है, ↓

फॉर्म SPL-07: प्रॉपर ऑफिसर द्वारा अस्वीकार 

SPL-06 में अपील प्रस्तुत करने का विकल्प है,जो 

मांग SPL-07 के विरुद्ध होगी।

टिप्पणी

A. यह कि SPL 01/ 02 जनवरी 2025 में जारी होने की घोषणा की गई है।(8.11.2024 की एडवाइजरी के मुताबिक)

B. यह कि करदाता को पहले कर जमा करना होगा।

C. यदि अपील वापसी की रसीद अपलोड करना है।

D. अपीलीय प्राधिकारी 1माह में Apl 04 आदेश करेगा।

1. (ADVISORY FOR WAIVER SCHEME UNDER SECTION 128A/8 Nov.2024)

2. Notification No.21/2024/8.10.2024

2.केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 16 की उप-धाराओं (5) और (6) के संबंध में स्पष्टीकरण

धारा 16 (5)( 6) की आवश्यकता क्यों?

यह कि जीएसटी अधिनियम 2017 में धारा 16(5) और (6)को क्यों लाया गया है? यह विचारणीय बिंदु है ,क्योंकि मान्य सुप्रीम कोर्ट और कई उच्च न्यायालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि धारा  16 (2)(c) &(4) को उनके द्वारा संवैधानिक मान्यता दी गई है, क्योंकि जीएसटी जुलाई 2017 से जल्दबाजी में लागू किया गया कानून है, जिसके कारण बहुत सी कमी इस कानून में है ,उन कमी के कारण करदाता को बहुत अधिक नुकसान हुआ है ,जिसको सुधारने के लिए सरकार ने वित्त विधेयक संख्या 2 प्रभावी दिनांक 16 अगस्त 2024 से धारा 16(4) के सापेक्ष धारा 16(5) और( 6 )को पूर्वगामी दिनांक 1 जुलाई 2017 से लागू किया है तथा वर्ष 2017- 18 से 2020-21 तक इसे लागू किया गया है ।यदि किसी करदाता ने 30 नवंबर 2021 तक धारा 39 के अंतर्गत अपना रिटर्न फाइल किया है ,तो धारा 16(5) का लाभ एक प्रक्रिया के तहत वह ले सकता है।

जिसमें विशेष रूप से इनपुट टैक्सक्रेडिट (ITC) के दावों और कर में राहत का प्रावधान  किया गया हैं।

यह कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने धारा16(4) की वैध घोषित किया है।जिससे जीएसटी विभाग इनपुट टैक्स क्रेडिट की नियमावली को बढ़ावा मिला है।

ये संशोधन धारा 73 और 74 के तहत जीएसटी कार्यवाही में धारा 16 को अपडेट किया गया है और लागू करने की अनुमति देते हैं। 

यह कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 16 की उप-धाराओं (5) और (6) के संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया है जिसमें सभी शंकाओं, शर्त और नियमों का विवरण दिया गया है , जिसका स्पष्टीकरण बिंदुवार प्रस्तुत किया जा रहा है –यह कि CBIC बोर्ड ने स्पष्टीकरण जारी किया है, जो 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी हों गया है। वित्त (सं. 2) अधिनियम, 2024 के माध्यम से पेश किया गया यह परिवर्तन विशिष्ट मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्राप्त करने की समय सीमा को पूर्वव्यापी रूप से बढ़ाता है। 

धारा 16 की उपधारा (4) में वर्णित किया गया है कि पंजीकृत व्यक्ति किसी भी चालान या डेबिट नोट के लिए उस वित्तीय वर्ष के आगामी 30 नवंबर तक या वार्षिक रिटर्न दाखिल करने पर, जो भी पहले हो, आईटीसी का दावा  कर सकता है। लेकिन, मार्च 2019 तक दाखिल किए गए वित्त वर्ष 2017-18 के चालान के लिए एक अपवाद है, यदि आपूर्तिकर्ता द्वारा विवरण अपलोड किए गए थे। तो मार्च 2019तक लाभ प्राप्त होगा।

1. यह कि धारा 16 उप-धारा (5) वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 से संबंधित चालानों के लिए आईटीसी दावों की अनुमति देती है, यदि रिटर्न 30 नवंबर, 2021 तक दाखिल किया जाता है।

2. यह कि धारा 16 यदि उप-धारा (6) आईटीसी दावों के लिए प्रावधान करती है यदि करदाता का पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है, लेकिन बाद में बहाल कर दिया जाता है, तो विशिष्ट समय सीमा के भीतर दायर चालानों के लिए आईटीसी की अनुमति देता है। इसके अतिरिक्त, वित्त (सं. 2) अधिनियम, 2024 की धारा 150 स्पष्ट करती है कि इन पूर्वव्यापी संशोधनों के कारण भुगतान किए गए करों या उलटे आईटीसी के लिए कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा। अर्थात यदि पूर्व में कोई कर जमा कर दिया है तो वापस नहीं होगा।

विशेष – यह कि जारी अधिसूचना संख्या 22/2024 दिनांक 8अक्टूबर 2024 के अनुसार, उन करदाताओं के लिए एक विशेष सुधार प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की गई है, जिन्हें गलत तरीके से आईटीसी प्राप्त करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या 74 के तहत आदेश प्राप्त हुए थे। जिन करदाताओं ने इन आदेशों के विरुद्ध अपील नहीं की है, वे नए सम्मिलित प्रावधानों के आधार पर सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। जीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (5) या उप-धारा (6) के पूर्वव्यापी रूप से सम्मिलित प्रावधानों के कारण लाभ प्राप्त करने के लिए कर अधिकारियों और/या करदाताओं द्वारा विभिन्न परिदृश्यों में निम्न कार्रवाई की जा सकती है-

1. यदि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के अंतर्गत कोई मांग नोटिस/विवरण जारी नहीं किया गया है?

CBIC बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यदि आईटीसी के गलत लाभ के संबंध में जांच शुरू की गई है, लेकिन सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या 74 के तहत कोई मांग नोटिस जारी नहीं किया गया है, तो करदाता अभी भी सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (5) या (6) के तहत आईटीसी का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे मामलों में, उचित अधिकारी को इन उप-धाराओं को 1 जुलाई, 2017 से पूर्वव्यापी रूप से मान्यता देनी चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें ऐसे मामले शामिल हैं, जहाँ उप-धारा (4) के कथित उल्लंघन के कारण आईटीसी से इनकार करने के लिए फॉर्म DRC-01ए में सूचना जारी की गई है, बशर्ते कोई डिमांड नोटिस जारी न किया गया हो। 

2. यदि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के तहत मांग नोटिस/विवरण जारी किया गया है, लेकिन न्यायनिर्णयन प्राधिकारी द्वारा सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के तहत कोई आदेश जारी नहीं किया गया है?

सीबीआईसी(CBIC )ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में, न्यायाधिकरण को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (5) और (6) को स्वीकार करना होगा, जो 1 जुलाई, 2017 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होगी, और सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या 74 के तहत आवश्यक आदेश जारी करना होगा।

3. यदि  सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के तहत आदेश जारी किया गया है और सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 के तहत अपील प्राधिकारी के पास अपील दायर की गई है, लेकिन अपील प्राधिकारी द्वारा सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 के तहत कोई आदेश जारी नहीं किया गया है?

CBIC ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में अपीलीय प्राधिकरण को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (5) और (6) को मान्यता देना आवश्यक है, जिन्हें 1 जुलाई, 2017 को पूर्वव्यापी रूप से लागू किया गया था, और सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 के तहत उचित आदेश जारी करना आवश्यक है।

4. यदि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के तहत आदेश जारी किया गया है और पुनरीक्षण प्राधिकरण ने सीजीएसटी अधिनियम की धारा 108 के तहत कार्यवाही शुरू की है, लेकिन पुनरीक्षण प्राधिकरण द्वारा सीजीएसटी अधिनियम की धारा 108 के तहत कोई आदेश जारी नहीं किया गया है?

सीबीआईसी(CBIC )ने स्पष्ट किया कि पुनरीक्षण प्राधिकरण को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (5) और (6) को मान्यता देनी चाहिए, जो 1 जुलाई, 2017 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी थीं, और सीजीएसटी अधिनियम की धारा 108 के तहत उचित आदेश जारी करना चाहिए।

5. यदि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के तहत आदेश जारी किया गया है, लेकिन उक्त आदेश के खिलाफ अपीलीय प्राधिकारी के पास कोई अपील दायर नहीं की गई है, या जहां सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 या धारा 108 के तहत आदेश अपीलीय प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, लेकिन उक्त आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण के पास कोई अपील दायर नहीं की गई है?

CBIC बोर्ड ने स्पष्ट किया कि जिन करदाताओं को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73, 74, 107, या 108 के तहत आदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें धारा 16 की उप-धारा (4) के उल्लंघन के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट के गलत लाभ की मांग की पुष्टि की गई है, वे अब सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह तब लागू होता है जब इनपुट टैक्स क्रेडिट धारा 16 की उप-धारा (5) या (6) के तहत उपलब्ध है, और आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई है।

सुधार की प्रक्रिया- 

यह कि करदाताओं को आवेदन को जारी अधिसूचना संख्या 22/2024 – केंद्रीय कर 8 अक्टूबर, 2024 के अनुसार सीजीएसटी अधिनियम की धारा 148 में उल्लिखित विशेष प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और अधिसूचना की तारीख से छह महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। 

करदाता को जीएसटी पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं । CBIC बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि करदाताओं को सुधार आवेदन दाखिल करते समय अधिसूचना संख्या 22/2024- केंद्रीय कर/8. अक्टूबर 2024 के अनुलग्नक ए में निर्धारित जानकारी शामिल करनी होगी। इसमें सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 की उपधारा (4) के उल्लंघन के कारण दावा किए गए गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबंधित मूल आदेश में पुष्टि की गई किसी भी मांग का विवरण शामिल है, जो अब उसी धारा की उपधारा (5) या (6) के तहत पात्र है। सुधार के लिए आवेदन उस अधिकारी द्वारा संभाला जाएगा जिसने मूल आदेश जारी किया था। इस अधिकारी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह आवेदन पर निर्णय ले और आवेदन की तिथि से तीन महीने के भीतर आदेश जारी करे। यदि अधिकारी कोई सुधार करता है, तो उसे सुधारे गए आदेश का सारांश इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपलोड करना होगा।

A  धारा 73 या 74 के तहत आदेशों के लिए फॉर्म DRC-08 में, और

B धारा 107 या 108 के तहत आदेशों के लिए फॉर्म GST APL-04 में। अपने आवेदन की समीक्षा करते समय, अधिकारी को धारा 16 की उपधारा (4) के उल्लंघन से  इनपुट टैक्स क्रेडिट से इनकार करने के अन्य आधारों पर भी विचार करना चाहिए, जैसा कि धारा 73 या 74 के तहत जारी प्नोटिस में उल्लेख किया गया है। यदि सुधार करदाता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, तो अधिकारी को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करना होगा।

करदाता को उपचार –

सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 या 112 के तहत किसी भी संशोधित आदेश के खिलाफ निर्धारित समय सीमा के भीतर अपील कर सकते हैं। वित्त (सं. 2) अधिनियम, 2024 की धारा 150 के अनुसार, यदि धारा 16 की उपधारा (4) के उल्लंघन के कारण पहले भुगतान किया गया था या उलट दिया गया था, तो कर की वापसी या इनपुट टैक्स क्रेडिट का उलटा उपलब्ध नहीं होगा, जैसा है वैसा रहेगा के अंतर्गत भले ही इनपुट टैक्स क्रेडिट अब उपधारा (5) या (6) के तहत योग्य हो।

यह कि CBIC बोर्ड ने परिपत्र में कहा, कि धारा 73, 74, 107 या 108 के तहत आदेशों के लिए सुधार आवेदन केवल अधिसूचना संख्या 22/2024-केंद्रीय कर में उल्लिखित विशेष प्रक्रिया के तहत अधिसूचना तिथि से छह महीने के भीतर दायर किया जा सकता है। यह तभी लागू होता है जब आदेश में उपधारा (4) के अनुसार गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट के मुद्दे शामिल हों और जहां ऐसा क्रेडिट अब उपधारा (5) या (6) के तहत पात्र है। यदि कोई विचाराधीन विषय  मौजूद नहीं है, तो करदाताओं को निर्धारित समय के भीतर सीजीएसटी अधिनियम की धारा 161 के तहत सुधार के लिए आवेदन करना होगा। यदि कोई करदाता विशेष प्रक्रिया के तहत सुधार आवेदन प्रस्तुत करता है, लेकिन यह निर्धारित किया जाता है कि आदेश धारा 16 की उपधारा (4) के किसी भी उल्लंघन को संबोधित नहीं करता है, तो अधिकारी यह देखते हुए आवेदन को अस्वीकार कर देगा कि यह अधिसूचना संख्या 22/2024-केंद्रीय कर के अंतर्गत नहीं आता है, और अस्वीकृति के कारणों को स्पीकिंग ऑर्डर  के द्वारा जारी करेगा।

निष्कर्ष

उपरोक्त स्पष्टीकरण से स्पष्ट है कि यदि करदाता को वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक धारा 16 (5) और (6 )के अंतर्गत कोई राहत चाहिए तो दिनांक 1 नवंबर 2024 से सुधार प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिस पर प्रॉपर अधिकारी द्वारा अधिसूचना संख्या 22/ 2024/. दिनांक 8 अक्टूबर 2024 का उल्लेख करते हुए प्रस्तुत सुधार प्रार्थना पत्र को स्वीकार  या अस्वीकार  की कार्यवाही करनी होगी। कई करदाताओं को इस अधिसूचना के माध्यम से लाभ प्राप्त होगा।

Case Law – Anand Steel  v/s Union Of India, 2164/2024 MP High Court Decision Date 22.11.2024 ,Writ Petition statement, Paragraph No 15,16,17 and 18 /Most Important Matter discus by Hon’ble  Court.

जीएसटी R 9 update (F Y 2023-24)

यह कि वित्तीय वर्ष 2023 -24 के लिए जीएसटी R 9 के संबंध में संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है

1. यह कि जीएसटी R 9 की टेबल 1-3 ऑटो पापुलेटेड है।

2. यह कि जीएसटी R 9 की टेबल 4,5, 6 और 7 वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए अनिवार्य हैं। और केवल वित्तीय वर्ष 2023 -24 का डाटा ही आएगा।

3. यह कि जीएसटी R 9 की टेबल 4 में sub टेबल G- 1में ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा धारा 9(5) की एंट्री करनी होगी और टेबल 5  के sub टेबल C-1 में सप्लायर द्वारा एंट्री करनी होगी। यह परिवर्तन  फाइनेंशियल ईयर 2023- 24 के अंतर्गत आया है। 

4. यह कि जीएसटी R 9 की टेबल 6 में कोई परिवर्तन नहीं है।

5. यह कि जीएसटी R 9 की टेबल 7के संबंध में- 

(a) यदि आईटीसी नेट क्लेम किया गया है ,तो टेबल 7 को भरना नहीं चाहिए, और 

(b) यदि आईटीसी को Gross आईटीसी में शामिल करते हुए जीएसटी R 3b फाइल किए गए हैं ,तो सर्वप्रथम पोर्टल से जीएसटी R 3b डाउनलोड करना चाहिए और टेबल 7 को भी भरना और देखना चाहिए।

6. यह कि जीएसटी R 9 की टेबल 8 वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए मुख्य विषय बना हुआ है इसके संबंध में कुछ तथ्य निम्न प्रकार हैं

(ए) वित्तीय वर्ष 2023- 24 में टेबल 8 अब 2b के आधार पर ऑटो पापुलेटेड होगी, (Section 16(2)(aa) date 21.12.21 Notification NO.39/2021/W.e.f 1.01.2022। 

टेबल 8b में आईटीसी  टेबल 6b + 6h के आधार पर शो होगी,

जीएसटीएन द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार यदि वित्तीय वर्ष 2023- 24 की आईटीसी वित्तीय वर्ष  2024- 25 में क्लेम की गई है तो उसे उसे टेबल 8C में दिखाना होगा तथा टेबल 13 में भी उसकी प्रविष्टि करनी होगी।

टिप्पणी 

टेबल 8D प्लस में होनी चाहिए ,यदि टेबल 8D(- )में है तो निश्चित रूप से नोटिस जारी होगा।

7. यह कि जीएसटी 9 की टेबल 9 टैक्स डिटेल्स से संबंधित है।

8. यह कि जीएसटी 9 की टेबल 10 -14 क्रेडिट /डेबिट नोट से संबंधित है जैसे टेबल 10 में कुछ जोड़ना है तो टेबल 13 में उसकी एंट्री करनी होगी।

9. यह की जीएसटी R 9 की टेबल 15 रिफंड से संबंधित है, टेबल 16 में डीम्ड सप्लाई, 0% और कंपोजिशन की परचेज का विवरण है ।

10. यह कि जीएसटी 9 की टेबल 17 में आउटवार्ड सप्लाई  हैं, जिसकी समरी कंपलसरी है ।

टेबल 18 इन वर्ल्ड सप्लाई की हैं ,समरी ऑप्शनल है ,तथा

टेबल नंबर 19 लेट फीस से संबंधित है।

1. Advisory on difference in value of Table 8A and 8C of Annual Returns FY 23-24/09 Dec..2024

2. Important advisory for GSTR-9/9C/15 Oct 2024

बंधुओ,

आशा है कि आज की इस शैक्षिक सभा में मेरे द्वारा प्रस्तुत एमनेस्टी स्कीम 2024 धारा 128 ए और जीएसटी R 9 से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है ।आशा करता हूं कि शैक्षिक सभा से निश्चित रूप से आपको कुछ ना कुछ प्राप्त हुआ होगा। 

यदि कुछ जानकारी में जाने -अनजाने में त्रुटि हो गई है ।तो कृपया उनका संज्ञान ना लें और Act, Rule, Notification, Circular और Advisory से जारी नियमावली का पालन करते हुए अपने प्रोफेशन को आगे बढ़ाएं। 

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मेरा नाम संजय शर्मा हैं।मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में इनडायरेक्ट टैक्सेस में वकालत करता हूं ।तथा मेरी शैक्षिक � View Full Profile

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